
रिपोर्टर: संदीप मिश्रा, रायबरेली
रायबरेली।
रविवार को रायबरेली के खेल जगत के लिए एक गौरवशाली दिन रहा। रायबरेली मार्शल आर्ट अकैडमी द्वारा आयोजित कराटे बेल्ट ग्रेडिंग टेस्ट में 35 खिलाड़ियों ने विभिन्न श्रेणियों की परीक्षा उत्तीर्ण की, जबकि दो होनहार खिलाड़ियों प्रतीक सिंह और अनुप्रिया मौर्या को ब्लैक बेल्ट सोदान से नवाजा गया।
यह आयोजन अकैडमी की महावीर नगर शाखा, सिविल लाइंस में संपन्न हुआ, जहां खिलाड़ियों का शारीरिक कौशल, आत्मरक्षा तकनीक और अनुशासन के स्तर पर परीक्षण किया गया।
परीक्षा में क्या-क्या हुआ?
ग्रेडिंग टेस्ट में खिलाड़ियों से किक, पंच, ब्लॉक, काता, कुमिते, ब्रेकिंग इवेंट और लिखित परीक्षा जैसी गतिविधियों के ज़रिए उनके कराटे कौशल का मूल्यांकन किया गया। यह पूरा कार्यक्रम जिला कराटे संघ के महासचिव और एनटीपीसी कोच राहुल कुमार पटेल की देखरेख में आयोजित किया गया।
ब्लैक बेल्ट विजेताओं पर सबकी नजर
ब्लैक बेल्ट प्राप्त करने वाले खिलाड़ी प्रतीक और अनुप्रिया लंबे समय से प्रशिक्षण ले रहे थे। इनकी मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि वे इस मुकाम तक पहुंचे हैं। इन दोनों की उपलब्धि से न सिर्फ अकैडमी बल्कि पूरा रायबरेली गौरवान्वित है।
अकैडमी के अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता ने सफल खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए कहा, “खिलाड़ी सिर्फ प्रतियोगिता में नहीं, जीवन में भी आगे बढ़ते हैं। कराटे जैसी विधाएं बच्चों में आत्मविश्वास और आत्मरक्षा की भावना को मजबूत करती हैं।”
आत्मरक्षा के लिए कराटे एक सशक्त माध्यम
अकैडमी के संस्थापक और कोच आशीष जायसवाल ने कहा, “आज के दौर में सेल्फ डिफेंस बेहद ज़रूरी हो गया है, खासकर महिलाओं और किशोरियों के लिए। कराटे उन्हें सशक्त बनाने का काम करता है। हमारी कोशिश है कि हर बच्चा आत्मनिर्भर और सुरक्षित महसूस करे।”
खिलाड़ियों की सूची में कई उभरते नाम
इस कार्यक्रम में कई ऐसे युवा चेहरे शामिल रहे जिन्होंने अपनी कला से सबका ध्यान खींचा। प्रमुख नामों में शामिल हैं –
अद्विक वर्मा, ओस मिश्रा, तृषा तिवारी, जैनेश प्रताप सिंह, कृतिका सिंह, ध्रुव कुमार, अल्पिका सिंह, फहीम, अन्वी मिश्रा, लक्ष्य, रुद्रांश पटेल, यश रावत, आर्यन जायसवाल, अथर्व शर्मा, श्रेया कौशल, रागी सिंह, देवांश मिश्रा और कई अन्य।
माता-पिता ने बढ़ाया उत्साह
खिलाड़ियों के साथ उनके अभिभावकों की मौजूदगी ने माहौल को और अधिक प्रेरणादायक बना दिया। अनूप मौर्या, रमेश शुक्ला, किशोरी शरण सिंह, करुण सिंह जैसे कई परिजनों ने बताया कि कराटे ने न सिर्फ उनके बच्चों का आत्मबल बढ़ाया है, बल्कि उन्हें अनुशासन में रहना भी सिखाया है।
निष्कर्ष:
रायबरेली मार्शल आर्ट अकैडमी के इस आयोजन ने यह साबित कर दिया है कि छोटे शहरों में भी बड़ी प्रतिभाएं छिपी हैं, जिन्हें अगर सही मार्गदर्शन और मंच मिले, तो वे किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती हैं।
ब्लैक बेल्ट पाने वाले खिलाड़ी न केवल खुद के लिए, बल्कि अपने जिले के युवाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनेंगे।