“अब हादसे में किसान की मौत पर सरकार देगी ₹5 लाख की सहायता, जानिए पूरी प्रक्रिया और पात्रता”

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रिपोर्टर – आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के मेहनतकश किसानों को एक बड़ी राहत दी है। खेतों में दिन-रात मेहनत करने वाले किसान अगर किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं, तो उनके परिवार को अब ₹5 लाख तक की आर्थिक मदद मिलेगी। यह सहायता मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत दी जा रही है, जिसे प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में लागू किया था।

इस योजना का उद्देश्य उन परिवारों को सहारा देना है जिनका कमाने वाला सदस्य खेती करते समय किसी अप्रत्याशित दुर्घटना में अपनी जान गंवा बैठता है या दिव्यांग हो जाता है। सरकार ने इस योजना को सोशल सिक्योरिटी मिशन के तहत शामिल किया है, जिससे संकट के समय पीड़ित परिवार को मदद मिल सके।

कौन उठा सकता है योजना का लाभ?

  • योजना का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जो उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हों और जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष के बीच हो।
  • इसमें भूमिधर, पट्टेदार, बटाईदार और सहखातेदार सभी शामिल किए गए हैं।
  • सिर्फ जमीन मालिक ही नहीं, बल्कि वो लोग भी इस योजना के पात्र हैं जो पट्टे या बटाई की ज़मीन पर खेती करते हैं

दुर्घटना में मृत किसान के परिवार के सदस्य जैसे कि माता-पिता, पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र-पौत्री या पुत्रवधू को इस योजना का सीधा लाभ दिया जाता है, बशर्ते कि उनकी आजीविका खेती से जुड़ी हो।

कौन-कौन सी दुर्घटनाएं कवर की जाती हैं?

सरकार ने इस योजना में कई प्रकार की दुर्घटनाओं को शामिल किया है, जैसे:

  • बिजली गिरने या करंट लगने से मौत
  • खेत में सांप या अन्य जानवर के काटने से जान जाना
  • नदी, तालाब, कुएं में डूबने की घटना
  • सड़क, रेल या हवाई यात्रा के दौरान हादसा
  • आग लगना, मकान या पेड़ गिरना
  • डकैती, हत्या या हिंसक हमले में मौत
  • सीवर में गिरने जैसी दुर्घटनाएं भी शामिल हैं

आवेदन कैसे करें? किन दस्तावेज़ों की जरूरत है?

योजना का लाभ लेने के लिए पीड़ित परिवार को कुछ दस्तावेज़ जमा करने होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • खतौनी की प्रमाणित प्रति
  • पट्टे या बटाई का वैध प्रमाण
  • मृत्यु प्रमाण पत्र या पोस्टमार्टम रिपोर्ट
  • दिव्यांगता प्रमाण पत्र (अगर मृत्यु नहीं हुई हो)
  • उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक पासबुक की प्रति

कितनों को मिला अब तक लाभ?

उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग के अनुसार, योजना की शुरुआत से अब तक 1,01,237 किसान परिवारों को ₹4252.50 करोड़ की मदद दी जा चुकी है। योजना को तेज़ और पारदर्शी बनाने के लिए एक डिजिटल पोर्टल भी विकसित किया गया है, जिस पर आमजन ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

क्यों है यह योजना खास?

आज के समय में जब खेती एक जोखिम भरा काम बन चुका है, यह योजना किसानों के परिवारों के लिए सुरक्षा की तरह है। यह सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक संवेदनशील पहल है, जो किसानों को कठिन वक्त में सहारा देती है। आप भी इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ताकि जरूरतमंद किसान परिवार इसका लाभ उठा सकें।


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