गोंडा के स्वच्छ वार्ड की दौड़ में कौन बना नंबर वन? जानिए कैसे छात्रों की टीम ने बदल दी सफाई की तस्वीर

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रिपोर्टर: आशिष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश, Kadak Times
तारीख: 27 जून 2025 | लोकेशन: गोण्डा


गोंडा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद गोंडा में आयोजित “स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा 2025” अब एक चर्चा का विषय बन चुकी है। न केवल शहर के 173 वार्डों को इस प्रतियोगिता में शामिल किया गया, बल्कि जिला प्रशासन ने इस मुहिम को लेकर जिस तरह से ज़मीनी प्रयास किए हैं, वो अब मिसाल बन रहे हैं। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य यह था कि निकायों में स्वच्छता को लेकर एक सकारात्मक स्पर्धा का माहौल बने और नागरिक भी अपनी भूमिका को गंभीरता से समझें।

यह पूरी मुहिम World Environment Day 2025 के अवसर पर आरंभ की गई थी, जिसमें गोंडा जनपद की समस्त नगर पंचायतों एवं नगर पालिकाओं के कुल 173 वार्ड शामिल हुए। जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति ने शुक्रवार को गोंडा नगर पालिका, मनकापुर, धानेपुर, तरबगंज और बेलसर में चयनित वार्डों का निरीक्षण कर मूल्यांकन किया।


👩‍🎓 छात्र-छात्राएं बने Swachhta Ambassador

इस निरीक्षण में सबसे खास भूमिका निभाई श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज की छात्र-छात्राओं की टीम ने। प्रो० राज बहादुर सिंह बघेल, डॉ० रेखा शर्मा और डॉ० मनोज कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में छात्रों की टीम ने न केवल जमीनी स्तर पर स्वच्छता की स्थिति को देखा, बल्कि इसका एक विस्तार से मूल्यांकन करते हुए रिपोर्ट भी तैयार की। यह रिपोर्ट समिति के सचिव प्रो० रविंद्र कुमार पांडेय को सौंपी गई जो उक्त कॉलेज के प्राचार्य भी हैं।

इन छात्रों ने गोंडा नगर पालिका के 7 वार्ड, धानेपुर के 2 वार्ड, बेलसर के 2 वार्ड, तरबगंज के 2 वार्ड और मनकापुर के 2 वार्ड का निरीक्षण किया। साफ-सफाई की स्थिति, कचरा निस्तारण व्यवस्था, नागरिकों की भागीदारी, नालियों की स्थिति, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई और लोगों की जागरूकता जैसे कई बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार की गई।


👏 जनता और प्रशासन की साझेदारी बनी जीत की कुंजी

छात्रों ने निरीक्षण के दौरान यह अनुभव किया कि कई वार्डों में नगरपालिका कर्मियों और स्थानीय निवासियों ने मिलकर स्वच्छता को एक जनआंदोलन बना दिया है। कुछ स्थानों पर सफाई व्यवस्था में नागरिकों ने स्वयं सहयोग कर अलग से कूड़ेदान लगवाए और गलियों की नियमित सफाई सुनिश्चित की। इससे न केवल उन वार्डों की सुंदरता बढ़ी, बल्कि पर्यावरण के प्रति भी एक नई चेतना जागी।

यह अभियान एक तरह से Public Participation in Cleanliness की आदर्श मिसाल बनकर सामने आया है। छात्रों ने विशेष रूप से गोंडा नगर पालिका और नगरवासियों की सराहना करते हुए जिलाधिकारी का आभार जताया कि उन्होंने छात्रों को समाजसेवा के इस कार्य से जोड़कर Practical Civic Engagement का बेहतरीन अवसर प्रदान किया।


📋 कैसे हुआ मूल्यांकन? जानिए प्रतियोगिता की Process

स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा में हर वार्ड को स्वच्छता, नागरिक सहभागिता, अपशिष्ट प्रबंधन, दीवार लेखन, पौधारोपण, नाली सफाई, स्वच्छ शौचालय और कचरा संग्रहण प्रणाली जैसे कई मानकों पर परखा गया। हर टीम को उस वार्ड का निरीक्षण कर स्वच्छता सूचकांक पर आंकलन करना था।

निरीक्षण के दौरान छात्रों ने Google Forms और Checklist आधारित Survey tools का भी प्रयोग किया, जिससे डेटा को और पारदर्शी और सटीक तरीके से संकलित किया गया।


🔍 अधिकारियों की सक्रिय भूमिका रही अहम

इस पूरे कार्यक्रम के मार्गदर्शन में अपर जिलाधिकारी गोंडा को Nodal Officer नियुक्त किया गया था। उनकी देखरेख में ही पूरे अभियान का नियोजन और संचालन हुआ। वहीं जिलाधिकारी ने स्वयं समिति का गठन कर यह सुनिश्चित किया कि मूल्यांकन निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित हो।

जिला विद्यालय निरीक्षक इस समिति के अध्यक्ष के रूप में शामिल रहे जिन्होंने शैक्षणिक संस्थाओं और प्रशासन के बीच तालमेल बनाकर इस कार्य को सुचारु रूप से आगे बढ़ाया।


📣 निष्कर्ष: “स्वच्छता अब सरकारी योजना नहीं, जन भावना बन रही है”

गोंडा जनपद में आयोजित यह वार्ड स्तर की स्वच्छता प्रतियोगिता एक शानदार उदाहरण है कि कैसे प्रशासन, छात्र और आम जनता मिलकर किसी मिशन को जनआंदोलन में बदल सकते हैं। ऐसे आयोजन न केवल समाज को सजग बनाते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को भी जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करते हैं।

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के इस डिजिटल और सहभागिता भरे युग में गोंडा की यह पहल उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बन सकती है।


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