रिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली। सड़क सुरक्षा को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से शनिवार को राना बेनी माधव सिंह स्मारक इंटर कॉलेज शंकरपुर में एक जागरूकता सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें पुलिस और छात्र-छात्राओं के बीच सीधा संवाद हुआ। “जिंदगी एक है, सुरक्षा अनेक है” की सोच को सार्थक बनाते हुए आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के अहम बिंदुओं के प्रति संवेदनशील बनाना था। कार्यक्रम में जगतपुर थाना प्रभारी पंकज त्यागी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए, जबकि कॉलेज के प्रधानाचार्य सत्येंद्र कुमार और शिक्षकगण पूरे समय आयोजन का हिस्सा बने रहे।
सेमिनार में बड़ी संख्या में छात्रों ने उत्साह के साथ भाग लिया। शुरुआत में कॉलेज प्रबंधन ने सड़क सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बढ़ते सड़क हादसे केवल आंकड़े नहीं, बल्कि ऐसे हादसे हैं जो कई परिवारों की खुशियाँ पलभर में छीन लेते हैं।
इसके बाद कोतवाल पंकज त्यागी ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए बताया कि आज के समय में ज्यादातर दुर्घटनाएँ लापरवाही की देन हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि तेज रफ्तार, नशे की हालत में वाहन चलाना, मोबाइल फोन का उपयोग करना, हेलमेट या सीट बेल्ट न पहनना—ये छोटी लेकिन घातक गलतियाँ अक्सर बड़ी त्रासदियों का कारण बनती हैं।
पुलिस टीम ने सड़क हादसों के वास्तविक उदाहरणों के साथ यह समझाया कि दुर्घटना होते ही मौके पर मौजूद लोगों की समझदारी कई बार किसी की जान बचा सकती है।
उन्होंने छात्रों को प्राथमिक चिकित्सा, ट्रैफिक संकेतों का सही अर्थ, ओवरलोडिंग के खतरे और रात के समय सुरक्षित यात्रा के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पूरी बातचीत सरल भाषा में हुई, जिससे छात्रों ने बड़े मनोयोग से बातें समझीं।
सेमिनार के दौरान छात्रों ने कई प्रश्न पूछे—नाबालिग ड्राइविंग पर कानून क्या कहता है, दुर्घटना की स्थिति में क्या कदम उठाए जाएँ, ट्रैफिक पुलिस किन मानकों के आधार पर चालान करती है, आदि। प्रभारी निरीक्षक ने हर प्रश्न का जवाब सहज और व्यावहारिक उदाहरणों सहित देते हुए कहा कि सुरक्षित सड़कें तभी बन सकती हैं, जब हर नागरिक नियमों को जिम्मेदारी के साथ अपनाए। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों से अपील की कि वे अपने घरों और गांवों में भी सड़क सुरक्षा का संदेश पहुँचाएँ।
कार्यक्रम के अंत में सभी छात्रों ने शपथ लेकर वचन दिया कि वे वाहन चलाते समय गति सीमा का पालन करेंगे, हेलमेट और सीट बेल्ट हमेशा लगाएंगे, मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे और दूसरों को भी सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रेरित करेंगे।
कॉलेज परिसर में बाद में एक संक्षिप्त जागरूकता मार्च भी निकाला गया, जिसमें छात्रों ने सड़क सुरक्षा से जुड़े संदेशों वाले पोस्टर और स्लोगन प्रदर्शित किए।





