
रिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली | Kadak Times
स्थान: सलोन, जिला रायबरेली
रायबरेली जिले के सलोन क्षेत्र में बिजली विभाग की एक और घातक लापरवाही सामने आई है, जिसने विभागीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला विजवलिया फीडर का है, जहां पावर हाउस के अधीन काम कर रहे गुड्डू पुत्र रामलखन, निवासी सांडा सैदन, विकास खंड सलोन, 11 हजार वोल्ट की लाइन पर कार्य कर रहे थे।
जानकारी के अनुसार, लाइन पर मरम्मत कार्य के लिए सेट डाउन लिया गया था यानी लाइन की सप्लाई बंद की गई थी, लेकिन जैसे ही गुड्डू पोल पर चढ़कर तार जोड़ रहे थे, अचानक से लाइन में फिर से करंट प्रवाहित कर दिया गया। वह लाइन से उतर भी नहीं पाए थे कि करंट की चपेट में आ गए और उनका शरीर जलने लगा।
मौके पर अफरातफरी, विभाग को समय पर सूचना देने के बावजूद मदद नहीं
स्थानीय लोगों ने जैसे ही पोल पर आग की लपटें देखीं, तो तुरंत विद्युत विभाग को सूचना दी। लेकिन काफी देर तक विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। गुड्डू काफी देर तक पोल पर झुलसते रहे। अंततः ग्रामीणों ने किसी तरह से उन्हें नीचे उतारा और अस्पताल ले गए।
ग्रामीणों में आक्रोश, बोले — यह सीधी हत्या की कोशिश है
घटना के बाद इलाके में भारी आक्रोश देखने को मिला। लोगों का कहना है कि जब लाइनमैन पोल पर चढ़ा हुआ हो, तो लाइन चालू करना न सिर्फ गैरजिम्मेदाराना हरकत है, बल्कि जानलेवा अपराध भी है। कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग अक्सर बिना किसी चेकिंग के सप्लाई चालू कर देता है।
एक ग्रामीण ने कहा, “अगर यही हाल रहा तो हर हफ्ते एक लाइनमैन या मजदूर अपनी जान गवांएगा और कोई जवाबदेह नहीं होगा।”
सोशल मीडिया पर उठी कार्रवाई की मांग
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। #LineManSafety, #UPBijliVibhag, #RaebareliNews, और #ElectricityNegligence जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सवाल जस का तस — जवाबदेही कौन लेगा?
अब सबसे अहम सवाल यही है कि इस हादसे की जवाबदेही कौन लेगा? क्या दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी? या फिर हमेशा की तरह जांच की फाइलें अलमारियों में बंद रह जाएंगी?
यह घटना न सिर्फ एक कर्मचारी की जान को खतरे में डालने वाली थी, बल्कि पूरे सिस्टम की नाकामी का उदाहरण बन गई है। अगर इस बार भी कोई कदम नहीं उठाया गया, तो भविष्य में ऐसे हादसों को रोक पाना मुश्किल होगा।