शुद्ध पेयजल की दिशा में क्रांतिकारी पहल: रायबरेली के चार क्षेत्रों में सोलर बेस्ड आर.ओ. वाटर प्लांट्स का लोकार्पण

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रिपोर्टर: संदीप मिश्रा, रायबरेली | Kadak Times News

रायबरेली, 7 जून 2025।
रायबरेली शहर के निवासियों को अब स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की सुविधा उनके ही क्षेत्र में उपलब्ध हो गई है। नगर के चार प्रमुख स्थानों—रतापुर, मलिकमऊ, गोरा बाजार और राजकीय कॉलोनी—में सोलर ऊर्जा पर आधारित आर.ओ. वाटर प्लांट्स का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इन संयंत्रों का लोकार्पण स्थानीय विधायक श्रीमती अदिति सिंह द्वारा संपन्न हुआ।

यह कदम शहर में स्वच्छ पेयजल की सुविधा को सुलभ और स्थायी रूप से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। जल संकट और बढ़ते प्रदूषण के दौर में यह पहल बेहद सराहनीय मानी जा रही है।

सोलर आर.ओ. प्लांट्स की विशेषताएं

प्रत्येक संयंत्र की लागत लगभग 12 लाख 50 हजार रुपये है और ये प्लांट्स पूरी तरह सौर ऊर्जा पर आधारित हैं। इसका लाभ यह है कि इनके संचालन में पारंपरिक बिजली की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे न केवल ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि यह परियोजना पर्यावरण के अनुकूल भी सिद्ध होगी।

इन संयंत्रों की जल शुद्धिकरण क्षमता प्रति घंटे लगभग 500 से 1000 लीटर है। साथ ही इसमें उन्नत तकनीक द्वारा टीडीएस नियंत्रण, पीएच स्तर संतुलन और फिल्ट्रेशन की आधुनिक व्यवस्था की गई है।

जनप्रतिनिधियों की भूमिका

लोकार्पण समारोह में विधायक श्रीमती अदिति सिंह ने कहा कि स्वच्छ पानी प्रत्येक व्यक्ति का मूल अधिकार है। उन्होंने कहा कि पेयजल की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए शहर के अन्य क्षेत्रों में भी भविष्य में इसी तरह के संयंत्र लगाए जाएंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार की ओर से शहरवासियों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

नागरिकों की प्रतिक्रियाएं

स्थानीय निवासी इस पहल से काफी प्रसन्न हैं। मलिकमऊ क्षेत्र के निवासी राजेश सिंह का कहना है कि अब शुद्ध पानी के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा और लाइन में लगने की परेशानी से भी छुटकारा मिलेगा। वहीं, गोरा बाजार की निवासी अनीता वर्मा ने इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि यह विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होगा।

तकनीकी पहल और प्रशासनिक सहयोग

इस परियोजना में नगर पालिका परिषद, जल निगम तथा तकनीकी विशेषज्ञों की सक्रिय भूमिका रही। प्रत्येक संयंत्र पर निगरानी प्रणाली भी लगाई गई है, जिससे अधिकारियों को समय-समय पर जल गुणवत्ता की जांच करने में सुविधा होगी। एक डिजिटल डैशबोर्ड के माध्यम से संचालन की निगरानी की जा सकेगी।

डिजिटल मीडिया में उत्साह

इस पहल को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रियता देखी गई। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर नागरिकों ने इस कार्य की सराहना करते हुए सरकार और प्रशासन को धन्यवाद दिया। डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी मिशन के तहत यह प्रयास एक ठोस पहल के रूप में देखा जा रहा है।

आगे की योजना

प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि आगे चलकर नगर के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे संयंत्र लगाए जाएंगे। इसके लिए आवश्यक सर्वेक्षण और क्षेत्रीय आवश्यकताओं का मूल्यांकन शुरू कर दिया गया है। स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों पर भी इस तकनीक को पहुंचाने की योजना है।

निष्कर्ष

रायबरेली में सोलर बेस्ड आर.ओ. वाटर प्लांट्स की स्थापना एक दूरदर्शी पहल है, जो स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी नवाचार का सम्मिलित उदाहरण है। इससे न केवल पेयजल की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्वास्थ्य और जीवन स्तर में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।


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