रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली। ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति लंबे समय से चिंता का विषय रही है। खासकर सुदूर इलाकों में जहां सरकारी अस्पताल या तो दूर-दराज़ स्थित हैं या फिर वहां डॉक्टरों की भारी कमी रहती है। ऐसे में निजी चिकित्सक (Private Doctors) ही आम लोगों की पहली और सबसे अहम उम्मीद बनकर सामने आते हैं। कुछ ऐसा ही नज़ारा शनिवार को ऊंचाहार के पटेरवा चौराहा पर देखने को मिला, जब भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रांतीय मंत्री अभिलाष कौशल ने Phoenix Clinic का उद्घाटन किया और ग्रामीण अंचलों में निजी चिकित्सकों की भूमिका को विस्तार से रेखांकित किया।
कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए अभिलाष कौशल ने कहा कि आज ग्रामीण इलाकों में हेल्थकेयर सिस्टम की रीढ़ निजी चिकित्सक ही हैं। वे न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को पूरा कर रहे हैं, बल्कि ग्रामीणों को जागरूक करने और उनकी रोज़मर्रा की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने में भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि “जब लोग शहर के बड़े अस्पतालों तक आसानी से नहीं पहुँच पाते, तब यही छोटे निजी क्लीनिक और डॉक्टर उनकी सबसे बड़ी मदद बनते हैं।”
अभिलाष कौशल ने यह भी ज़ोर दिया कि ग्रामीण अंचलों में अक्सर योग्य डॉक्टरों और विशेषज्ञों की कमी रहती है। ऐसे में प्राइवेट डॉक्टर्स मरीजों तक आउटरीच सेवाओं (Outreach Services) के ज़रिए पहुंचकर उन्हें समय पर उपचार उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि इन चिकित्सकों की मेहनत और सेवा भावना की वजह से ग्रामीणों को अब पहले की तरह लापरवाही या दूरी का सामना नहीं करना पड़ता।
Phoenix Clinic के उद्घाटन के दौरान उन्होंने फीता काटकर कार्यक्रम की शुरुआत की और उपस्थित लोगों से कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की मज़बूती के लिए निजी और सरकारी प्रयासों का मेल होना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भाजपा सरकार ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाओं के सशक्तिकरण पर लगातार काम कर रही है और निजी पहल भी इसमें सहायक सिद्ध हो रही है।
इस मौके पर उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह न रहें। समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहें और छोटी-छोटी बीमारियों को भी नज़रअंदाज़ न करें। उन्होंने यह भी कहा कि हेल्थकेयर को लेकर लोगों की सोच बदलनी होगी। अगर हम शुरुआत से ही स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे, तो बड़ी बीमारियों से बचाव संभव है।
कार्यक्रम में स्थानीय समाजसेवियों और चिकित्सकों ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि इस तरह के क्लीनिक के खुलने से ग्रामीणों को नज़दीक ही उपचार उपलब्ध हो सकेगा और लोगों को दूर शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
Phoenix Clinic के उद्घाटन में ओबीसी मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष राजू यादव, डॉ. मो. अरशद, डॉ. अमन कुमार, डॉ. अंकित, डॉ. बलदाऊ यादव, मूलचंद पाल, राम मूरत जायसवाल, राज बाबू, दयाराम, अखिलेश सैनी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
गाँव के बुज़ुर्गों ने भी इस पहल का स्वागत किया। उनका कहना था कि “पहले छोटी-सी बीमारी के लिए भी हमें कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। अब गांव के पास ही क्लीनिक खुलने से हमें राहत मिलेगी।” वहीं युवाओं ने इसे रोजगार और स्वास्थ्य दोनों की दृष्टि से सकारात्मक बताया।
अंत में भाजपा नेता अभिलाष कौशल ने कहा कि यह क्लिनिक सिर्फ एक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है बल्कि यह ग्रामीणों के लिए आशा की किरण है। उन्होंने निजी चिकित्सकों को समाज के स्वास्थ्य प्रहरी बताते हुए कहा कि उनकी सेवाओं के बिना हेल्थकेयर सिस्टम अधूरा है।





