
रिपोर्टर: सुरेन्द्र शर्मा, कड़क टाइम्स
शिक्षा के क्षेत्र में भारत ने एक और ऊंची छलांग लगाई है। उत्तराखंड स्थित पंतनगर विश्वविद्यालय की रिसर्च स्कॉलर विद्यावती ने विदेश में देश का नाम रौशन किया है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया की प्रतिष्ठित वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के साथ संचालित ड्यूल डॉक्टरेट प्रोग्राम के लिए चुना गया है। यह सम्मान उन्हें उनके मेहनती शोध और अकादमिक प्रतिबद्धता के लिए मिला है।
विद्यावती, वर्तमान में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय, पंतनगर में पीएच.डी. कर रही हैं और उनके रिसर्च गाइड डा. आर.एस. जादौन हैं। वह पंतनगर विश्वविद्यालय की दूसरी ऐसी छात्रा हैं जिन्हें इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रवेश मिला है।
दो देशों की संयुक्त डिग्री योजना
इस ड्यूल डॉक्टरेट प्रोग्राम के अंतर्गत विद्यावती को दो अलग-अलग विश्वविद्यालयों — भारत का पंतनगर विश्वविद्यालय और ऑस्ट्रेलिया का वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी (WSU) — से संयुक्त रूप से दो डॉक्टरेट डिग्री प्रदान की जाएंगी। यह प्रोग्राम पंतनगर और WSU के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) का हिस्सा है, जिसमें दोनों संस्थान रिसर्च और अकादमिक सहयोग करते हैं।
विद्यावती को इस प्रोग्राम के तहत एक वर्ष तक वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी में अध्ययन और रिसर्च करने का मौका मिलेगा। इस अवधि में उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा 33,512 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर प्रतिवर्ष की स्कॉलरशिप दी जाएगी, साथ ही रिसर्च में मदद के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
प्रेरणा और समर्थन की भूमिका
विद्यावती इस सफलता का श्रेय अपने गाइड डा. आर.एस. जादौन, डा. एच.जे. शिवा प्रसाद, और अपने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के सभी शिक्षकों, अपने पूरे परिवार, पति गोपाल जायसवाल, मित्रो और भाइयों संतोष व विकास को देती हैं। उनका मानना है कि यह सफलता सिर्फ उनकी नहीं।बल्कि उन सभी की है, जो इस सफर में उनके साथ रहे।
ऑस्ट्रेलिया से जुड़े फैकल्टी मेंबर डा. दिलुपा नाकंदला ने भी विद्यावती की प्रतिभा को सराहा और उन्हें एक “Committed and Rising Researcher” बताया।
विश्वविद्यालय में खुशी की लहर
“कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय (CABM) के अधिष्ठाता एवं शोध निदेशक डॉ. आर.एस. जादौन ने कहा कि विद्यावती इस महाविद्यालय की पहली छात्रा हैं, जिनका चयन ड्यूल डॉक्टरेट प्रोग्राम (DDP) के लिए हुआ है। यह हमारे महाविद्यालय के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। मैं स्वयं को अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं और विद्यावती को इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।”
एक रोल मॉडल बनकर उभरीं विद्यावती
विद्यावती का यह चयन देशभर की छात्राओं के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरा है। उन्होंने यह साबित किया कि कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से अंतरराष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियां पाई जा सकती हैं, चाहे छात्र किसी भी सामाजिक या भौगोलिक पृष्ठभूमि से क्यों न हो।
सोशल मीडिया पर वायरल
विद्यावती की उपलब्धि की खबर सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही है। Twitter, Facebook और Instagram पर #VidyaVatiDualPhD, #PantnagarPride, और #StudyAbroadScholarship जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई लोग उन्हें “Education Icon of Rural India” भी कह रहे हैं।
निष्कर्ष
विद्यावती की यह सफलता केवल एक शैक्षणिक सम्मान नहीं, बल्कि भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। यह उन हज़ारों छात्रों को प्रेरित करती है जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखते हैं। पंतनगर विश्वविद्यालय और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के सहयोग से यह प्रोग्राम न केवल शोध को नई दिशा देगा, बल्कि भारत की अकादमिक पहुंच को भी वैश्विक मंच पर सशक्त बनाएगा।