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जन समस्याओं का तत्काल निस्तारण बना ग्राम चौपाल की पहचान, जिलाधिकारी की पहल को ग्रामीणों ने बताया ऐतिहासिक

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रिपोर्टर: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश
गोंडा, 24 जून 2025

गांवों की वर्षों से चली आ रही समस्याएं अब न तो लंबित हैं और न ही कार्यालयों में अटकी हुई हैं। गोंडा जिले में आयोजित ग्राम चौपाल 3.0 कार्यक्रम के अंतर्गत जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने एक नई पहल की शुरुआत करते हुए मंगलवार को स्वयं गांव-गांव जाकर न केवल जनसुनवाई की, बल्कि मौके पर ही अधिकारियों की टीम के साथ समाधान सुनिश्चित किया।

यह केवल एक परंपरागत चौपाल नहीं, बल्कि प्रशासनिक कार्यशैली में आए सकारात्मक परिवर्तन की मिसाल है। इस नई प्रणाली ने “सीधे संवाद और तुरंत समाधान” के मंत्र को सार्थक किया है।

पूर्व समीक्षा और रणनीति बनी चौपाल की नींव

ग्राम चौपाल 3.0 की योजना पूर्व समीक्षा और ठोस रणनीति के आधार पर तैयार की गई थी। जिलाधिकारी के निर्देश पर IGRS, समाधान दिवस, जनसुनवाई और अन्य पोर्टलों से प्राप्त शिकायतों की गहन पड़ताल कर यह तय किया गया कि किन ग्राम पंचायतों में समस्याएं बार-बार सामने आ रही हैं। इन ग्रामों को प्राथमिकता पर रखते हुए चौपाल का आयोजन किया गया।

मनकापुर विकासखंड की छह ग्राम पंचायतों में हुआ आयोजन

कार्यक्रम के अंतर्गत मनकापुर विकासखंड की छह ग्राम पंचायतों – मनकापुर, बैरीपुर रामनाथ, चौबेपुर, धुसवा खास, भिटौरा और हरनाटायर में जिलाधिकारी ने चौपाल लगाकर ग्रामीणों से सीधे संवाद किया। उन्होंने संपर्क मार्गों की स्थिति, विद्युत आपूर्ति, राशन वितरण, शौचालय निर्माण, जल निकासी, विरासत संबंधी विवाद आदि विषयों पर विस्तार से जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

समस्याएं और तत्काल समाधान

इसके अतिरिक्त कई अन्य शिकायतों को भी现场 टीम भेजकर मौके पर निस्तारित करने का निर्देश दिया गया।

समाधान की गुणवत्ता और दीर्घकालिकता पर विशेष बल

ग्राम चौपाल 3.0 का लक्ष्य केवल शिकायतें सुनना नहीं, बल्कि उनकी गुणवत्ता पूर्ण और स्थायी समाधान सुनिश्चित करना है। जिलाधिकारी स्वयं यह देख रही हैं कि समाधान प्रभावी है या नहीं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और जवाबदेही की मिसाल बन रही है।

प्रशासनिक टीम की सामूहिक उपस्थिति

ग्राम चौपाल में प्रशासनिक तंत्र ने अपनी पूरी भागीदारी सुनिश्चित की। जिलाधिकारी के नेतृत्व में कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे और मौके पर निर्णय लिए:

इन सभी अधिकारियों ने समन्वय के साथ कार्य करते हुए मौके पर समस्याओं को हल करने की दिशा में ठोस कदम उठाए।

निष्कर्ष

ग्राम चौपाल 3.0 न केवल ग्रामीणों के लिए राहत की पहल है, बल्कि प्रशासन की जनोन्मुखी सोच का प्रमाण भी है। इस व्यवस्था ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान प्रशासन खुद मौके पर जाकर भी कर सकता है।

यह पहल शासन के उस दृष्टिकोण की पुष्टि करती है जिसमें हर नागरिक की बात सुनी जाए, और हर शिकायत का निष्पक्ष समाधान हो।


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