
रिपोर्ट: मायालक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश | कड़क टाइम्स
जयपुर – सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान बनाकर ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। साइबर थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जो IAS, IPS और अन्य उच्चाधिकारियों की फर्जी Facebook प्रोफाइल बनाकर आम जनता से ठगी कर रहे थे। ये चारों आरोपी राजस्थान के रहने वाले हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम हैं – ललित, साहिल, जलसिंह और एक अन्य साहिल। पुलिस पहले ही इस गिरोह के तीन सदस्यों को जेल भेज चुकी है और अब यह कार्रवाई गिरोह को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने की दिशा में मानी जा रही है।
फर्जी प्रोफाइल से करते थे भरोसे का शोषण
पुलिस जांच में पता चला है कि यह गिरोह पहले फेसबुक पर अधिकारियों की असली प्रोफाइल्स को खोजता, फिर उनकी तस्वीर और जानकारी चुराकर हूबहू मिलती-जुलती फर्जी ID तैयार करता था। इसके बाद वे उस ID से अधिकारियों के नाम पर लोगों को मैसेज भेजते और अलग-अलग बहानों से पैसे मांगते थे।
कभी कोई जरूरी मदद, तो कभी सरकारी काम कराने के नाम पर लोग उनके झांसे में आ जाते और UPI, बैंक ट्रांसफर या अन्य ऑनलाइन माध्यमों से पैसे भेज देते।
क्या-क्या बरामद हुआ
चारों आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिनमें कई फर्जी फेसबुक अकाउंट्स की जानकारी मिली है। पुलिस अब मोबाइल की डिजिटल फॉरेंसिक जांच कर यह पता लगा रही है कि इन फर्जी ID से कितने लोगों को ठगा गया और कितनी धनराशि ऐंठी गई।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
साइबर थाना रायबरेली की टीम ने तकनीकी जांच और सर्विलांस की मदद से आरोपियों की लोकेशन राजस्थान में ट्रेस की। इसके बाद एक टीम को मौके पर भेजा गया, जिसने चारों को ठोस सबूतों के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान सभी ने अपना जुर्म कबूल किया है।
पुलिस ने दी चेतावनी
पुलिस विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी अधिकारी की प्रोफाइल से पैसे की मांग करे, तो उसकी पहचान की पुष्टि किए बिना पैसे न भेजें। वेरिफाइड अकाउंट (ब्लू टिक) और भाषा की जांच करना जरूरी है।
इसके अलावा, किसी भी संदिग्ध लिंक या अकाउंट को तुरंत साइबर हेल्पलाइन या नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करें।
निष्कर्ष:
डिजिटल युग में ठगी के तरीके जितने हाईटेक हो रहे हैं, आम नागरिकों को भी उतना ही सतर्क रहना होगा। भरोसे और पहचान के नाम पर होने वाली ठगी से बचने के लिए जरूरी है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रोफाइल पर आंख मूंदकर यकीन न करें।
रिपोर्ट: मायालक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश
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