
रिपोर्टर: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश | कड़क टाइम्स
तारीख: 25 जून 2025 | स्थान: गोंडा
गोंडा जिले में बुधवार का दिन महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्या श्रीमती ऋतु शाही एवं श्रीमती एकता सिंह ने जनसुनवाई कार्यक्रम के साथ-साथ जिले के विभिन्न संस्थानों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों पर कार्रवाई के निर्देश दिए और सरकारी सुविधाओं की जमीनी हकीकत का जायज़ा लिया।
22 पीड़ित महिलाओं ने रखी अपनी बात, दो मामलों का हुआ तत्काल समाधान
गोंडा सर्किट हाउस में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में कुल 22 महिलाओं ने अपनी समस्याएं महिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत कीं। इनमें से 2 मामलों का तत्काल समाधान किया गया, जबकि शेष मामलों पर संबंधित अधिकारियों को त्वरित जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
आयोग की सदस्याओं ने स्पष्ट किया कि किसी भी महिला से जुड़े मामले को हल्के में न लिया जाए। उन्होंने कहा कि पीड़िताओं की बात पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ सुनी जाए और समयबद्ध तथा गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
महिला सुरक्षा से जुड़े कई विभागों के अधिकारी रहे उपस्थित
इस जनसुनवाई में कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से:
- डॉ. जीएम चिश्ती (उप मुख्य चिकित्साधिकारी)
- शिल्पा वर्मा (क्षेत्राधिकारी लाइन)
- सत्य प्रकाश सिंह (समाज कल्याण अधिकारी)
- अनीता यादव (महिला थाना प्रभारी)
- अनिल कुमार द्विवेदी (मंडलीय रिसोर्स पर्सन)
- चंद्र मोहन वर्मा (संरक्षण अधिकारी)
- आशीष मिश्रा (चाइल्ड हेल्पलाइन कोऑर्डिनेटर)
- चेतना सिंह (वन स्टॉप सेंटर प्रबंधक)
- शिवेन्द्र श्रीवास्तव (डिस्ट्रिक्ट मिशन कोऑर्डिनेटर)
- राजकुमार आर्या (जेंडर स्पेशलिस्ट)
- दीपशिखा शुक्ला (काउंसलर)
इन सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे महिला उत्पीड़न, घरेलू हिंसा या बाल संरक्षण जैसे संवेदनशील मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण, मरीजों से की बातचीत
जनसुनवाई के उपरांत महिला आयोग की सदस्याएं करनैलगंज एवं हलधरमऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) पर पहुंचीं। यहां उन्होंने डिलीवरी रूम, इमरजेंसी कक्ष, लैब और औषधि वितरण केंद्र समेत कई विभागों की व्यवस्थाएं देखीं।
निरीक्षण के दौरान मरीजों और उनके तीमारदारों से भी संवाद किया गया। सदस्यों ने अधिकारियों को साफ-सफाई, दवाओं की उपलब्धता और समय पर चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
अधीक्षक डॉ. अनुज कुमार सहित अन्य चिकित्सक इस निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे।
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का निरीक्षण, वार्डन से ली जानकारी
निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान महिला आयोग की टीम कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, करनैलगंज भी पहुंची। यहां उन्होंने वार्डन मंजू सिंह से विद्यालय की कार्यप्रणाली और छात्राओं को उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
महिला आयोग की सदस्याओं ने कहा कि विद्यालय में रहने वाली बालिकाओं को शासन द्वारा निर्धारित सभी सुविधाएं जैसे – शिक्षा, पोषण, सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं समय पर और नियमित रूप से उपलब्ध कराई जाएं।
वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं से सीधा संवाद, सुधार के निर्देश
निरीक्षण की अंतिम कड़ी में सदस्य द्वय ने जिला अस्पताल परिसर में स्थित वन स्टॉप सेंटर का भ्रमण किया। यहां आवासित पीड़ित महिलाओं से मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानीं और व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
उन्होंने प्रबंधक चेतना सिंह को निर्देश दिए कि केंद्र पर रहने वाली प्रत्येक महिला को हर जरूरी सुविधा – आवास, भोजन, परामर्श, चिकित्सा और कानूनी सहायता – बिना किसी देरी या परेशानी के मिलती रहनी चाहिए।
निष्कर्ष – महिला आयोग की कार्यशैली से पीड़िताओं को मिला भरोसा
महिला आयोग की टीम के इस व्यापक दौरे से यह स्पष्ट हुआ कि शासन महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों को लेकर पूरी तरह गंभीर है। जनसुनवाई में तुरंत कार्यवाही, और निरीक्षण में मिली खामियों पर त्वरित निर्देशों से यह संदेश गया कि अब महिला संबंधित मामलों में अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस आयोजन से न सिर्फ महिलाओं को अपनी बात कहने का मंच मिला, बल्कि अधिकारियों को भी यह याद दिलाया गया कि न्याय और सेवा में लापरवाही एक गंभीर अपराध है।