
रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश | कड़क टाइम्स
नवाबगंज (गोंडा):
उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद में शनिवार की दोपहर एक क्रिकेट मैच उस समय हिंसक संघर्ष में बदल गया जब कनकपुर गांव में खेल के दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया। यह विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट, गाली-गलौज और जातीय टिप्पणियों के बीच दर्जनों लोग घायल हो गए। मामला नवाबगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है और पुलिस ने अब दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
खेल से बढ़ा तनाव, बना हिंसा का रूप
शनिवार को गांव के मैदान में कुछ युवक क्रिकेट खेल रहे थे। खेल के दौरान किसी बात को लेकर विवाद हो गया जो जल्द ही कहासुनी और फिर हाथापाई में बदल गया।
कनकपुर गांव के रतनपुर मजरा निवासी संजय पुत्र कन्हैयालाल ने आरोप लगाया कि गांव के ही कुछ लोगों ने उनके साथ जातीय अपमान करते हुए उनके घर में घुसकर हमला कर दिया।
संजय द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार, गांव के ही राम जी यादव और लालजी यादव पुत्र बड़कन, राहुल पुत्र कमल, विक्रम और अखिलेश पुत्र बलराम यादव, उमेश पुत्र बुधराम, और रवि पुत्र बैठरले ने मिलकर उनके घर पर हमला किया।
घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों पर भी किया हमला
संजय ने यह भी बताया कि जब उनके परिवार की महिलाएं और अन्य सदस्य बीच-बचाव के लिए आए, तो हमलावरों ने उन्हें भी नहीं छोड़ा।
संजू (पुत्री कन्हैयालाल), सुमित (पुत्र हनुमान), राजू और रोहित (पुत्रगण कन्हैयालाल), लवली (पत्नी कन्हैयालाल), सूरज (पुत्र राजाराम), और श्याम बाबू (पुत्र सीताराम) सभी को डंडों से पीटा गया, जिससे वे घायल हो गए।
घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
पुलिस की कार्रवाई: दोनों पक्षों पर मुकदमा दर्ज
थानाध्यक्ष अभय सिंह ने जानकारी दी कि संजय की तहरीर पर हमलावर पक्ष के लोगों के खिलाफ SC/ST एक्ट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही, दूसरे पक्ष से राम जी यादव द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर संजय समेत 4 अन्य के खिलाफ एनसीआर दर्ज की गई है।
गांव में तनाव का माहौल, पुलिस बल तैनात
इस घटना के बाद कनकपुर गांव में तनाव का माहौल बन गया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है ताकि शांति बनी रहे और कोई नई घटना न घटे।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
घायलों के परिजनों ने बताया कि खेल के बहाने पुरानी रंजिश निकालने के इरादे से हमला किया गया। एक महिला ने कहा, “हम सोच रहे थे बच्चे खेल रहे हैं, लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि खेल की बात इतनी खतरनाक हो जाएगी।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
क्या कहता है कानून?
SC/ST एक्ट के अंतर्गत आने वाले मामलों में कानून सख्त होता है। यदि जांच में आरोप पुष्ट होते हैं तो आरोपियों को कठोर सजा का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा मारपीट, घर में घुसकर हमला और महिलाओं से अभद्रता जैसे आरोप गंभीर अपराध की श्रेणी में आते हैं।
क्यों है यह खबर महत्वपूर्ण?
- यह घटना दिखाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे विवाद किस तरह जातीय रंग ले सकते हैं।
- समाज में फैली असहिष्णुता और पुरानी दुश्मनी किस कदर हिंसा में बदल सकती है।
- पुलिस प्रशासन और सामाजिक संगठनों को इस तरह की घटनाओं पर सतर्क रहना जरूरी है।
निष्कर्ष
कनकपुर गांव की यह घटना केवल दो पक्षों की लड़ाई नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती असहिष्णुता और जातिगत भेदभाव की तस्वीर है। खेल के मैदान से शुरू हुआ यह झगड़ा बताता है कि जब मन में कटुता और रंजिश हो, तो कोई भी गतिविधि शांति नहीं, बल्कि विवाद का कारण बन सकती है।
प्रशासन का दायित्व बनता है कि वह समय रहते न सिर्फ कानूनी कार्रवाई करे, बल्कि ऐसे गांवों में सामाजिक संवाद और समझदारी भी बढ़ाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।