
रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश, Kadak Times
दिनांक: 27 जून, 2025
गोण्डा। शुक्रवार को गोण्डा जिला कारागार का नज़ारा कुछ अलग था। यहां का वातावरण आम दिनों की तरह गंभीर नहीं बल्कि उम्मीद से भरा था। इसकी वजह थी तीन वरिष्ठ अधिकारियों – जनपद न्यायाधीश, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक – का एक साथ जेल का निरीक्षण करना। निरीक्षण के दौरान जेल परिसर में ओपन जिम (Open Gym) का उद्घाटन भी किया गया, जो उत्तर प्रदेश की जेलों में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
🏋️ ओपन जिम: सुधार की राह में सेहत भी जरूरी
जेल परिसर में बनाए गए इस फिटनेस जोन में कैदियों के लिए कई व्यायाम उपकरण लगाए गए हैं ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें। यह ओपन जिम न केवल कैदियों की फिटनेस को बेहतर बनाने में सहायक होगा, बल्कि उनमें अनुशासन और आत्म-सुधार की भावना भी विकसित करेगा।
👥 कैदियों से सीधा संवाद, समस्याओं की ली जानकारी
निरीक्षण के दौरान तीनों अधिकारियों ने बैरकों, अस्पताल, किचन, पुस्तकालय और स्टोर रूम जैसे स्थानों का निरीक्षण किया। अस्पताल में भर्ती बंदियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत कर उनकी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ली गई। साथ ही अधिकारियों ने भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता व्यवस्था का भी जायजा लिया।
⚖️ जिनके पास वकील नहीं, उनके लिए सरकारी कानूनी मदद
निरीक्षण के दौरान यह बात भी सामने आई कि कुछ विचाराधीन बंदियों के पास वकील नहीं हैं। इस पर अधिकारियों ने जेल प्रशासन को निर्देश दिए कि ऐसे कैदियों के लिए सरकारी अधिवक्ता (Free Legal Aid) की व्यवस्था की जाए, ताकि उन्हें उचित न्याय मिलने में किसी तरह की रुकावट न हो।
🏥 मेडिकल जांच की होगी नियमित व्यवस्था
स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अधिकारियों ने निर्देश दिया कि सभी बंदियों का नियमित मेडिकल चेकअप अनिवार्य रूप से कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बंदियों को समय पर इलाज, जरूरी दवाइयां और संतुलित भोजन मिलता रहे।
📚 सुधार के साथ शिक्षा की भी व्यवस्था
कारागार के पुस्तकालय की भी समीक्षा की गई। अधिकारियों ने सुझाव दिया कि पुस्तकालय में उपयोगी और मोटिवेशनल किताबें जोड़ी जाएं ताकि कैदी अपने भविष्य को बेहतर दिशा में ले जा सकें।
👮♂️ वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
इस निरीक्षण में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM), जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर, कोतवाली नगर के एसएचओ सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी ने इस संयुक्त निरीक्षण को जेल सुधार की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम बताया।
गोण्डा जिला जेल में यह पहल दर्शाती है कि अब जेल केवल सज़ा का स्थान नहीं रहा, बल्कि यहां से नए जीवन की शुरुआत भी संभव है। सुधार, स्वास्थ्य और न्याय – इन तीन स्तंभों पर टिकी इस मुहिम से उम्मीद की जा सकती है कि उत्तर प्रदेश की अन्य जेलों में भी जल्द ही ऐसे बदलाव देखने को मिलेंगे।