
रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव | ब्यूरो चीफ, उत्तर प्रदेश
दिनांक: 23 जून 2025 | स्थान: गोण्डा
आगामी मोहर्रम त्योहार को लेकर गोंडा पुलिस प्रशासन ने कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पुलिस अधीक्षक श्री विनीत जायसवाल ने रविवार रात एक वर्चुअल समीक्षा बैठक आयोजित की जिसमें जनपद के समस्त राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी और प्रभारी निरीक्षक शामिल हुए। यह बैठक Google Meet के माध्यम से आयोजित की गई, जिसमें त्योहार को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने को लेकर विस्तृत रणनीति तैयार की गई।
संवेदनशील स्थानों की पहचान कर सख्ती के निर्देश 
बैठक में एसपी ने सभी थानों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में मौजूद संवेदनशील स्थानों, ताजिया मार्गों और विवादग्रस्त इलाकों की पहले से पहचान करें। इन क्षेत्रों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जाएगी और शरारती तत्वों की निगरानी के लिए बीट सिस्टम को सक्रिय किया जाएगा।
ड्रोन और CCTV कैमरों से होगी निगरानी
एसपी ने कहा कि जुलूस मार्गों और भीड़ वाले इलाकों में ड्रोन कैमरे और CCTV लगाए जाएंगे, जिससे कि किसी भी तरह की गड़बड़ी की तत्काल जानकारी मिल सके। अफवाह फैलाने वालों और पूर्व में उपद्रव फैलाने वाले लोगों की सूची तैयार कर उन पर नजर रखी जाएगी।
शांति समिति और धर्मगुरुओं की भागीदारी ज़रूरी
थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्रों में शांति समिति (Peace Committee) की बैठकें करें और धर्मगुरुओं व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करें। सभी से यह अपील की जाएगी कि त्योहार को मिलजुलकर शांतिपूर्ण ढंग से मनाएं।
पूर्व अनुमति अनिवार्य, ध्वनि सीमा का पालन हो
जुलूस निकालने या ताजियादारी के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर) के उपयोग के लिए तय नियमों और समय सीमा का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
मॉक ड्रिल और मोबाइल फोर्स रहेगी तैनात
संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल (Mock Drill) कराए जाएंगे और सभी थाना क्षेत्रों में स्टैटिक और मोबाइल पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में तत्काल रिस्पांस टीमों को एक्टिव रखा जाएगा।
एसपी ने दिया स्पष्ट संदेश
एसपी विनीत जायसवाल ने सभी अधिकारियों से कहा:
“त्योहारों पर कानून व्यवस्था बनाए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। संवेदनशीलता, सक्रियता और सतर्कता से ही हम शांति बनाए रख सकते हैं। हर अधिकारी फील्ड में जाकर जनता से संवाद करें और छोटी से छोटी सूचना पर तुरंत एक्शन लें।”
निष्कर्ष:
गोंडा पुलिस का यह रणनीतिक दृष्टिकोण यह साबित करता है कि प्रशासन साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने को लेकर पूरी तरह सजग है। ड्रोन, सीसीटीवी और शांति समितियों की भागीदारी से यह उम्मीद की जा रही है कि मोहर्रम का पर्व शांति और एकता के माहौल में सम्पन्न होगा।