
रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ, उत्तर प्रदेश | Kadak Times
गोंडा, वजीरगंज।
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में वजीरगंज थाना क्षेत्र के ग्रामसभा परसिया के मजरा तिवारी पुरवा में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को गहरे शोक में डुबो दिया। खेत की जुताई के दौरान हाईटेंशन करंट की चपेट में आकर दो सगे भाइयों समेत तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि गांव में मातम छा गया और चारों ओर चीख-पुकार मच गई।
मृतकों की पहचान शिवम तिवारी (16 वर्ष), सत्यानारायण तिवारी (19 वर्ष), पुत्रगण अंजनी कुमार तिवारी, और उनके मित्र रवि पांडे (22 वर्ष), पुत्र रमेश पांडे, निवासी ग्राम नयपुर, मजरा पंडित पुरवा के रूप में हुई है।
हादसे की पूरी कहानी
शनिवार की शाम लगभग 4:45 बजे तीनों युवक खेत की जुताई के लिए ट्रैक्टर लेकर पहुंचे थे। खेत की मेड के किनारे झाड़ियां उगी थीं, जिन्हें साफ करते समय हादसा हुआ। खेत के पास ही एक सरकारी ट्यूबवेल का ट्रांसफार्मर और बिजली का खंभा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बिजली आपूर्ति शुरू होते ही हाईटेंशन लाइन में अचानक करंट उतर आया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि खंभे पर इंसुलेटर नहीं लगा था, जिससे 11 हजार वोल्ट का करंट सीधे स्टे वायर के जरिए जमीन तक उतर गया। सबसे पहले शिवम करंट की चपेट में आया। उसे छटपटाते देख बड़ा भाई सत्यानारायण दौड़ा और उसे बचाने की कोशिश की। इसी दौरान रवि भी दौड़ पड़ा। लेकिन करंट की ताकत इतनी अधिक थी कि तीनों युवक कुछ ही सेकेंड्स में मौके पर ही दम तोड़ बैठे।
गांव में छाया मातम
तीनों युवकों की मौत की खबर जैसे ही गांव में फैली, चारों ओर कोहराम मच गया। तीनों घरों में मातम पसर गया। मां-बाप बेसुध हो गए। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था। लोग एक-दूसरे को संभालने में लगे थे, लेकिन हर कोई अंदर से टूटा हुआ महसूस कर रहा था।
गांव के बुजुर्गों ने बताया कि तीनों युवक बहुत मेहनती, संस्कारी और होनहार थे। शिवम अभी स्कूल में पढ़ाई कर रहा था और सेना में जाने का सपना देखता था। सत्यानारायण खेती-बाड़ी में पिता का हाथ बंटाता था, जबकि रवि हाल ही में बाहर नौकरी छोड़कर घर लौटा था।
प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही वजीरगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची। क्षेत्राधिकारी तरबगंज यु.पी. सिंह और तहसीलदार अनुराग पांडे ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
बिजली विभाग पर गंभीर आरोप
ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि खंभों पर महीनों से इंसुलेटर नहीं लगे थे और कई बार इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। स्टे वायर भी खुला पड़ा था, जिससे करंट उतरने का खतरा बना हुआ था।
ग्रामीणों की मांग है कि दोषी बिजली कर्मचारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और मृतकों के परिजनों को सरकार की ओर से कम से कम 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
सोशल मीडिया पर उठा आक्रोश
घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। कई स्थानीय और प्रदेश स्तर के पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बिजली विभाग की घोर लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। ट्विटर और फेसबुक पर #JusticeForShivam, #GondaNews, #ElectricAccident जैसी हैशटैग्स ट्रेंड करने लगे हैं।
लोगों ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
पूर्व में भी हो चुके हैं हादसे
यह कोई पहला मामला नहीं है। उत्तर प्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, जहां बिजली की लचर व्यवस्था और अनदेखी ने मासूम जिंदगियों को निगल लिया। सरकार ने कई बार जांच के आदेश दिए लेकिन फाइलों में ही कार्रवाई दब कर रह गई।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
- मृतकों के परिवार को ₹25 लाख का मुआवजा
- बिजली विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों पर हत्या का मुकदमा
- गांव की सभी बिजली लाइनों की तत्काल जांच
- सभी ट्रांसफार्मरों और खंभों पर इंसुलेटर लगाने की अनिवार्यता
- क्षेत्रीय जेई और एसडीओ पर कार्रवाई
प्रशासन की अग्नि परीक्षा
यह हादसा केवल एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी का बड़ा उदाहरण है। अगर समय रहते बिजली विभाग ने सावधानी बरती होती, तो आज तीन घरों के चिराग बुझने से बच सकते थे।
अब यह प्रशासन और सरकार की अग्नि परीक्षा है कि क्या वे पीड़ित परिवारों को न्याय दिला पाएंगे या फिर यह मामला भी अन्य हादसों की तरह समय के साथ भुला दिया जाएगा।
कड़क टाइम्स की अपील
Kadak Times सरकार, बिजली विभाग और जिला प्रशासन से अपील करता है कि इस मामले में निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई और शिवम, सत्यानारायण या रवि इस सिस्टम की लापरवाही की भेंट न चढ़े।