रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
स्थान: गोण्डा | दिनांक: 03 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश अब एक बड़े बदलाव की ओर अग्रसर है। प्रदेश सरकार ने राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का जो लक्ष्य तय किया है, उसकी दिशा में एक मजबूत कदम उठाते हुए Labour Force Survey (LFS) और ASUSE Survey की शुरुआत की जा रही है। यह सर्वे जुलाई 2025 से जून 2026 तक पूरे प्रदेश में चलेगा।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि राज्य के अलग-अलग जिलों में रोजगार, बेरोजगारी, उत्पादन और सेवाओं से जुड़ी जमीनी हकीकत क्या है। इसके जरिए हर जिले के Gross State Domestic Product (GSDP) की गणना की जाएगी, जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास की रफ्तार तय की जा सकेगी।
क्या है लेबर फोर्स सर्वे और ASUSE सर्वे?
लेबर फोर्स सर्वे (Labour Force Survey) के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि कितने लोग रोजगार में हैं, कितने लोग नौकरी की तलाश में हैं और श्रम शक्ति में उनकी भागीदारी कैसी है। वहीं, ASUSE Survey प्रदेश के असंगठित क्षेत्र (Unorganized Sector) में चल रही इकाइयों, जैसे घरेलू उद्योग, दुकानें और छोटे व्यवसायों से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों की वास्तविक स्थिति सामने लाएगा।
देवीपाटन मंडल में विशेष तैयारी
देवीपाटन मंडल के अंतर्गत आने वाले गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती जिलों में इस सर्वेक्षण के लिए सर्वेकर्ताओं और पर्यवेक्षकों का विशेष प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। यह प्रशिक्षण ग्राम्य विकास संस्थान, गोण्डा में 2 जुलाई से 4 जुलाई तक चलाया जा रहा है। इसके बाद ASUSE सर्वे के लिए अलग से प्रशिक्षण 7 जुलाई से 9 जुलाई तक दिया जाएगा।
प्रशिक्षण की जिम्मेदारी भारत सरकार के विशेषज्ञों पर है, जबकि सर्वेक्षण कार्य एक प्राइवेट एजेंसी करेगी। इसकी निगरानी जिला स्तर पर अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय और मंडल स्तर पर उपनिदेशक (अर्थ एवं संख्या), देवीपाटन मंडल करेंगे।
कैसे होगा सर्वेक्षण का कार्य?
- यह सर्वे डिजिटल उपकरणों के माध्यम से किया जाएगा।
- CAPI (Computer Assisted Personal Interviewing) तकनीक से घर-घर जाकर जानकारी जुटाई जाएगी।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सैंपल आधारित हाउसहोल्ड सर्वे होगा।
- हर जवाबदाता से व्यक्तिगत तौर पर सवाल पूछे जाएंगे, जिनके आधार पर रोजगार और उत्पादन से जुड़े आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे।
किन पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा?
- श्रम बल भागीदारी दर (Labour Force Participation Rate)
- कामकाजी जनसंख्या अनुपात (Worker Population Ratio)
- बेरोजगारी दर (Unemployment Rate)
- महिलाओं और युवाओं की रोजगार भागीदारी
- असंगठित क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति
- जिले की GDP में कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों का योगदान
जनता की भागीदारी क्यों जरूरी है?
यह सर्वे सिर्फ आंकड़ों के लिए नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की आने वाली नीतियों की नींव है। ऐसे में अगर आपके घर कोई सर्वेक्षणकर्ता आता है, तो सहयोग करें और सटीक जानकारी दें। आपकी दी गई जानकारी राज्य की विकास योजनाओं को मजबूती देने का आधार बनेगी।
सरकार की मंशा साफ – हर नागरिक तक पहुंचे तरक्की
उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि पॉलिसी तभी सफल हो सकती है जब वह डेटा आधारित हो। इसीलिए रोजगार, शिक्षा, कौशल विकास, स्वरोजगार और महिलाओं की भागीदारी जैसे मुद्दों पर सही आंकड़े इकट्ठा करना जरूरी है। यही आंकड़े आगे चलकर Skill Development Programs, MSME Schemes, Digital India Initiatives आदि के लिए पथप्रदर्शक होंगे।







