
गोंडा में अवैध दवा कारोबार पर तगड़ी कार्रवाई, ₹1.15 लाख की नकली औषधियां सीज 
रिपोर्टर: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश
स्थान: बभनजोत, गोंडा | तारीख: 29 मई 2025
गोंडा जिले में नकली और अवैध दवा कारोबार पर शिकंजा कसते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। बभनजोत क्षेत्र में दो मेडिकल स्टोरों पर छापा मारकर ₹1.15 लाख से अधिक मूल्य की औषधियां जब्त की गई हैं। यह कार्रवाई शासन के निर्देश और जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में औषधि विभाग द्वारा की गई।
गोपनीय शिकायत पर हुई कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग को कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि बभनजोत क्षेत्र में बिना लाइसेंस के दवा दुकानें संचालित की जा रही हैं। इस पर सहायक आयुक्त, औषधि – देवीपाटन मंडल के निर्देश में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें जिला औषधि निरीक्षक रज़िया बानो (गोंडा) और औषधि निरीक्षक आलोक कुमार त्रिवेदी (बलरामपुर) को शामिल किया गया। टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बभनजोत सीएचसी के पास दो स्टोरों पर छापेमारी की।
पहला स्टोर – अवध मेडिकल स्टोर
पहला अवैध मेडिकल स्टोर “अवध मेडिकल स्टोर” नाम से संचालित किया जा रहा था। इसका संचालन आदित्य कुमार पांडेय, निवासी ग्राम सूतिया, थाना खोड़ारे द्वारा किया जा रहा था। इस स्टोर से लगभग ₹57,928 मूल्य की औषधियां जब्त की गईं, जिनके संबंध में कोई वैध लाइसेंस या दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं किया गया।
दूसरा स्टोर – बिना नाम के अवैध स्टोर
दूसरा स्टोर बिना किसी नाम के चलाया जा रहा था, जिसे मोहम्मद शकील नूर मोहम्मद चौधरी, निवासी ग्राम बुक्कनपुर, तहसील मनकापुर, थाना छपिया चला रहे थे। इस दुकान से ₹57,525 की औषधियां जब्त की गईं। दोनों ही दुकानों से जब्त कुल दवाओं का मूल्य ₹1,15,453 आंका गया है।
4 सैंपल जांच के लिए भेजे गए
जांच के दौरान कुछ दवाओं की गुणवत्ता पर संदेह व्यक्त किया गया, जिसके चलते चार नमूनों को विधिवत रूप से संग्रहित कर परीक्षण के लिए सरकारी प्रयोगशाला भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
प्रशासन का कड़ा रुख
गोंडा जिले में नकली दवाओं की बिक्री को लेकर प्रशासन पहले से ही सतर्क है। जिलाधिकारी के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी कीमत पर अवैध मेडिकल संचालन या नकली दवाओं की बिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई उसी क्रम का हिस्सा है।
स्थानीय जनता ने की सराहना
कार्रवाई के बाद क्षेत्र के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की तत्परता और सजगता की सराहना की है। नागरिकों ने कहा कि यदि इस तरह के अवैध कारोबार पर समय रहते अंकुश लगाया जाए, तो आम लोगों को मिल रही मिलावटी दवाओं से राहत मिल सकती है।
कानूनी प्रक्रिया जारी
विभागीय सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध Drugs and Cosmetics Act के तहत विधिक कार्यवाही की जाएगी। औषधि विभाग का कहना है कि आने वाले समय में ऐसे और भी स्थानों पर औचक निरीक्षण किए जाएंगे।
निष्कर्ष
गोंडा में नकली और अवैध दवाओं पर की गई यह कार्रवाई प्रशासन की सक्रियता और जनता की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का परिचायक है। इस छापेमारी से यह साफ हो गया है कि शासन अब ऐसे अवैध कारोबार को किसी भी हाल में बख्शने के मूड में नहीं है। अगर समय रहते ऐसे कारोबार पर रोक न लगे, तो यह लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।