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व्यापारियों से सीधे संवाद में राज्य कर विभाग: योजनाओं की दी जानकारी, समस्याओं पर मिला भरोस

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व्यापारियों से सीधे संवाद में राज्य कर विभाग: योजनाओं की दी जानकारी, समस्याओं पर मिला भरोस

रिपोर्टर : संदीप मिश्रा  ‘रायबरेली’   ‘23 मई 2025′

रायबरेली। इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के कार्यालय में बुधवार की शाम एक विशेष व्यापारी संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य व्यापारिक वर्ग की समस्याएं सुनना और राज्य कर विभाग की योजनाओं से अवगत कराना था। कार्यक्रम में राज्य कर विभाग लखनऊ के अपर आयुक्त (ग्रेड-2) श्री संजय कुमार मिश्रा ने मुख्य भूमिका निभाई, साथ ही संयुक्त आयुक्त श्री देवेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।

इस संवाद का केंद्र बिंदु रहा — व्यापारी और उद्योगपति कैसे सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ ले सकते हैं और trading system को कैसे अधिक पारदर्शी बनाया जाए।

रजिस्टर्ड व्यापारियों को मिलेंगे अनेक फायदे

श्री मिश्रा ने कार्यक्रम में बताया कि जो व्यापारी राज्य कर विभाग के साथ रजिस्टर्ड हैं, उन्हें कई विशेष सुविधाएं मिलती हैं। इनमें प्रमुख है ₹10 लाख तक का Accidental Insurance Cover, जो किसी भी अप्रत्याशित दुर्घटना की स्थिति में व्यापारी या उनके परिजनों के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है।

साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि GST रजिस्टर्ड व्यापारी जब बैंक से लोन लेने जाते हैं तो उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। इससे बिजनेस एक्सपैंशन में सहायता मिलती है और formal economy को मजबूती मिलती है। सरकार की योजनाएं केवल उन्हीं व्यापारियों तक पहुँचती हैं, जो वैध रूप से पंजीकृत हैं।

व्यापारियों ने रखीं अपनी जमीनी समस्याएं

संवाद के दौरान उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष श्री अतुल कुमार गुप्ता ने बताया कि विभाग की मोबाइल टीमों द्वारा कई बार मामूली कमियों पर कार्यवाही की जाती है, जिससे छोटे व्यापारियों में डर का माहौल रहता है। उन्होंने आग्रह किया कि इस प्रकार की समस्याओं को GST Council के सामने रखा जाए और एक स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाए।

ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े संजय बंसल ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि ट्रांसपोर्टरों को अक्सर विभागीय टीमों द्वारा अनावश्यक परेशान किया जाता है, जिससे लॉजिस्टिक्स सिस्टम प्रभावित होता है। उन्होंने अनुरोध किया कि विभाग इस ओर भी सकारात्मक ध्यान दे।

अधिकारियों ने दिया भरोसा

जिला उपकर अधिकारी श्री मनीष कुमार ने व्यापारियों को भरोसा दिलाया कि राज्य कर विभाग व्यापार के साथ है, उसके खिलाफ नहीं। उन्होंने अपील की कि व्यापारी खुलकर रजिस्ट्रेशन कराएं और किसी भी समस्या को लेकर कार्यालय से संपर्क करें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि विभाग की प्राथमिकता व्यापार को बढ़ावा देना है, न कि व्यापारियों को डराना।

व्यवसाय जगत की प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी

कार्यक्रम में कई उद्योगपति और व्यापारी उपस्थित रहे, जिनमें वाई.के. गुप्ता, सुशील गुप्ता, अजय कंसल, मुकेश अग्रवाल, विशंभर जीवनानी, जिला अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह छाबड़ा, संरक्षक संदीप जैन, राजीव राय (असिस्टेंट कमिश्नर), परमहंस लाल श्रीवास्तव, और वर्णवाल जी जैसे नाम शामिल थे। सभी ने कार्यक्रम के उद्देश्यों की सराहना की और विभाग द्वारा दिए गए सुझावों को सकारात्मक रूप में लिया।

संवाद से उभरा विश्वास और समाधान की उम्मीद

इस तरह के संवाद कार्यक्रमों से स्पष्ट होता है कि विभाग और व्यापारी दोनों एक-दूसरे की बात सुनने को तैयार हैं। इससे समस्याओं का हल भी निकलता है और योजनाओं की जानकारी भी सही ढंग से जमीनी स्तर तक पहुंचती है। Trading Sector में काम कर रहे लोगों को इससे नई दिशा मिलती है।

व्यापारियों ने भी माना कि यदि इस तरह का सहयोग और संवाद बना रहा तो वे विभाग के साथ अधिक सहयोग करेंगे और योजनाओं का लाभ उठाएंगे।


निष्कर्ष:
यह संवाद कार्यक्रम केवल एक बैठक नहीं थी, बल्कि व्यापारिक हित में एक बड़ी पहल थी। इसने दिखाया कि जब अधिकारी और व्यापारी एक मंच पर आकर विचार साझा करते हैं, तो न केवल समस्याओं के समाधान निकलते हैं बल्कि trading environment भी बेहतर होता है। ऐसी पहलें भविष्य में व्यापारिक माहौल को और मजबूती देंगी।


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