
रिपोर्टर: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली
रायबरेली जिले के ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों का नेटवर्क तेजी से फैलता जा रहा है। जिले के जगतपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लक्ष्मणपुर गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां कार्तिक बंगाली क्लीनिक के नाम से एक व्यक्ति खुद को “डॉ. कार्तिक बंगाली” बताकर अवैध रूप से मरीजों का इलाज कर रहा है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह व्यक्ति मेडिकल की कोई अधिकृत डिग्री नहीं रखता, फिर भी खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताकर वर्षों से इलाज कर रहा है। बताया जा रहा है कि वह बिना उचित जांच किए सीधे दवाइयां लिखता है और इलाज के नाम पर भारी धन वसूलता है।
मरीजों की सेहत से खिलवाड़
गांव के कई लोगों ने आरोप लगाया है कि इस फर्जी डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं के चलते कई मरीजों की हालत और बिगड़ गई। बिना किसी उचित चिकित्सकीय ज्ञान और जांच के दवाइयों का सेवन मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
फर्जीवाड़े के पीछे कौन?
कार्तिक बंगाली क्लीनिक पर न कोई रजिस्ट्रेशन बोर्ड है, न ही कोई प्रमाणित मेडिकल स्टाफ। क्लीनिक के अंदर बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है, लेकिन फिर भी यह क्लीनिक लंबे समय से गांव में संचालित हो रहा है। इससे सवाल उठता है कि आखिर किसके संरक्षण में यह अवैध काम चल रहा है?
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इस क्लीनिक की शिकायत कई बार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से की है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई। इससे यह स्पष्ट है कि या तो संबंधित विभाग लापरवाह है या जानबूझकर अनदेखी कर रहा है।
चिकित्सा विशेषज्ञों की राय
मेडिकल क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में चिकित्सा सेवाएं देने के लिए इंडियन मेडिकल काउंसिल से पंजीकरण अनिवार्य है। बिना लाइसेंस या डिग्री के इलाज करना कानूनन अपराध है और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिएl
प्रशासन से मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि फर्जी डिग्री और बिना रजिस्ट्रेशन क्लीनिक चलाने वाले इस व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही गांव में नियमित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं ताकि भविष्य में किसी को झोलाछाप डॉक्टर के पास न जाना पड़े।
निष्कर्ष
झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से ग्रामीण इलाकों में न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था पर संकट खड़ा हो गया है, बल्कि लोगों की जान को भी खतरा बना हुआ है। कार्तिक बंगाली क्लीनिक इसका जीवंत उदाहरण है, जहां कानून और नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। जरूरी है कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले को गंभीरता से ले और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करे।
स्थान: लक्ष्मणपुर, थाना जगतपुर, जिला रायबरेली
रिपोर्टर: माया लक्ष्मी मिश्रा
मीडिया संस्थान: Kadak Times News, रायबरेली