रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश कड़क टाइम्स|
01 सितम्बर 2025
रायबरेली जिले में आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने और लोगों को स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर जेल स्टेडियम के पास स्थित इतिशा पाली केयर सेंटर द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें कुल 70 मरीजों का सफलतापूर्वक आयुर्वेद पद्धति से उपचार किया गया।
इस शिविर का संचालन वैद्य निशा सिंह (एम.डी. पंचकर्मा) ने किया। उन्होंने मरीजों की समस्याओं को समझते हुए आयुर्वेदिक औषधियों, पंचकर्म थेरेपी और परामर्श से उपचार किया।
पेट, जोड़ और त्वचा रोगों का उपचार
शिविर में सबसे अधिक मरीज पेट संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। गैस, एसिडिटी, कब्ज और पाचन तंत्र की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को आयुर्वेदिक दवाओं से राहत दी गई।
इसके अलावा, जॉइंट पेन और घुटनों के दर्द से परेशान मरीजों का भी इलाज किया गया। वैद्य निशा सिंह ने उन्हें आयुर्वेदिक दवाएं और विशेष जेल ट्यूब दीं।
त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे एलर्जी और खुजली वाले रोगियों का भी सफल उपचार हुआ। सभी मरीजों को मुफ्त दवाएं वितरित की गईं।
वैद्य निशा सिंह का संदेश
वैद्य निशा सिंह ने बताया कि आजकल लोग त्वरित लाभ के लिए एलोपैथिक दवाओं का सेवन करते हैं। हालांकि, इनका लिवर और किडनी पर गंभीर असर पड़ता है। इसके विपरीत आयुर्वेदिक चिकित्सा का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और यह बीमारी को जड़ से समाप्त करने पर ध्यान देती है। उन्होंने नागरिकों से प्राकृतिक जीवनशैली अपनाने, योग-प्राणायाम करने और संतुलित आहार लेने की अपील की।
आयोजकों और स्टाफ का योगदान
इस शिविर को सफल बनाने में इतिशा पाली केयर सेंटर के संचालक अवशरण वर्मा का विशेष सहयोग रहा। उन्होंने कहा कि केंद्र समय-समय पर ऐसे शिविर आयोजित करता है ताकि लोगों को महंगी दवाओं से राहत मिले और वे आयुर्वेद का लाभ उठा सकें।
शिविर में प्रेम प्रकाश सिंह, दवा प्रतिनिधि मनीष श्रीवास्तव और पूरे स्टाफ का योगदान उल्लेखनीय रहा। टीम ने मरीजों का पंजीकरण किया और उन्हें दवाओं का सही उपयोग समझाया।
क्यों जरूरी हैं ऐसे शिविर
आजकल की व्यस्त जीवनशैली और फास्ट फूड की आदतों से पेट की बीमारियां, मोटापा, डायबिटीज और जोड़ दर्द जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। महंगी एलोपैथिक दवाओं के बीच ऐसे निःशुल्क आयुर्वेदिक शिविर लोगों के लिए जीवनदायी साबित हो रहे हैं।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों से मरीजों का आना यह दर्शाता है कि जनता अब आयुर्वेद की ओर भरोसा दिखा रही है।
मरीजों की प्रतिक्रियाएं
शिविर में पहुंचे एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि उन्हें लंबे समय से घुटनों में दर्द था, लेकिन दी गई दवा और जेल ट्यूब लगाने के बाद तुरंत आराम मिला।
एक युवक ने कहा कि वह पाचन तंत्र की समस्या से परेशान था और अब उसे काफी राहत महसूस हो रही है।
निष्कर्ष
रायबरेली में आयोजित निःशुल्क आयुर्वेदिक शिविर ने यह साबित किया कि आयुर्वेद आज भी सबसे सुरक्षित और प्रभावी चिकित्सा पद्धति है। इसमें न तो कोई दुष्प्रभाव है और न ही लंबे इलाज का बोझ।
इтишा पाली केयर सेंटर द्वारा किया गया यह प्रयास सराहनीय है और भविष्य में भी ऐसे शिविरों की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक लोग आयुर्वेद से लाभान्वित हो सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें।







