रिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली जनपद के सलोंन नगर स्थित प्राचीन रामलीला मैदान में बुधवार 22 अक्टूबर को वैदिक परंपराओं के साथ कलश यात्रा निकाली गई, जिसके साथ ही गुरुवार 23 अक्टूबर 2025 से श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। इस धार्मिक आयोजन में नगर ही नहीं, आसपास के गांवों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा व्यास आचार्य पंडित आशीष मणि तिवारी महाराज श्रीधाम अयोध्या ने मंत्रोच्चार और वैदिक विधि-विधान के बीच कथा का प्रारंभ किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह मनुष्य के जीवन को दिशा देने वाला दिव्य ग्रंथ है जो भक्ति और सत्कर्म की प्रेरणा देता है।
यह कथा सप्ताह श्रीधाम अयोध्या के सनातन धर्म प्रचारक दयाराम दास जी के मार्गदर्शन और नगर पंचायत सलोंन के अध्यक्ष चंद्रशेखर रस्तोगी के सहयोग से आयोजित की जा रही है। पूरे नगर में श्रद्धा और आस्था का माहौल है। रामलीला मैदान को आकर्षक रूप से सजाया गया है, जहां फूलों की सुगंध, भक्ति संगीत और झूमते हुए भक्तों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया है।
कथा के पहले दिन आचार्य पंडित आशीष मणि तिवारी जी ने श्रीमद्भागवत महापुराण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसका श्रवण जीवन को पवित्र बनाता है। उन्होंने कहा कि यह कथा व्यक्ति के भीतर छिपे दैवी भाव को जागृत करती है और उसे भगवान की भक्ति में स्थिर करती है। आचार्य जी ने कहा, “जब-जब संसार में अधर्म बढ़ता है, तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होकर धर्म की रक्षा करते हैं, और यही संदेश श्रीमद्भागवत कथा का सार है।”
कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। मंच पर आकर्षक झांकियों, लाइटिंग और सुंदर सजावट ने भक्तों का मन मोह लिया। भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप से लेकर गोवर्धन लीला तक की झलकियां इतनी भावनात्मक थीं कि श्रद्धालु भावविभोर होकर ‘जय श्रीकृष्ण’ और ‘राधे-राधे’ के जयकारों से गूंज उठे।
आयोजन समिति के अनुसार यह कथा सात दिनों तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी। समापन 30 अक्टूबर, दिन गुरुवार को होगा, जब विशेष हवन, विशाल भंडारा और प्रसाद वितरण का आयोजन किया जाएगा। समिति ने बताया कि समापन अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है और इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
कथा आयोजन का उद्देश्य समाज में प्रेम, शांति और संस्कृति के प्रसार के साथ-साथ युवा पीढ़ी को धर्म से जोड़ना है। नगर पंचायत अध्यक्ष चंद्रशेखर रस्तोगी ने कहा कि “हमारा प्रयास है कि सलोंन जैसे छोटे नगर में भी भक्ति और संस्कृति की मशाल प्रज्वलित रहे। ऐसे आयोजन लोगों के मन में आस्था और एकता की भावना को सुदृढ़ करते हैं।”
सनातन धर्म प्रचारक दयाराम दास जी ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का सजीव चित्रण है, जिसमें करुणा, प्रेम और सत्य का संदेश समाहित है। उन्होंने कहा कि कथा के दौरान प्रत्येक दिन अलग-अलग प्रसंगों जैसे श्रीकृष्ण जन्म, सुदामा चरित्र, रुक्मिणी विवाह और गोवर्धन पूजा पर प्रवचन दिए जाएंगे।
रामलीला मैदान में हर शाम दीपों की रोशनी और शंखध्वनि के साथ जब “हरे कृष्ण हरे राम” का उच्चारण होता है, तो पूरा वातावरण आध्यात्मिकता से भर जाता है। श्रद्धालु नाचते-गाते हुए कथा का आनंद ले रहे हैं। बच्चों और महिलाओं की उपस्थिति से आयोजन स्थल परिवारिक उत्सव जैसा प्रतीत हो रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सलोंन में इतने बड़े पैमाने पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन पहली बार हुआ है। नगर के लोग इसे धार्मिक सौभाग्य मान रहे हैं। जगह-जगह भक्ति गीतों की गूंज सुनाई दे रही है, और श्रद्धालु दीप जलाकर भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं।
प्रशासन की ओर से सुरक्षा और व्यवस्था की विशेष देखरेख की जा रही है। श्रद्धालुओं के लिए बैठने, पेयजल, प्रसाद वितरण और पार्किंग की उचित व्यवस्था की गई है। नगर पंचायत कर्मी स्वच्छता और सफाई का ध्यान रख रहे हैं ताकि कथा में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
कथा के दूसरे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और वसुदेव-देवकी प्रसंग का मंचन किया जाएगा। इसके लिए विशेष कलाकार दल तैयार है, जो भक्ति भाव से ओत-प्रोत मंचन प्रस्तुत करेगा। आयोजन समिति का कहना है कि आने वाले दिनों में हर प्रसंग भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव से भर देगा और भगवान श्रीकृष्ण के संदेश को जीवन में उतारने की प्रेरणा देगा।
सलोंन का यह आयोजन भक्ति, विश्वास और एकता का प्रतीक बन गया है। हर शाम यहां कीर्तन और आरती के साथ ऐसा लगता है जैसे स्वयं भगवान श्रीकृष्ण भक्तों के बीच विराजमान हों। यह आयोजन न केवल धर्म का प्रचार कर रहा है बल्कि लोगों में संस्कार, सद्भाव और प्रेम की भावना को भी जागृत कर रहा है।