
रिपोर्टर: संदीप मिश्रा, रायबरेली | कड़क टाइम्स
तारीख: 26 जून 2025
रायबरेली जिले में जन्मजात कटे होंठ (Cleft Lip) और तालू (Cleft Palate) की समस्या से जूझ रहे बच्चों के लिए अच्छी खबर है। 1 जुलाई से 7 जुलाई 2025 तक जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और पंजीकरण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का संचालन स्माइल ट्रेन संस्था द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के सहयोग से किया जा रहा है।
शिविर का उद्देश्य
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन चंद्रा के अनुसार, इस विशेष शिविर का मकसद ऐसे बच्चों की पहचान करना है जिन्हें जन्म से ही चेहरे में विकृति है और जिन्हें समय पर प्लास्टिक सर्जरी की आवश्यकता है। शिविर के माध्यम से बच्चों को मुफ्त में उच्च गुणवत्ता वाली सर्जरी और इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
शिविर की तिथियां और स्थान
पंजीकरण और परीक्षण सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक होंगे। नीचे ब्लॉकवार शेड्यूल दिया गया है:
तिथि | ब्लॉक | स्थान |
---|---|---|
1 जुलाई | बछरावां, शिवगढ़, महाराजगंज, अमावां, हरचंदपुर | सीएचसी महाराजगंज |
2 जुलाई | जगतपुर, ऊंचाहार, दीनशाहगौरा | सीएचसी जगतपुर |
3 जुलाई | लालगंज, सरेनी, डलमऊ, खीरों | सीएचसी लालगंज |
4 जुलाई | रोहनिया, सलोन, डीह, नसीराबाद | सीएचसी सलोन |
5 जुलाई | राही, नगर क्षेत्र, सतावां व अन्य छूटे ब्लॉक | सीएमओ कार्यालय, रायबरेली |
ऑपरेशन कहां और कैसे होगा?
पंजीकृत बच्चों का इलाज लखनऊ के हेल्थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एवं सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, गोमती नगर में किया जाएगा। वहां डॉ. वैभव खन्ना (एमएस, एमसीएच), जो कि एक अनुभवी प्लास्टिक सर्जन हैं और स्माइल ट्रेन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी हैं, ऑपरेशन करेंगे।
संपर्क सूत्र
परिजन अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं:
- नितेश जायसवाल, डीईआईसी मैनेजर रायबरेली – 8795838400
- नीरज कुमार शर्मा, स्माइल ट्रेन प्रतिनिधि – 9454159999 / 9565437056
सरकारी तैयारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र के आरबीएसके टीम, एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ऐसे बच्चों की पहचान सुनिश्चित करें और उन्हें शिविर की जानकारी दें।
निष्कर्ष
यह शिविर केवल एक मेडिकल सुविधा नहीं, बल्कि समाज के वंचित तबके के बच्चों को एक नई मुस्कान देने का अवसर है। जिन बच्चों की ज़िंदगी जन्म से ही सामाजिक असहजता में बीतती है, उनके लिए यह इलाज नई आशा बन सकता है। अभिभावकों से अपील है कि वे इस अवसर का लाभ जरूर उठाएं।