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रायबरेली के जर्जर पुल पर भड़की जनता—पूनम सिंह ने मौके पर पहुँचकर प्रशासन को दी खुली चेतावनी, “अब देर हुई तो बड़ा आंदोलन होगा

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रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स

रायबरेली शहर का गल्ला मंडी–जहानाबाद चौकी मार्ग पिछले तीन महीनों से एक टूटा पुल झेल रहा है और यह जर्जर हालत अब पूरे शहर के लिए आफत बन चुकी है। यह पुल शहर के व्यस्ततम मार्गों में से एक था, जहां से रोज़ाना हजारों नागरिक, व्यापारी, मजदूर, छात्र और मरीज गुजरते थे। पुल बंद होने के बाद से पूरा ट्रैफिक अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों को लंबा चक्कर लगाकर वैकल्पिक रास्तों से जाना पड़ता है, जिससे समय, पैसा और ऊर्जा—तीनों की बर्बादी हो रही है।

इसी समस्या को गंभीरता से देखते हुए कमला फाउंडेशन की अध्यक्ष पूनम सिंह गुरुवार को सीधे मौके पर पहुँचीं। उन्होंने पुल की हालत देखी, आसपास के लोगों से बात की और व्यापारियों से उनके नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी ली। टूटे हुए स्लैब, दरारों से भरे किनारे और अस्थाई रूप से लगाए गए बैरिकेड्स देखकर पूनम सिंह visibly नाराज़ नज़र आईं।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा—
“शहर की यह हालत अस्वीकार्य है। जनता की आवाज़ को अब अनसुना नहीं होने दिया जाएगा। अगर अधिकारी तुरंत काम शुरू नहीं करते, तो हम सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।”

उनके इस तीखे रुख ने मौके पर मौजूद लोगों में उम्मीद की एक नई लहर पैदा की।

इस निरीक्षण के दौरान पूर्व सभासद इशरार अहमद, एडवोकेट शरद श्रीवास्तव, तनवीर, व्यापार मंडल नगर अध्यक्ष दिलदार राईनी, पूर्व सभासद ओमप्रकाश सोनकर, हसन कुरैशी, राजू खान (मंडी समिति), गुड्डू, हसीन और कई अन्य लोग भी मौजूद रहे। सभी ने एक मत से कहा कि पुल की मरम्मत में अनावश्यक देरी ने शहर को मुश्किलों में डाल दिया है।

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि पुल बंद होने के कारण छोटे बच्चों को स्कूल पहुंचने में अधिक समय लग रहा है, मेडिकल आपात स्थितियों में मरीजों को समय पर अस्पताल ले जाना मुश्किल हो रहा है, और ऑफिस जाने वाली जनता रोज़ तनाव झेल रही है। वहीं व्यापारियों ने कहा कि माल ढुलाई पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, जिससे उनका कारोबार लगभग आधा रह गया है।

कई लोगों ने कहा कि शहर में रोज़ उपयोग में आने वाला यह पुल किसी भी हालत में तीन महीने तक बंद नहीं रहना चाहिए था। इस मार्ग से रोज़ मंडी में आने-जाने वाला सामान अब वैकल्पिक रास्तों में फंस जाता है, जिससे कई बार पूरा कारोबार ठप पड़ जाता है। रिक्शा-ऑटो चालकों ने शिकायत की कि उन्हें लंबा रास्ता लेने के कारण ज्यादा ईंधन खर्च करना पड़ रहा है, लेकिन यात्री अधिक किराया देने को तैयार नहीं होते, जिससे दोनों पक्षों में रोज़ तनाव की स्थिति बन जाती है।

पुल की बुरी स्थिति को देखकर पूनम सिंह ने कहा—
“यह केवल एक संरचना नहीं, पूरी जनता की जीवनरेखा है। लोग रोज़ इसी रास्ते से अपना काम-काज चलाते थे। प्रशासन को चाहिए कि इसे Top Priority में रखकर तुरंत निर्माण कार्य शुरू करे।”

उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे जनता की इस विकट स्थिति को समझें, मौके पर आकर वास्तविक दशा देखें और मरम्मत कार्य में तेजी लाएँ। उन्होंने कहा कि कमला फाउंडेशन जनता की समस्याओं को लेकर पीछे हटने वाली संस्था नहीं है।
“अगर अब भी सुनवाई न हुई, तो आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचेगा।”

उनकी यह चेतावनी मौके पर मौजूद लोगों के मन की बात जैसी लगी। नागरिकों ने हाथ उठाकर समर्थन जताया और कहा कि अब वे चुप नहीं बैठेंगे। शहर की सुविधा, सुरक्षा और आवश्यकताओं से खिलवाड़ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


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