रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली जनपद के अमावा ब्लॉक संसाधन केंद्र में बेसिक शिक्षा विभाग की समेकित शिक्षा इकाई द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजित निःशुल्क मेडिकल एसेसमेंट कैंप ने मानो जीवन में नई रोशनी भर दी। इस कैंप में विभिन्न प्रकार की दिव्यांगताओं से जूझ रहे बच्चों के यूडीआईडी कार्ड और दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया शुरू की गई। यह पहल बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए उम्मीद का एक नया दरवाज़ा खोल गई।
कार्यक्रम की कमान विशेष शिक्षक अभय श्रीवास्तव ने संभाली। उन्होंने दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को समेकित शिक्षा के उद्देश्य और लाभों के बारे में जानकारी दी। अभय श्रीवास्तव ने बताया कि “हर बच्चा समाज का हिस्सा है, बस हमें उन्हें सही अवसर और सहयोग देना है।” उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों में आत्मविश्वास जगाने और उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं।
विशेष शिक्षिका मीना वर्मा ने बच्चों का डेटा एकत्र कर उनकी प्रोफ़ाइल तैयार की। उन्होंने कहा कि हर बच्चे की दिव्यांगता की प्रकृति को समझना बेहद आवश्यक है, ताकि आगे की शैक्षिक और चिकित्सकीय योजनाएँ सटीक बन सकें।
कैंप में डी. पी. सरोज (अस्थि सर्जन), डॉ. प्रदीप (फिजीशियन), डॉ. निदा (नेत्र विशेषज्ञ) और रूबी चौधरी (असिस्टेंट ऑडियोलॉजिस्ट) ने बच्चों का परीक्षण किया। वहीं समेकित शिक्षा टीम से मानसिक मंदता विशेषज्ञ शिक्षक अभय श्रीवास्तव, श्रवण बाधित विशेषज्ञ मीना वर्मा और फिजियोथेरेपिस्ट आरती यादव ने संयुक्त रूप से मेडिकल रिपोर्ट तैयार की।
इस कैम्प में कुल 26 दिव्यांग बच्चों का परीक्षण किया गया। इनमें 13 अस्थि दिव्यांग, 5 मंदबुद्धि, 5 श्रवण बाधित और 3 दृष्टिबाधित बच्चे शामिल थे। सभी बच्चों के दस्तावेज़ तैयार कर उनके यूडीआईडी कार्ड की प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं और विशेष सुविधाओं का लाभ मिल सके।
कैंप के दौरान कई भावनात्मक पल भी देखने को मिले। एक बच्चे ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब मैं भी स्कूल जाऊंगा,” तो वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो उठे। बच्चों के चेहरों पर झलकती खुशी ने यह साबित कर दिया कि यह आयोजन केवल एक सरकारी प्रक्रिया नहीं, बल्कि संवेदनाओं से जुड़ा एक मानवीय प्रयास है।
कार्यक्रम में अतिथि विषय शिक्षक अजय कुमार, राजेश शुक्ला, जितेंद्र कुमार और मनीष कुमार को समेकित शिक्षा अमावा टीम द्वारा सम्मानित किया गया। सभी ने इस आयोजन को समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में सराहनीय कदम बताया।
कार्यक्रम की सफलता में बीआरसी स्टाफ का भी विशेष योगदान रहा। संतोष कुमार, आशीष, तनु, सौरभ और मनोज ने पूरे आयोजन को व्यवस्थित और सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विशेष शिक्षक अभय श्रीवास्तव ने कहा, “समेकित शिक्षा का उद्देश्य केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि हर बच्चे को समाज में समान अवसर दिलाना है। दिव्यांग बच्चे समाज के लिए बोझ नहीं, बल्कि प्रेरणा हैं।”
यह आयोजन न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब शिक्षा विभाग, डॉक्टर और समाज एक साथ कदम बढ़ाते हैं, तो divyang children empowerment का सपना हकीकत बन जाता है।
अमावा ब्लॉक में आयोजित यह Free Medical Assessment Camp इस बात का प्रतीक है कि अगर सही नीयत और सहयोग हो, तो हर विशेष बच्चा अपनी पहचान बना सकता है। यह आयोजन साबित करता है कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं, बल्कि humanity and inclusion की भावना से भी जुड़ी है।
अभिभावकों ने भी बेसिक शिक्षा विभाग और समेकित शिक्षा टीम के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि “आज हमें महसूस हुआ कि हमारे बच्चों को भी समाज में वही सम्मान और अवसर मिल रहे हैं जिसके वे हकदार हैं।”