रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश कड़क टाइम्स
रायबरेली। खेलों की दुनिया में रायबरेली के होनहार खिलाड़ियों ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। जबलपुर (मध्य प्रदेश) के पंडित रविशंकर स्टेडियम में आयोजित नेशनल समुराई गेम्स (Sword Fencing) प्रतियोगिता में वैदिक इंटर कॉलेज रायबरेली के दो प्रतिभाशाली छात्रों – निर्भय और केश कश्यप – ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीतकर जिले और उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया।
फाइनल मुकाबले में दिखाई दमखम
जूनियर कैटेगरी में हुए इस मुकाबले में निर्भय का फाइनल मध्य प्रदेश से हुआ। उसने आक्रामक खेल और बेहतरीन तकनीक के दम पर प्रतिद्वंदी को 9-1 से हराकर गोल्ड पर कब्जा जमाया। वहीं दूसरी ओर केश कश्यप का फाइनल मुकाबला महाराष्ट्र से हुआ, जिसमें उसने 8-6 के कड़े अंतर से जीत दर्ज करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
कोच और विद्यालय का योगदान
इन दोनों खिलाड़ियों की इस शानदार उपलब्धि के पीछे उनके कोच अरविंद कुमार सोनकर की मेहनत और मार्गदर्शन को भी सराहा गया। विद्यालय की प्रबंध कार्यकारिणी, प्रधानाचार्य राम नारायण सिले और सदस्य अभिषेक मनीष कुमार ने छात्रों की इस सफलता पर गहरा हर्ष व्यक्त किया और खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
विद्यालय के खेल विभाग ने विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर राजकीय दे.का. अरोरा बुजुर्ग के शारीरिक शिक्षक मो० अनीस भी मौजूद रहे।
रायबरेली में खुशी की लहर
जिले में खिलाड़ियों की इस उपलब्धि से खुशी की लहर दौड़ गई है। लोगों का कहना है कि निर्भय और केश ने साबित कर दिया कि मेहनत, अनुशासन और सही मार्गदर्शन से बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
स्पोर्ट्स को मिला नया आयाम
नेशनल लेवल पर मिली इस सफलता ने न केवल जिले का मान बढ़ाया है बल्कि जिले के युवाओं को भी खेलों की ओर प्रेरित किया है। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि रायबरेली के बच्चों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो बस सही प्लेटफॉर्म और सपोर्ट की।
रायबरेली में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग
इस उपलब्धि के बाद जिले में खेल सुविधाओं को और बेहतर बनाने की मांग उठने लगी है। खेल प्रेमियों का कहना है कि यदि जिले में आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर और कोचिंग सेंटर उपलब्ध कराए जाएं तो यहां के बच्चे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चमक सकते हैं।
स्वर्ण पदक विजेताओं का सफर
निर्भय और केश कश्यप ने बहुत कम उम्र में खेलों के प्रति अपनी लगन दिखाई। शुरूआत में सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपनी प्रैक्टिस जारी रखी और आज पूरे देश में रायबरेली का नाम रोशन कर दिया।
प्रेरणादायक संदेश
इन दोनों खिलाड़ियों ने साबित कर दिया है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती। उनकी यह उपलब्धि आने वाले समय में जिले के अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।







