World Population Day 2025: रायबरेली में हुआ विधिक साक्षरता शिविर, जनसंख्या नियंत्रण और युवा सशक्तिकरण पर दी गई जानकारी

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रिपोर्टर: संदीप मिश्रा | स्थान: रायबरेली | प्रकाशन: Kadak Times

रायबरेली, 11 जुलाई 2025
विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर रायबरेली की तहसील सदर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एक विधिक साक्षरता एवं जन-जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता अपर जिला जज व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायबरेली, अनुपम शौर्य ने की।
शिविर का उद्देश्य था जनसंख्या से जुड़ी सामाजिक व कानूनी समस्याओं को समझाना, और लोगों को उनके अधिकारों व सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करना।

कार्यक्रम की शुरुआत में अनुपम शौर्य ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस पहली बार 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रस्तावित किया गया था। तब दुनिया की आबादी पांच अरब के करीब थी। आज यह संख्या आठ अरब को पार कर चुकी है, जो संसाधनों पर बढ़ते दबाव का संकेत है। भारत अब दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

2025 के विश्व जनसंख्या दिवस की थीम “Empowering Youth for a Better Future” रखी गई है, जिसका उद्देश्य युवाओं को शिक्षित करना और उन्हें सामाजिक व पारिवारिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाना है। अनुपम शौर्य ने कहा कि यदि युवाओं को सही जानकारी और अवसर दिए जाएं तो वे समाज को नई दिशा देने में सक्षम हो सकते हैं।

शिविर में भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिशन परिवार विकास के बारे में भी विस्तार से बताया गया। यह योजना उन जिलों में लागू है जहां प्रजनन दर तीन या उससे अधिक है। इसका लक्ष्य 2025 तक प्रजनन दर को 2.1 तक लाना है, जिससे जनसंख्या को संतुलित किया जा सके।

इसके साथ ही नसबंदी क्षतिपूर्ति योजना की जानकारी भी दी गई। इस योजना के तहत नसबंदी के बाद होने वाली किसी भी मृत्यु, विफलता या चिकित्सा जटिलता की स्थिति में लाभार्थी और स्वास्थ्यकर्मी को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। सरकार द्वारा नसबंदी के लिए मुआवजा भी दिया जाता है, ताकि मजदूरी हानि की भरपाई की जा सके।

शिविर में विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता की भी जानकारी दी गई। धारा 12 के तहत ऐसे व्यक्ति जो आर्थिक, सामाजिक या मानसिक रूप से कमजोर हैं, वे निःशुल्क कानूनी सहायता पाने के पात्र हैं। लोगों को बताया गया कि लीगल एड क्लीनिक, डिफेंस काउंसल सिस्टम और पराविधिक स्वयंसेवक उनके अधिकारों तक न्याय पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।

कार्यक्रम के दौरान हौसला साझेदारी योजना, परिवार मिशन और वन स्टॉप सेंटर जैसी लोक कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी गई। इन योजनाओं का उद्देश्य समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक सहायता पहुंचाना है।

शिविर में प्रशासनिक और सामाजिक संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी रही। उपस्थित अधिकारियों में नायब तहसीलदार रमाशंकर मिश्र, जिला बाल संरक्षण अधिकारी वीरेन्द्र पाल, सीडीपीओ संध्या श्रीवास्तव और वन स्टॉप सेंटर की काउंसलर श्रद्धा सिंह शामिल थीं। इसके अलावा पराविधिक स्वयंसेवक पवन श्रीवास्तव, मनोज प्रजापति और पूनम सिंह ने भी जागरूकता फैलाने में योगदान दिया।

इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि जनसंख्या नियंत्रण और कानूनी साक्षरता केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग की सहभागिता से ही सफल हो सकती है। जब युवा वर्ग को सही दिशा और जानकारी मिले, तभी देश की विकास यात्रा संतुलित और सतत बन सकती है।


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