भारत के परमाणु विज्ञान के स्तंभ डॉ. एम.आर. श्रीनिवासन का निधन: पीएम मोदी सहित देश ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

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भारत के परमाणु विज्ञान के स्तंभ डॉ. एम.आर. श्रीनिवासन का निधन: पीएम मोदी सहित देश ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

India mourns nuclear pioneer MR Srinivasan | A true architect of India’s atomic self-reliance

भारत ने विज्ञान के उस युगद्रष्टा को खो दिया, जिनकी वजह से आज देश परमाणु ऊर्जा में आत्मनिर्भर बन सका। मंगलवार को देश के प्रतिष्ठित परमाणु वैज्ञानिक और पूर्व Chairman of Atomic Energy Commission, डॉ. एम.आर. श्रीनिवासन का निधन हो गया। उन्होंने तमिलनाडु के उधगमंडलम में 95 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।


डॉ. श्रीनिवासन: एक वैज्ञानिक, एक राष्ट्र निर्माता

जब भारत ऊर्जा संकट से जूझ रहा था, तब डॉ. श्रीनिवासन ने विज्ञान और राष्ट्रहित को एक सूत्र में पिरोते हुए देश के nuclear power programme in India को नई दिशा दी। उनकी सोच सिर्फ वैज्ञानिक नहीं थी, वह policy-level strategist भी थे, जिन्होंने भारत को तकनीकी और रणनीतिक रूप से सशक्त बनाया।


PM Narendra Modi ने जताया दुख, कहा — ‘India will forever remain grateful’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

“डॉ. श्रीनिवासन के निधन से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने भारतीय परमाणु ऊर्जा क्षमताओं को मजबूत करने में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनका कार्य ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की नींव बना। युवा वैज्ञानिकों को उनका मार्गदर्शन प्रेरणा देता रहेगा। भारत उनके प्रति हमेशा आभारी रहेगा।


Rajnath Singh ने भी किया शोक व्यक्त

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा:

“डॉ. श्रीनिवासन का योगदान सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टि से नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी अतुलनीय था। उन्होंने भारत को विश्व स्तर पर एक respected nuclear power बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनके कार्य को आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी।”


CM Pushkar Singh Dhami: ‘वे एक युगद्रष्टा वैज्ञानिक थे’

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा:

“भारत के परमाणु विज्ञान को आत्मनिर्भर बनाने में डॉ. श्रीनिवासन की भूमिका सदैव याद की जाएगी। वे विज्ञान के साथ-साथ राष्ट्रीयता के प्रतीक थे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।”


उनकी वैज्ञानिक विरासत जिसने भारत को New Nuclear Era में पहुंचाया

डॉ. श्रीनिवासन ने indigenous nuclear reactors के विकास में निर्णायक योगदान दिया। उनके नेतृत्व में:

  • भारत ने कई स्वदेशी Nuclear Power Plants तैयार किए
  • देश में self-reliant nuclear fuel cycle की नींव रखी गई
  • विज्ञान के क्षेत्र में young scientists mentorship को बढ़ावा मिला

Conclusion: The End of an Era, But a Legacy Eternal

डॉ. एम.आर. श्रीनिवासन अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी सोच, दृष्टि और समर्पण से भारत आने वाले वर्षों में भी प्रेरणा लेता रहेगा। उनका योगदान सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हर उस युवा वैज्ञानिक की सोच में ज़िंदा रहेगा जो भारत को वैज्ञानिक दृष्टि से सशक्त बनाना चाहता है।


आप डॉ. श्रीनिवासन के कार्यों से प्रेरित हैं? इस लेख को शेयर करें और कमेंट में श्रद्धांजलि अर्पित करें।
Om Shanti.


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