
रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
गोंडा | 28 जून 2025:
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में प्रशासन ने एक बड़ा और साहसिक कदम उठाते हुए 101 अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया है। यह कार्रवाई केवल सामान्य स्थानांतरण नहीं, बल्कि जिला प्रशासन की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने पर फोकस किया जा रहा है।
जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा के नेतृत्व और मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन की निगरानी में यह पूरी प्रक्रिया सम्पन्न हुई। इस निर्णय को शासन की “जनसेवा सर्वोपरि” नीति का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है।
तबादले में कौन-कौन शामिल?
प्रशासनिक आदेश के अनुसार जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया गया है, उनमें ये पद प्रमुख हैं:
- सहायक विकास अधिकारी (पंचायत)
- सहायक विकास अधिकारी (आईएसबी)
- ग्राम विकास अधिकारी (VDO)
- ग्राम पंचायत अधिकारी
- लेखाकार
- अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा)
- तकनीकी सहायक (ग्राम पंचायत)
- वरिष्ठ सहायक
- कनिष्ठ सहायक
- उर्दू अनुवादक सह प्रधान सहायक
प्रशासन का कहना है कि ये सभी तबादले तत्काल प्रभाव से लागू माने जाएंगे और संबंधित अधिकारियों को नई तैनाती पर शीघ्र कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है।
प्रशासन का उद्देश्य क्या है?
मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने बताया कि यह कदम विकास कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, योजनाओं की समयबद्ध क्रियान्वयन और जनता को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है। उनका कहना था:
“यह निर्णय किसी भी तरह की शिथिलता, भ्रष्टाचार या लापरवाही पर अंकुश लगाने का प्रयास है। अब से प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी की जिम्मेदारी तय होगी और उसके अनुसार प्रदर्शन पर नजर रखी जाएगी।”
कार्यप्रणाली में बदलाव की ओर इशारा
अब जिला प्रशासन परफॉर्मेंस बेस्ड सिस्टम पर काम करेगा। हर छह महीने में अधिकारियों का मूल्यांकन होगा। प्रशासन ने इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तैयार कर लिए हैं:
- योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट
- जनशिकायतों का निस्तारण
- कार्यालयीन अनुशासन
- फील्ड विजिट की नियमितता
- फंड के उपयोग में पारदर्शिता
इन मानकों पर खरे उतरने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाएगा, जबकि लापरवाहों पर कार्रवाई तय है।
जनता को क्या फायदा?
प्रशासन का कहना है कि इससे सबसे अधिक लाभ आम जनता को मिलेगा। वर्षों से एक ही जगह पर जमे अधिकारी अक्सर काम में ढील देते हैं, जिससे योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पातीं। अब नई तैनाती से उम्मीद है कि:
- विकास योजनाओं में तेजी आएगी
- ग्राम पंचायतों में फंड का सही उपयोग होगा
- मनरेगा और ग्रामीण विकास योजनाएं ठीक से लागू होंगी
- फील्ड पर काम करने की जवाबदेही तय होगी
- जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान होगा
ट्रांसफर से पहले की समीक्षा
इस व्यापक तबादले से पहले प्रशासन ने विभागीय गतिविधियों की गहन समीक्षा की थी। यह पाया गया कि कुछ अधिकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में ढीले हैं, फील्ड विजिट नहीं कर रहे और कार्यालयीय अनुशासन का पालन भी नहीं कर रहे। इन्हीं आधारों पर यह सूची तैयार की गई।
सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रिया
कड़क टाइम्स द्वारा जैसे ही यह खबर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर डाली गई, सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। लोगों की प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार रही:
“अब शायद पंचायतों में भ्रष्टाचार कम होगा और काम तेजी से होंगे।”
“सालों से एक ही पद पर टिके लोग विकास कार्यों में रोड़ा बन चुके थे, अच्छी पहल है।”
“जिले में अब असली बदलाव देखने को मिलेगा।”
प्रशासन की भविष्य की योजना
गोंडा जिला प्रशासन यह संकेत भी दे चुका है कि यह प्रक्रिया केवल शुरुआत है। आने वाले महीनों में सभी विभागों की मासिक मॉनिटरिंग होगी और ई-गवर्नेंस सिस्टम को मजबूत किया जाएगा।
प्रशासन की योजना है कि हर विकासखंड में:
- कार्य समय की सख्ती
- योजनाओं का डिजिटल रिकॉर्ड
- ऑनलाइन जनसुनवाई
- टारगेट-बेस्ड कार्य मूल्यांकन
- ग्रामीण स्तर पर निगरानी समितियों का गठन
को अनिवार्य किया जाए।