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नवाबगंज पुलिस का ईमानदारी भरा कार्य बना चर्चा का विषय

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नवाबगंज पुलिस का ईमानदारी भरा कार्य बना चर्चा का विषय, घायल युवक की मां को लौटाए एक लाख रुपये

रिपोर्ट :आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो प्रमुख गोंडा,29 मई 2025

नवाबगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात हुई एक सड़क दुर्घटना के बाद पुलिस ने जो ईमानदारी और मानवता दिखाई, वह सोशल मीडिया से लेकर गांव की गलियों तक चर्चा का विषय बन चुकी है। एक हादसे में गंभीर रूप से घायल युवक की जेब से मिले ₹1,00,000 नकद, मोबाइल और घड़ी को थानाध्यक्ष अभय सिंह ने उसकी मां को सौंपकर एक ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो पुलिस विभाग की छवि को एक नई ऊंचाई पर ले जाता है।
हादसा और तत्काल सहायता
मंगलवार की रात करीब 11:30 बजे, रामापुर, तरबगंज निवासी आरिफ पुत्र बकरीदी अपनी पल्सर बाइक से नवाबगंज की ओर जा रहे थे। जब वे लौव्वाबीरपुर गांव के डिहवा मोड़ पर पहुंचे, तो तेज रफ्तार में उनकी बाइक बिजली के खंभे से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि आरिफ गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर बेहोश हो गए।
देरी से पहुंची एंबुलेंस, पुलिस बनी फरिश्ता
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय समाजसेवी गिरजेश तिवारी (लल्लू) ने एंबुलेंस सेवा को फोन किया, लेकिन लगभग 30 मिनट तक कोई मदद नहीं पहुंची। जब स्थिति बिगड़ती नजर आई, तो गिरजेश ने तुरंत थाना नवाबगंज को सूचना दी। थानाध्यक्ष अभय सिंह खुद मौके पर पहुंचे और बिना देरी किए अपनी सरकारी गाड़ी से घायल को नवाबगंज सीएचसी (CHC) भिजवाया।
वहाँ डॉक्टरों ने जांच के बाद युवक की हालत को गंभीर बताकर उसे अयोध्या मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
जेब में मिले पैसे और सामान, ईमानदारी की मिसाल
घायल युवक की तलाशी के दौरान पुलिस को उसकी जेब से एक लाख रुपये नकद, एक मोबाइल फोन और एक घड़ी मिली। थानाध्यक्ष अभय सिंह ने ना सिर्फ ये सामान सुरक्षित रखा, बल्कि अगले ही दिन युवक की मां को सारे सामान सौंप दिए।
इस घटना ने लोगों को यह यकीन दिलाया कि ईमानदारी और संवेदनशीलता आज भी पुलिस व्यवस्था में ज़िंदा है।
सोशल मीडिया पर Police Good Work वायरल
जैसे ही यह खबर स्थानीय लोगों और मीडिया तक पहुंची, सोशल मीडिया पर नवाबगंज पुलिस का यह “Good Work” वायरल होने लगा। #HonestPoliceOfficer, #UPPoliceHumanity, #NawabganjNews, #TrendingToday, जैसे हैशटैग्स के साथ सैकड़ों लोगों ने इस नेक काम की प्रशंसा की।
“ऐसे अफसरों की वजह से ही लोगों का भरोसा पुलिस पर बना रहता है।” – सोशल मीडिया यूजर
“थानाध्यक्ष अभय सिंह जैसे पुलिसकर्मी आज के समय में रोल मॉडल हैं।” – स्थानीय युवा
समाजसेवी गिरजेश तिवारी की भी सराहना
घटना की जानकारी देने और घायलों की मदद के लिए समाजसेवी गिरजेश तिवारी की भी तारीफ हो रही है। यदि उन्होंने समय पर पुलिस को फोन न किया होता, तो शायद घायल की हालत और बिगड़ सकती थी।
“हमने इंसानियत के नाते सूचना दी, लेकिन थानाध्यक्ष ने जिस तरह फुर्ती और ईमानदारी दिखाई, वो काबिले तारीफ है।” – गिरजेश तिवारी
थानाध्यक्ष अभय सिंह का बयान
जब इस विषय पर थानाध्यक्ष अभय सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा:
“हमारा पहला कर्तव्य है कि हर घायल को तुरंत मदद पहुंचाई जाए और उसका सामान सुरक्षित रहे। हमने वही किया जो एक पुलिसकर्मी को करना चाहिए।”
जनता में पुलिस की छवि और मज़बूत
इस घटना के बाद नवाबगंज और आसपास के क्षेत्रों में लोगों की पुलिस के प्रति धारणा बेहतर हुई है। जहां लोग पहले पुलिस से दूरी बनाकर रखते थे, अब वही लोग पुलिस को अपना सहयोगी मानने लगे हैं।
“पहले डर लगता था, अब भरोसा होता है कि पुलिस मदद करेगी।” – स्थानीय निवासी

निष्कर्ष
नवाबगंज पुलिस ने इस घटना के जरिए साबित कर दिया कि वर्दी सिर्फ कानून का प्रतीक नहीं होती, यह सेवा, ईमानदारी और मानवता की मिसाल भी बन सकती है।
अभय सिंह जैसे अधिकारी पुलिस विभाग की असली पहचान हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।

नवाबगंज पुलिस का ईमानदारी भरा कार्य बना चर्चा का विषय, घायल युवक की मां को लौटाए एक लाख रुपये
गोंडा, उत्तर प्रदेश – 29 मई 2025:

नवाबगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात हुई एक सड़क दुर्घटना के बाद पुलिस ने जो ईमानदारी और मानवता दिखाई, वह सोशल मीडिया से लेकर गांव की गलियों तक चर्चा का विषय बन चुकी है। एक हादसे में गंभीर रूप से घायल युवक की जेब से मिले ₹1,00,000 नकद, मोबाइल और घड़ी को थानाध्यक्ष अभय सिंह ने उसकी मां को सौंपकर एक ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो पुलिस विभाग की छवि को एक नई ऊंचाई पर ले जाता है।
हादसा और तत्काल सहायता
मंगलवार की रात करीब 11:30 बजे, रामापुर, तरबगंज निवासी आरिफ पुत्र बकरीदी अपनी पल्सर बाइक से नवाबगंज की ओर जा रहे थे। जब वे लौव्वाबीरपुर गांव के डिहवा मोड़ पर पहुंचे, तो तेज रफ्तार में उनकी बाइक बिजली के खंभे से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि आरिफ गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर बेहोश हो गए।
देरी से पहुंची एंबुलेंस, पुलिस बनी फरिश्ता
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय समाजसेवी गिरजेश तिवारी (लल्लू) ने एंबुलेंस सेवा को फोन किया, लेकिन लगभग 30 मिनट तक कोई मदद नहीं पहुंची। जब स्थिति बिगड़ती नजर आई, तो गिरजेश ने तुरंत थाना नवाबगंज को सूचना दी। थानाध्यक्ष अभय सिंह खुद मौके पर पहुंचे और बिना देरी किए अपनी सरकारी गाड़ी से घायल को नवाबगंज सीएचसी (CHC) भिजवाया।
वहाँ डॉक्टरों ने जांच के बाद युवक की हालत को गंभीर बताकर उसे अयोध्या मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
जेब में मिले पैसे और सामान, ईमानदारी की मिसाल
घायल युवक की तलाशी के दौरान पुलिस को उसकी जेब से एक लाख रुपये नकद, एक मोबाइल फोन और एक घड़ी मिली। थानाध्यक्ष अभय सिंह ने ना सिर्फ ये सामान सुरक्षित रखा, बल्कि अगले ही दिन युवक की मां को सारे सामान सौंप दिए।
इस घटना ने लोगों को यह यकीन दिलाया कि ईमानदारी और संवेदनशीलता आज भी पुलिस व्यवस्था में ज़िंदा है।
सोशल मीडिया पर Police Good Work वायरल
जैसे ही यह खबर स्थानीय लोगों और मीडिया तक पहुंची, सोशल मीडिया पर नवाबगंज पुलिस का यह “Good Work” वायरल होने लगा। #HonestPoliceOfficer, #UPPoliceHumanity, #NawabganjNews, #TrendingToday, जैसे हैशटैग्स के साथ सैकड़ों लोगों ने इस नेक काम की प्रशंसा की।
“ऐसे अफसरों की वजह से ही लोगों का भरोसा पुलिस पर बना रहता है।” – सोशल मीडिया यूजर
“थानाध्यक्ष अभय सिंह जैसे पुलिसकर्मी आज के समय में रोल मॉडल हैं।” – स्थानीय युवा
समाजसेवी गिरजेश तिवारी की भी सराहना
घटना की जानकारी देने और घायलों की मदद के लिए समाजसेवी गिरजेश तिवारी की भी तारीफ हो रही है। यदि उन्होंने समय पर पुलिस को फोन न किया होता, तो शायद घायल की हालत और बिगड़ सकती थी।
“हमने इंसानियत के नाते सूचना दी, लेकिन थानाध्यक्ष ने जिस तरह फुर्ती और ईमानदारी दिखाई, वो काबिले तारीफ है।” – गिरजेश तिवारी
थानाध्यक्ष अभय सिंह का बयान
जब इस विषय पर थानाध्यक्ष अभय सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा:
“हमारा पहला कर्तव्य है कि हर घायल को तुरंत मदद पहुंचाई जाए और उसका सामान सुरक्षित रहे। हमने वही किया जो एक पुलिसकर्मी को करना चाहिए।”
जनता में पुलिस की छवि और मज़बूत
इस घटना के बाद नवाबगंज और आसपास के क्षेत्रों में लोगों की पुलिस के प्रति धारणा बेहतर हुई है। जहां लोग पहले पुलिस से दूरी बनाकर रखते थे, अब वही लोग पुलिस को अपना सहयोगी मानने लगे हैं।
“पहले डर लगता था, अब भरोसा होता है कि पुलिस मदद करेगी।” – स्थानीय निवासी

निष्कर्ष
नवाबगंज पुलिस ने इस घटना के जरिए साबित कर दिया कि वर्दी सिर्फ कानून का प्रतीक नहीं होती, यह सेवा, ईमानदारी और मानवता की मिसाल भी बन सकती है।
अभय सिंह जैसे अधिकारी पुलिस विभाग की असली पहचान हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।


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