रायबरेली में कांवड़ यात्रा: श्रद्धा, सेवा और संगठन की मिसाल बनी स्वागत यात्रा

Share this news

रिपोर्ट:  संदीप मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश | Kadak Times


रायबरेली। सावन के चहल-पहल और शिवभक्ति के रंग में डूबी कांवड़ यात्रा इस बार रायबरेली में बड़ी धूमधाम से मनाई गई। शहर के विभिन्न इलाकों में श्रद्धालुओं का उत्साह और आस्था साफ महसूस की गई, विशेष रूप से खालसा चौक से लेकर चंदापुर कोठी तक का जो शृंखला संगठन और सामाजिक सौहार्द का परिचायक बनी।


खालसा चौक पर हुआ भव्य स्वागत

खालसा चौक को विभिन्न समुदायों और संगठनों ने मिलकर सजाया। श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए फल, बिस्किट और पानी की व्यवस्था की गई। भगवा रंग की झंडियाँ, फूलों की वर्षा, और “बम-बम भोले” के उद्घोषों की गूंज ने माहौल को रोशन कर दिया।

राजनीतिक व सामाजिक हस्तियों ने पैदल पूजा यात्रा की अगुवाई

सभा में शिरकत करने वाले गणमान्य लोगों में शामिल रहे:

  • राज्य मंत्री सोहनलाल श्रीमाली
  • प्रदेश मंत्री सोनू वर्मा
  • अतुल श्रीवास्तव
  • अभिमन्यु शुक्ला
  • अरविंद त्रिवेदी
  • आरबी सिंह
  • अंकुर सिंह
  • जितेन्द्र बहादुर सिंह
  • शेरु खान

वे खालसा चौक से यात्रा में शामिल होकर पुलिस लाइन चौराहा, अस्पताल चौराहा होते हुए चंदापुर कोठी तक पैदल शिवभक्तियों के साथ चले। इस अभ्यास ने सबको एक साथ जोड़कर भक्ति और एकजुटता का जीता जागता उदाहरण पेश किया।


महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बनी सेवा का प्रतीक

स्वागत समारोह में जिला उपाध्यक्ष उषा श्रीवास्तव ने शिवभक्तों को बताकर अभिनंदन किया। इसके अतिरिक्त गीता सिंह, राजकुमारी सिंह, रेखा सिंह ने भी सेवाकार्य संभाला। उनका यह कदम यह बताता है कि अब धार्मिक आयोजनों में महिलाओं की उपस्थिति भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो गई है।


स्वयंसेवी व प्रशासनिक सहयोग से बनी सुव्यवस्था

  • सुभाष कश्यप, सुरेंद्र कश्यप, राकेश, मुनान, पन्नू, मनीष, विपिन, अमित साहू, महेंद्र मौर्य, बबलू जैसे स्वयंसेवकों ने जल सेवा, ट्रैफिक नियंत्रण, तुरंत चिकित्सा सेवा के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई।
  • नगर पालिका, पुलिस, और स्वयंसेवी समूहों के संयोजन ने सुनिश्चित किया कि कांवड़ यात्रा निर्वाध, शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो।

श्रद्धा और समाज-सेवा का प्रतीक आयोजन

यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आस्था का प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि सामाजिक सौहार्द, संगठनात्मक सामंजस्य और सेवा भाव की मिसाल साबित हुई। वहीं प्रशासन और नागरिक एक-दूसरे के सहयोग से यह सिद्ध कर गए कि बड़े आयोजनों में सामूहिक सहभागिता ज़रूरी है।


निष्कर्ष

रायबरेली की कांवड़ यात्रा ने बताया कि भक्तों का उत्साह, संगठनों का तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग, तथा समाज की एकजुटता मिलकर एक सफल आयोजन का आधार होती है। इस पहल से केवल धार्मिक ऊर्जा नहीं बढ़ती, बल्कि सामाजिक विश्वास, समुदाय को मजबूत करने और नागरिक-प्रशासन सहभागिता को भी बल मिलता है।


Share this news
  • Related Posts

    श्रीराम कथा में राम नाम की गूंज, बारिश में भी डटे रहे श्रद्धालु – महाराजगंज में भक्ति का अनुपम दृश्य

    Share this news

    Share this newsरिपोर्ट: मयालक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश | Kadak Times रायबरेली जनपद के महाराजगंज क्षेत्र में चल रही सप्तदिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ सोमवार को एक भव्य शोभायात्रा के…


    Share this news

    रायबरेली के बेला टिकई गांव में झोलाछाप डॉक्टर का आतंक: अवैध क्लीनिक के ज़रिए इलाज के नाम पर जिंदगी से खिलवाड़

    Share this news

    Share this newsरिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश | Kadak Times रायबरेली जनपद के भदोखर थाना क्षेत्र अंतर्गत बेला टिकई गांव में एक बार फिर झोलाछाप डॉक्टरों की करतूतें…


    Share this news

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *