रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली, 22 सितम्बर 2025
देश को आत्मनिर्भर और स्वदेशी बनाने की दिशा में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल और उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार मंडल ने एक बड़ी पहल की है। संगठन के बैनर तले रायबरेली शहर में दूसरे दिन भी “स्वदेशी अपनाओ – विदेशी भगाओ” हस्ताक्षर अभियान ज़ोर-शोर से चलाया गया।
इस अभियान का नेतृत्व प्रदेश युवा अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता, जिला अध्यक्ष प्रभाकर गुप्ता और नगर अध्यक्ष केके गुप्ता ने किया। शहर के प्रमुख बाज़ारों – रामकृपाल चौराहा, घंटाघर चौराहा, स्टेशन रोड, श्यामरानी मार्केट और विशंभर मार्केट – में व्यापारियों और आम नागरिकों से हस्ताक्षर कराए गए।
राष्ट्रीय हित में स्वदेशी अपनाने का आह्वान
प्रदेश युवा अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि संगठन का उद्देश्य केवल व्यापारियों की मांगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है। उन्होंने कहा –
“हमारा संगठन पूरे प्रदेश में यह संदेश फैला रहा है कि राष्ट्रीय हित में स्वदेशी अपनाओ, विदेशी भगाओ। अब समय आ गया है कि देशवासी विदेशी कंपनियों की बजाय Made in India Products का इस्तेमाल करें। यही असली आत्मनिर्भर भारत की राह है।”
उन्होंने आगे कहा कि –
- ऑनलाइन विदेशी कंपनियों से खरीदारी बंद की जानी चाहिए।
- विधान परिषद में पंजीकृत व्यापारियों के बीच से भी विधायक चुने जाएँ।
- भ्रष्ट सरकारी विभागों पर नकेल कसने की ज़रूरत है।
- छोटे उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए निशुल्क प्लांट लीज पर दिए जाएँ।
व्यापारियों की प्रमुख मांगें
जिला अध्यक्ष प्रभाकर गुप्ता और जिला महामंत्री संदीप शुक्ला ने कहा कि शहर में जल्द से जल्द पार्किंग की व्यवस्था कराई जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि व्यापारियों को आए दिन पार्किंग की समस्या से जूझना पड़ता है, जिससे बाजारों में अव्यवस्था और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है।
उन्होंने कहा –
“व्यापारी समाज देश की रीढ़ है। यदि व्यापारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो न तो आत्मनिर्भर भारत बन पाएगा और न ही छोटे उद्योग पनप पाएंगे। हमारी प्राथमिक मांग है कि व्यापारी वर्ग को सम्मान और सुरक्षा मिले।”
हाथों में तख्ती, नारे और अपील
आज के हस्ताक्षर अभियान में जिला संरक्षक महेंद्र अग्रवाल, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष राजकुमारी सिंह, महामंत्री विमलेश मिश्रा भी मौजूद रहीं। सभी ने हाथों में तख्तियां लेकर नारे लगाए –
- “स्वदेशी अपनाओ – विदेशी भगाओ”
- “आत्मनिर्भर भारत – स्वाभिमानी भारत”
- “विदेशी कंपनियों का बहिष्कार करो”
व्यापारियों से अपील करते हुए नगर युवा अध्यक्ष दिलदार राइनी और कोषाध्यक्ष मोहम्मद शकील ने कहा कि खुदरा व्यापार को बचाने के लिए ज़रूरी है कि देशवासी स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा –
“यह केवल व्यापारियों का आंदोलन नहीं, बल्कि पूरे देशवासियों का आंदोलन है। अगर देश के लोग आज से संकल्प लें कि वे केवल स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करेंगे, तो हमारा देश दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बन सकता है।”
विदेशी ऑनलाइन कंपनियों पर रोक की मांग
व्यापार मंडल ने विदेशी ऑनलाइन कंपनियों पर खासकर निशाना साधा। व्यापारियों का कहना है कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों ने स्थानीय बाजारों को नुकसान पहुँचाया है। छोटे व्यापारी दिन-ब-दिन घाटे में जा रहे हैं।
जिला मंत्री शिखर श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी विक्की सिंह और गुरजीत सिंह तनेजा ने कहा कि –
“ऑनलाइन कंपनियाँ भारतीय व्यापारियों का शोषण कर रही हैं। हमें अपने खुदरा बाजारों और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना होगा। यही समय है जब हम सब मिलकर स्वदेशी वस्तुओं को प्रमोट करें और विदेशी कंपनियों का बहिष्कार करें।”
आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम
इस हस्ताक्षर अभियान का सबसे बड़ा संदेश यही रहा कि अब व्यापारियों और उपभोक्ताओं को एकजुट होकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की दिशा में काम करना होगा।
आयोजकों ने कहा कि –
- व्यापारियों को सुरक्षा और सुविधा मिले।
- सरकार को भ्रष्टाचार मुक्त नीतियां बनानी होंगी।
- छोटे उद्योगों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना होगा।
- स्थानीय बाजारों में पार्किंग, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएँ सुधारी जानी चाहिए।
लोगों का उत्साह और समर्थन
आज के अभियान में बड़ी संख्या में व्यापारी, महिलाएँ और युवा शामिल हुए। लोगों ने नारे लगाते हुए और हस्ताक्षर कर इस मुहिम को समर्थन दिया। भीड़ देखकर साफ था कि यह आंदोलन अब एक बड़ा जन आंदोलन बनने की दिशा में है।
शहर के अलग-अलग कोनों से आए व्यापारियों ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही विदेशी कंपनियों पर रोक और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की नीतियाँ नहीं बनाई तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
निष्कर्ष – देशहित में स्वदेशी को अपनाना ही समाधान
आज का बृहद हस्ताक्षर अभियान केवल एक स्थानीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि देशहित का आंदोलन है। इसमें साफ दिखा कि व्यापारी वर्ग, समाज और आम लोग अब जागरूक हो रहे हैं। विदेशी कंपनियों पर निर्भरता छोड़कर जब देशवासी स्वदेशी वस्तुओं की ओर मुड़ेंगे, तभी भारत आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बन पाएगा।





