
रिपोर्टर: महालक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली
रायबरेली, 24 जून 2025।
जिले में ट्रैक्टरों का उपयोग अब केवल खेतों तक सीमित नहीं रह गया है। कृषि कार्यों के नाम पर पंजीकृत ट्रैक्टर अब खुलेआम कमर्शियल माल ढुलाई में लगे हुए हैं, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा है।
ट्रैक्टर या ट्रांसपोर्टर?
कृषि प्रयोजन के लिए रजिस्टर किए गए ट्रैक्टरों का ट्रॉली रजिस्ट्रेशन आवश्यक होता है, लेकिन हकीकत यह है कि अधिकतर ट्रैक्टर बिना रजिस्ट्रेशन ट्रॉलियों के साथ ही रोड पर भारी लोड लेकर दौड़ रहे हैं। इन वाहनों से कभी ईंट, कभी बालू-मौरंग तो कभी सीमेंट-बजरी ढोई जा रही है। यह पूरी गतिविधि कमर्शियल कैटेगरी में आती है, लेकिन इन पर कोई अतिरिक्त टैक्स या लाइसेंस नहीं लिया गया है।
RTO की भूमिका सवालों के घेरे में
जब इस विषय में आरटीओ रायबरेली अरविंद कुमार यादव से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा,
“कृषि ट्रैक्टरों के कमर्शियल उपयोग की सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाती है।”
लेकिन सच्चाई यह है कि सड़कों पर दर्जनों ऐसे ट्रैक्टर बेखौफ दौड़ रहे हैं, जिनमें न तो नंबर प्लेट होती है और न ही HSRP (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट)। कई मामलों में ट्रैक्टर पूरी तरह ओवरलोड भी होते हैं।
वायरल हो रहे हैं वीडियो
इन अवैध गतिविधियों के वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ट्रैक्टरों पर लदी ट्रॉलियों में भारी-भरकम सामग्री होती है और कोई भी सुरक्षात्मक उपाय नहीं दिखता।
विभागीय लापरवाही या मिलीभगत?
- क्या यह सब कुछ अधिकारियों की जानकारी के बिना हो रहा है?
- RTO विभाग कार्रवाई क्यों नहीं करता?
- क्या ये वाहन मालिक आरटीओ की मिलीभगत से टैक्स चोरी कर रहे हैं?