रायबरेली: ड्रग इंस्पेक्टर की छापेमारी से मेडिकल स्टोरों में हड़कंप, कई दुकानों को नोटिस

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रिपोर्टर: संदीप मिश्रा | कड़क टाइम्स, रायबरेली
तारीख: 26 जून 2025

रायबरेली शहर के जिला अस्पताल क्षेत्र में गुरुवार को ड्रग विभाग की कार्रवाई ने मेडिकल व्यवसायियों को चौंका दिया। ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी टीम और पुलिस बल के साथ कई मेडिकल दुकानों पर एक के बाद एक छापे मारे, जिससे मेडिकल मार्केट में हड़कंप मच गया।

क्या थी छापेमारी की वजह?

कार्रवाई का उद्देश्य था यह सुनिश्चित करना कि मेडिकल स्टोर दवाओं की बिक्री और भंडारण में नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। छापेमारी के दौरान यह पाया गया कि कुछ दुकानदार बिना कैश बिल के दवाएं बेच रहे हैं और कई मामलों में शेड्यूल एच-1 जैसी संवेदनशील दवाओं की बिक्री का कोई रिकॉर्ड तक नहीं रखा गया।

इन दुकानों पर हुई कार्रवाई

छापे के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर को कई गंभीर अनियमितताएं देखने को मिलीं, जिनमें शामिल थीं:

  • बिलिंग सिस्टम का अभाव
  • नशीली दवाओं की बिक्री का अधूरा रिकॉर्ड
  • कुछ दवाएं नियमों के विरुद्ध स्टॉक की गई थीं

इन्हीं गड़बड़ियों को आधार बनाकर चार मेडिकल स्टोरों को नोटिस जारी किए गए हैं।

ड्रग इंस्पेक्टर का बयान

ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस कार्रवाई का मकसद कानून का पालन करवाना है। उन्होंने कहा:

“हमारा लक्ष्य किसी को परेशान करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को सुरक्षित और प्रमाणिक दवाएं मिलें। यदि कोई मेडिकल स्टोर नियमों को तोड़ता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक नोटिस का जवाब नहीं आता और बिलिंग प्रणाली दुरुस्त नहीं होती, उन दुकानों से खरीद-फरोख्त पर रोक रहेगी।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी कार्रवाई

रायबरेली जिले में इससे पहले भी मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की जा चुकी है। 2022 में ऊंचाहार क्षेत्र में की गई एक जांच में भी कई दुकानों पर बिना लाइसेंस और नियम विरुद्ध दवाओं की बिक्री पाई गई थी।

लोगों को क्यों है इस कार्रवाई से फायदा?

ऐसी छापेमारी से आम जनता को यह भरोसा मिलता है कि बाजार में जो दवाएं उपलब्ध हैं, वे सुरक्षित, प्रमाणिक और नियमों के तहत बिकी जा रही हैं। नकली, एक्सपायर्ड या बिना रिकॉर्ड की दवाएं सीधे-सीधे मरीजों की जान के लिए खतरा बन सकती हैं।

निष्कर्ष

ड्रग विभाग की इस कार्रवाई से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेडिकल संचालकों को न सिर्फ लाइसेंस के नियमों का पालन करना होगा, बल्कि हर बिक्री का पुख्ता रिकॉर्ड भी रखना जरूरी है।

ड्रग इंस्पेक्टर की टीम आने वाले समय में भी ऐसे अभियान जारी रखेगी ताकि आम जनता तक सिर्फ सही और सुरक्षित दवाएं ही पहुंच सकें।


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