रिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
छोटा कटरा ग्राम पंचायत तुलराई में इन दिनों अवैध खनन का खेल जिस ढंग से चल रहा है, उसने पूरे क्षेत्र में चिंता की लकीरें खींच दी हैं। दोपहर 12 बजे से लेकर रात देर तक JCB मशीनों का शोर पूरे गांव में गूंजता रहता है, और मिट्टी माफिया पूरी बेखौफी से सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाते हुए खेतों को खंगाल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दो–तीन दिनों से लगातार मशीनें मोहम्मद रज्जाब पुत्र लाल के खेत में लगाई गई हैं, जहां खुलेआम मिट्टी की खुदाई हो रही है। गांववालों ने कई बार इसका विरोध किया, लेकिन खनन माफिया पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
मौके पर देखा गया कि खेत में गहरे गड्ढे खोदे जा चुके हैं और ट्रैक्टरों की कतारें मिट्टी ढोने के लिए तैयार खड़ी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ट्रैक्टर मालिक सुनील यादव और राम प्रसाद रात भर मिट्टी की ढुलाई कर रहे हैं। पूरा मामला ऐसे चल रहा है जैसे किसी के पास कानून से ऊपर की शक्ति हो। यही वजह है कि गांव में चर्चा तेज है कि इस अवैध खनन के पीछे “ऊपर तक सेटिंग” है, तभी किसी भी स्तर पर रोकथाम की कोशिश नहीं की जा रही।
गांव के लोगों ने बताया कि जब उन्होंने खनन विभाग से लेकर पुलिस और तहसील कार्यालय तक शिकायत की, तो सभी जगह फोन या तो रिसीव नहीं हुआ या कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जगतपुर थाना ग्रामीणों का कॉल रिसीव तक नहीं कर रहा, और तहसीलदार डलमऊ से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि अधिकारियों की लगातार चुप्पी और कार्रवाई की कमी यह साबित करती है कि मामला सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि मिलीभगत जैसा लग रहा है।
अवैध खनन से खेतों की उर्वरक मिट्टी नष्ट हो रही है, जिससे आने वाले समय में फसल उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा। इसके अलावा इतनी गहरी खुदाई से पूरे क्षेत्र की जमीन अस्थिर होने का खतरा भी है। बरसात के मौसम में ऐसे गड्ढों से गंभीर हादसे हो सकते हैं, लेकिन खनन माफिया न तो नियम देख रहा है और न भविष्य की चिंता कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि JCB मशीनें बिना किसी अनुमति के खेत खोद रही हैं, जबकि सरकारी नियमों के अनुसार कृषि भूमि पर इस तरह की खुदाई पूरी तरह प्रतिबंधित है।
महिलाओं और बुजुर्गों ने भी चिंता जताई है कि लगातार बढ़ते ट्रैफिक और मशीनों के शोर से बच्चों की पढ़ाई और गांव का शांत वातावरण पूरी तरह प्रभावित हो रहा है। लोगों का कहना है कि धूल के कारण सांस लेने में परेशानी हो रही है और खेतों की असली बनावट खराब हो रही है। ग्रामीणों ने साफ कहा कि प्रशासन यदि तुरंत एक्शन नहीं लेता तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
अवैध खनन सिर्फ पर्यावरण और जमीन को नुकसान नहीं पहुंचा रहा, बल्कि सरकार को भी भारी राजस्व हानि हो रही है। बिना किसी रॉयल्टी और परमिट के हर दिन दर्जनों ट्रैक्टर मिट्टी की ढुलाई कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस मिट्टी को आसपास के क्षेत्रों में मोटी रकम पर बेचा जा रहा है, जिससे खनन माफिया रोज लाखों रुपये कमा रहा है। सरकार और विभाग को इसका फायदा तो दूर, जानकारी तक नहीं मिल पा रही क्योंकि अधिकारी मौके पर जाना ही नहीं चाहते।
