शोरा के किसानों को 35 साल बाद मिला अपना सहकारी भवन, खाद वितरण से बदलेगा भविष्य: संयुक्त आयुक्त ने किया उद्घाटन

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रिपोर्टर: संदीप मिश्रा, रायबरेली – कड़क टाइम्स

हरचंदपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव शोरा के किसानों को 35 वर्षों बाद एक बड़ी सौगात मिली है। साधन सहकारी समिति शोरा को आखिरकार नया भवन मिल गया है। अब इस नवनिर्मित भवन में खाद और कृषि सामग्री के वितरण की व्यवस्था शुरू हो चुकी है। किसानों को अब जरूरी संसाधनों के लिए दूर-दराज नहीं भटकना पड़ेगा।

इस खास मौके पर लखनऊ से आए संयुक्त आयुक्त एवं सहकारिता के संयुक्त निबंधक श्री दीपक सिंह ने नवनिर्मित भवन का फीता काटकर उद्घाटन किया। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों, किसानों और ग्रामीणों की भारी भीड़ मौजूद रही।


35 वर्षों बाद मिला भवन: नई शुरुआत की नई कहानी

शोरा की सहकारी समिति की पुरानी इमारत पिछले कई सालों से खंडहर में तब्दील हो चुकी थी। किसानों को खाद और बीज लेने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। कई बार उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता था। लेकिन अब समिति के अध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में नए भवन का निर्माण सफलतापूर्वक हो सका है।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा,
“किसानों की समस्याओं को देखते हुए हमने इस भवन के निर्माण को प्राथमिकता दी। अब यहीं से खाद और अन्य सुविधाएं सुलभ होंगी।”


संयुक्त आयुक्त ने जताया सहयोग, मांगी 10 लाख की मदद

इस मौके पर संयुक्त आयुक्त दीपक सिंह ने किसानों की आवश्यकताओं को समझते हुए बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि वो इस समिति के आगे के विकास कार्यों के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता हेतु मंत्री स्तर पर प्रस्ताव भेजेंगे।

“सहकारी संस्थाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती हैं। शोरा समिति के पुनरुद्धार से यहां के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा,” – दीपक सिंह

उनके इस आश्वासन पर वहां मौजूद ग्रामीणों ने तालियों की गूंज के साथ स्वागत किया।


सम्माननीय अधिकारियों की रही विशेष उपस्थिति

इस कार्यक्रम में सहकारिता विभाग से कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे जिन्होंने समिति की नवनिर्मित संरचना और उसके उद्देश्यों की सराहना की:

  • रत्नाकर सिंह – उपनिबंधक, लखनऊ मंडल
  • रामसागर चौरसिया – एआर कॉपरेटिव
  • बृजेश विश्वकर्मा – महाप्रबंधक, जिला सहकारी बैंक
  • देवेंद्र सिंह उर्फ बबलू – समिति सचिव व आयोजन संयोजक

इन सभी ने ग्रामीण सहकारिता के क्षेत्र में शोरा समिति के प्रयासों को एक मिसाल बताया।


स्थानीय प्रतिनिधियों और ग्रामीणों की भागीदारी

कार्यक्रम में आस-पास के गांवों के प्रधानों, किसानों और सामाजिक नेताओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख नाम:

  • रण बहादुर सिंह – प्रधान, अजमतउल्लागंज
  • धर्मेश लोधी – प्रधान, चौहनिया
  • अतुल कुमार – प्रधान, शोरा
  • हीरालाल यादव, गुरु प्रसाद चौधरी – सामाजिक कार्यकर्ता
  • रामेश्वर यादव, विद्या यादव – पूर्व ग्राम प्रधान
  • राम कुमार सिंह, राजेंद्र सिंह, शिव बहादुर मौर्य – किसान यूनियन प्रतिनिधि

इन सभी ने इस पुनर्निर्माण को किसानों के लिए एक नई उम्मीद बताया।


स्थानीय किसान बोले – अब नहीं जाना पड़ेगा दूर

कई स्थानीय किसानों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अब खाद, बीज, कीटनाशक जैसी आवश्यक वस्तुओं के लिए शहर या ब्लॉक मुख्यालय नहीं दौड़ना पड़ेगा। शोरा समिति अब उनके द्वार तक सुविधाएं पहुंचाएगी।

एक किसान ने बताया:
“अब खेत की जरूरतों के लिए हमें लाइन में खड़े नहीं होना पड़ेगा, समय की बचत होगी और खेती भी समय पर शुरू हो सकेगी।”


आर्थिक विकास की नई संभावना

शोरा समिति का नया भवन केवल एक निर्माण परियोजना नहीं है, यह ग्रामीण क्षेत्र में सहकारी विकास की एक सशक्त मिसाल है। इससे:

  • खाद व बीज की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित होगी
  • किसानों के समय और पैसों की बचत होगी
  • समिति की आय और कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होगी
  • सहकारी आंदोलन को मिलेगा नया बल

निष्कर्ष: एक मजबूत कदम, किसानों के हित में

शोरा समिति का नया भवन और खाद वितरण सेवा निश्चित रूप से क्षेत्रीय किसानों के लिए राहत और नवजीवन की शुरुआत है। यह भवन उनके आर्थिक सशक्तिकरण की नींव रखेगा और सहकारिता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।

संयुक्त आयुक्त दीपक सिंह, अध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह की मेहनत और ग्रामीणों की एकजुटता ने दिखा दिया कि जब नियत साफ और सोच विकासोन्मुख हो, तो बदलाव सिर्फ मुमकिन नहीं बल्कि तय होता है।


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