रिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
लखनऊ से मिले निर्देशों के आधार पर राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति और संपूर्ण सुरक्षा केंद्र, जिला चिकित्सालय रायबरेली द्वारा 18 नवंबर 2025 को ऊंचाहार क्षेत्र के सांवापुर गांव में एक महत्वपूर्ण मिनी हेल्थ कैंप आयोजित किया गया। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चला यह शिविर कई मायनों में विशेष रहा, क्योंकि पहली बार बड़ी संख्या में ग्रामीणों को एक ही स्थान पर कई गंभीर बीमारियों की मुफ्त जांच और इलाज संबंधी परामर्श मिला।
शिविर का नेतृत्व नोडल अधिकारी डॉ. ऋचा त्रिपाठी ने किया। उनकी निगरानी में मेडिकल टीम ने पूरे दिन लोगों की स्वास्थ्य जांच, काउंसिलिंग और दवाओं का वितरण किया। कैंप का प्रमुख उद्देश्य HIV, सिफलिस, टीबी, हेपेटाइटिस-B/C और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों की टाइमली स्क्रीनिंग करना था, ताकि शुरुआती अवस्था में ही जोखिम को पहचाना जा सके और मरीज सही उपचार तक पहुंच सकें।
कैंप में HIV Screening, Syphilis Test, TB Detection, Hepatitis-B/C Test, Blood Sugar Monitoring जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। कई ग्रामीणों की जांच रिपोर्ट में प्राथमिक संकेत पाए जाने पर उन्हें जिला अस्पताल के संपूर्ण सुरक्षा केंद्र पर आगे की जांच व उपचार हेतु भेजा गया। मौके पर ही आवश्यक दवाएं भी वितरित की गईं, जिससे मरीजों का उपचार तुरंत शुरू हो सके।
ग्रामीणों की सहभागिता इस शिविर का सबसे सकारात्मक पहलू रही। महिलाएं, युवा, बुजुर्ग—हर आयु वर्ग के लोग जांच कराने पहुंचे। स्वास्थ्य टीम ने ग्रामीणों को बताया कि HIV और Hepatitis जैसी बीमारियों का पता अधिकतर लोगों को देर से चलता है, क्योंकि यह लंबे समय तक बिना लक्षण के भी रह सकती हैं। इसलिए रूटीन टेस्टिंग बेहद जरूरी है।
इस शिविर को सफल बनाने में मेडिकल टीम के कई सदस्यों का विशेष योगदान रहा। इनमें शामिल रहे—
डॉ. अशोक कुमार गुप्ता, डॉ. राधा यादव, डॉ. प्रवीण कुमार,
फार्मासिस्ट राज बहादुर,
STS मैसूर आलम,
ANM अर्चना सिंह और किरण,
नर्सिंग ऑफिसर शांति कुमारी,
SSK मैनेजर मुकेश मौर्य,
काउंसलर सुशील तिवारी,
लैब टेक्नीशियन आर.बी. यादव,
ORW प्रशांत शुक्ल और रीतू,
सुरक्षा क्लिनिक काउंसलर प्रीति बाला शर्मा,
PPTCT काउंसलर सीमा यादव,
काउंसलर शिवम श्रीवास्तव,
TCI ORW अरविंद,
साथ ही ग्राम प्रधान देशराज साईं।
ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों को स्वास्थ्य जांच के महत्व के बारे में जागरूक किया और कहा कि गांव की प्रगति तभी संभव है जब लोग अपनी सेहत के प्रति गंभीर रहेंगे। उन्होंने ग्रामीणों को नियमित जांच कराने के लिए प्रेरित किया।
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों को बताया कि TB और HIV जैसी बीमारियों को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसी बीमारियों का समय पर इलाज उपलब्ध है और यदि शुरुआती चरण में पहचान हो जाए तो मरीज पूरी तरह सामान्य जीवन जी सकते हैं। इसलिए इन बीमारियों को छुपाने के बजाय जांच कराना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।
कई ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि गांव में ऐसे कैंप लगने से उन्हें शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती और फ्री जांच मिल जाने से आर्थिक बोझ भी कम होता है। महिलाओं ने भी टीम से खुलकर अपनी स्वास्थ्य समस्याएं साझा कीं, जिसे डॉक्टरों ने गंभीरता से सुना और उचित सलाह दी।
यह मिनी हेल्थ कैंप केवल जांच का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक बड़ा जागरूकता अभियान भी था। मेडिकल टीम ने ग्रामीणों को सुरक्षित व्यवहार, संक्रमण से बचाव, स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच की जरूरत के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
संपूर्ण सुरक्षा केंद्र के मैनेजर मुकेश मौर्य ने बताया कि आगे भी इसी तरह के हेल्थ कैंप आसपास के गांवों में लगाए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग गंभीर बीमारियों की जांच और उपचार से जुड़े। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य बीमारी को खत्म करना ही नहीं, बल्कि लोगों को सही स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना भी है।
शिविर में भारी भीड़ और डॉक्टरों की सक्रियता ने इस आयोजन को बेहद सफल बना दिया। सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों को इस तरह की गतिविधियों से मजबूती मिलती है और ग्रामीणों में भरोसा भी बढ़ता है कि चिकित्सा सेवाएं अब उनके द्वार तक पहुंच रही हैं।
अंत में, स्वास्थ्य टीम ने लोगों को जिला अस्पताल स्थित संपूर्ण सुरक्षा केंद्र में समय-समय पर आकर मुफ्त जांच और परामर्श लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
मैनेजर
संपूर्ण सुरक्षा केंद्र
जिला चिकित्सालय रायबरेली