
बरेली में सोशल मीडिया पर पाकिस्तान समर्थन की पोस्ट से मचा बवाल, दो युवक गिरफ्तार |
बरेली, 24 मई 2025 — उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर पाकिस्तान समर्थक कंटेंट वायरल होने के बाद भारी तनाव का माहौल बन गया। वायरल हुए वीडियो और पोस्ट में “पाकिस्तान जिंदाबाद” जैसे नारे और हिंदू समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बातें शामिल थीं। मामला सामने आते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
Trending बन गई नफरत फैलाने वाली पोस्ट
बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के टीपीनगर चौकी इलाके में सोमवार की शाम पुलिस गश्त के दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहे वीडियो की जानकारी दी। इन वीडियो में एक युवक हथियार जैसे चाकू को दिखाते हुए आपत्तिजनक भाषा में धमकी देता नजर आया — “कुछ देर की खामोशी है, फिर शोर आएगा… पहले कुत्ते भौंक रहे हैं, इनके जुबान काट लो।”
एक अन्य वीडियो में एक युवक स्टाइलिश अंदाज में कहता है — “जिस दिन हम मस्ती में निकल आएंगे, सैकड़ों की हस्ती में निकल आएंगे… जितने मुखबिर हैं, सब हमारे बस्ती से निकल आएंगे।” इन वीडियो को देखकर सोशल मीडिया पर लोगों में गुस्सा भड़क गया और “trend” करने लगा #ArrestThemNow जैसे हैशटैग।
पुलिस ने लिया संज्ञान, आरोपी पकड़े गए
इस गंभीर मामले को देखते हुए दरोगा हरेंद्र प्रताप की ओर से तुरंत रिपोर्ट दर्ज कराई गई। बरेली पुलिस की साइबर टीम ने आरोपियों की इंस्टाग्राम आईडी ट्रेस कर उनके मोबाइल की लोकेशन पता की और कुछ ही घंटों के भीतर दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया।
गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान वाजिद शाह पुत्र अली शाह और इरफान उर्फ अतराज पुत्र मुख्तार शाह के रूप में हुई है। दोनों आरोपी बिथरी चैनपुर के सैदपुर लश्करीगंज के निवासी हैं।
पुलिस ने उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं, जिन्हें अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे किसी बड़े नेटवर्क से जुड़े हैं या नहीं।
कानूनी कार्रवाई और धाराएं
बरेली पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इस तरह के डिजिटल अपराधों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश नाकाम
स्थानीय हिंदू संगठनों और व्यापारिक संगठनों ने पुलिस प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की थी। सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे कई पोस्ट्स में लोगों ने कहा कि अगर समय रहते पुलिस ने कदम नहीं उठाया होता, तो स्थिति बिगड़ सकती थी।
इस मामले से साफ है कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का इस्तेमाल सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए कर रहे हैं, जो एक खतरनाक संकेत है।
बरेली पुलिस का अलर्ट मोड
घटना के बाद से बरेली पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। शहर भर में सोशल मीडिया पर सख्त नजर रखी जा रही है। हर थाने को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्र में वायरल हो रही किसी भी संदिग्ध पोस्ट की तुरंत जांच करें।
पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा है कि जिन सोशल मीडिया यूजर्स ने इन पोस्ट को शेयर किया है, उनसे भी पूछताछ की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं ये कोई संगठित साजिश तो नहीं।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया की जिम्मेदारी सभी की
यह घटना एक बार फिर यह स्पष्ट करती है कि सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले उसकी सामाजिक और कानूनी जिम्मेदारी को समझना बेहद ज़रूरी है। आजकल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कोई भी चीज़ बहुत तेज़ी से वायरल हो सकती है और कई बार इसका असर सामाजिक तनाव या हिंसा के रूप में भी सामने आता है।
बरेली पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक संभावित बड़ी घटना को समय रहते रोक दिया। ऐसे मामलों में पुलिस और समाज दोनों की सजगता ही लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करती है।