
रिपोर्ट: मायलक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश | Kadak Times
लालगंज (रायबरेली)।
खेल प्रतिभा को मंच देने और आत्मरक्षा जैसे ज़रूरी कौशल को बढ़ावा देने के लिए रायबरेली ज़िले में एक विशेष ताइक्वांडो कलर बेल्ट टेस्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह आयोजन डॉ. रिज़वी मेमोरियल पब्लिक स्कूल, लालगंज में हुआ, जिसकी मेज़बानी जिला ताइक्वांडो संघ रायबरेली ने की।
इस प्रतियोगिता में जिले के तीन सक्रिय ताइक्वांडो क्लब — लालगंज ताइक्वांडो क्लब, डलमऊ ताइक्वांडो क्लब और एमसीएफ ताइक्वांडो क्लब — के कुल 70 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। टेस्ट के दौरान 53 खिलाड़ियों ने विभिन्न लेवल की बेल्ट प्राप्त की, जबकि कुछ खिलाड़ियों को आगामी टेस्ट की तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया गया।
आयोजन का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को आत्मरक्षा और अनुशासन के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देना था। मार्शल आर्ट्स, खासकर ताइक्वांडो, न केवल शारीरिक बल बढ़ाने वाला खेल है, बल्कि यह आत्मविश्वास, मानसिक दृढ़ता और अनुशासन का भी प्रतीक बन चुका है।
परीक्षा में मूल्यांकन की जिम्मेदारी
इस बेल्ट टेस्ट में मूल्यांकन की ज़िम्मेदारी डिंपी तिवारी और पूनम यादव को सौंपी गई थी, जो ताइक्वांडो में अनुभवी प्रशिक्षक हैं। उन्होंने तकनीकी बारीकियों पर ध्यान देते हुए बच्चों की स्टांस, ब्लॉक, पंच, किक और बालेंस जैसे पहलुओं का परीक्षण किया।
विभिन्न बेल्ट लेवल में सफलता प्राप्त करने वाले खिलाड़ी
टेस्ट में प्रतिभागियों को उनकी स्किल्स और प्रैक्टिस के आधार पर अलग-अलग रंग की बेल्ट दी गई। इसमें व्हाइट से लेकर रेड बेल्ट तक के स्तर शामिल रहे।
व्हाइट से येलो बेल्ट प्राप्त करने वाले खिलाड़ी:
आरंभ शुक्ला, आयुष प्रजापति, कोमल शर्मा, सिया सिंह, सोनाली कुमारी, नव्या, प्रत्यूषी सोनकर, वेदांत सोनकर, अनिरुद्ध वाजपेयी, अर्पिता, निरंजन कुमार, रुद्र प्रताप, लक्ष्य कुमार, पीहू कुमारी
येलो से ग्रीन बेल्ट पाने वाले:
समर घोटवाल, अर्जुन कुमार, विराट, दीपिका भारती, दिव्यांशु, शौर्य आनंद, शौर्य, आराध्या, प्रियांश मौर्य, वंश मौर्य, अन्यया, आवेश कुमार, अभिनव, प्रतीक यादव
ग्रीन से ग्रीन वन बेल्ट प्राप्त करने वाले:
दिव्यांश मौर्य, लवांश गुप्ता, अथर्व सिंह, चैतन्य, वंदना कुमारी मीणा
ग्रीन वन से ब्लू बेल्ट पाने वाले:
तान्या कुमारी, आदर्श कौशल, अनोखी कौशल, वैष्णवी रंजन, विराट सिंह, आराध्या, श्रेया आनंद, आरुष कश्यप, आरोही कुमारी, मोहम्मद ताहा
ब्लू से ब्लू वन बेल्ट में सफल:
महिमा सोनकर, अभ्युदय तिवारी, विनय शर्मा
ब्लू वन से रेड बेल्ट में पदोन्नत हुए:
आर्यन कुमार
जिन खिलाड़ियों को तैयारी की सलाह दी गई
इस आयोजन में जिन 17 खिलाड़ियों को बेल्ट नहीं मिल सकी, उन्हें हतोत्साहित करने के बजाय प्रशिक्षकों ने यह सलाह दी कि वे अपनी तकनीक को और बेहतर बनाएं और अगली परीक्षा में भाग लें। इससे बच्चों के अंदर एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा और आगे बढ़ने की प्रेरणा बनी रहेगी।
अभिभावकों की सहभागिता और उत्साह
इस आयोजन में खिलाड़ियों के अभिभावकों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। परिजनों ने बच्चों का उत्साह बढ़ाया और पूरे समय आयोजनों में उपस्थिति दर्ज कराई। खेल समाप्त होने के बाद बच्चों को गले लगाकर बधाई देना, फोटो खिंचवाना और वीडियो बनाना — ये दृश्य यह साबित कर रहे थे कि ताइक्वांडो अब रायबरेली के घर-घर में अपनी पहचान बना रहा है।
प्रशिक्षकों की प्रतिक्रिया
डिंपी तिवारी ने कहा,
“बच्चों में अनुशासन, जोश और सीखने की ललक देखकर अच्छा लगा। ताइक्वांडो सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की राह है।”
वहीं पूनम यादव ने कहा,
“रायबरेली में ताइक्वांडो के प्रति बच्चों और अभिभावकों की बढ़ती रुचि देखकर लगता है कि निकट भविष्य में यहां से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकलेंगे।”
क्या कहती है खेल की उपयोगिता?
ताइक्वांडो एक ऐसा खेल है जो आत्मरक्षा की शिक्षा देने के साथ-साथ मानसिक एकाग्रता, अनुशासन और सजगता भी विकसित करता है। खासकर बालिकाओं के लिए यह प्रशिक्षण बेहद लाभकारी साबित होता है। रायबरेली जैसे जिले में इस तरह के आयोजन बच्चों के लिए भविष्य निर्माण की नींव रख सकते हैं।
निष्कर्ष
ताइक्वांडो बेल्ट टेस्ट प्रतियोगिता ने न केवल बच्चों को एक मंच दिया, बल्कि उनके अंदर छिपी क्षमताओं को भी उजागर किया। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि खेलों के ज़रिए बच्चों को सकारात्मक दिशा दी जा सकती है। यदि ऐसे आयोजन नियमित रूप से होते रहें, तो रायबरेली आने वाले समय में मार्शल आर्ट्स के क्षेत्र में प्रदेश ही नहीं, देश भर में अपनी पहचान बना सकता है।
Kadak Times इस आयोजन की सफलता पर आयोजकों, खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और परिजनों को बधाई देता है और उम्मीद करता है कि खेलों के इस सफर को निरंतर गति मिलती रहे।