रिपोर्टर: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली
रायबरेली का राणा बेनी माधव सिंह जिला चिकित्सालय इन दिनों अव्यवस्थाओं का शिकार हो गया है। उत्तर प्रदेश के इस वीवीआईपी जिले के प्रमुख अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीज और उनके परिजन इन दिनों गर्मी और दुर्दशा के दोहरे संकट से जूझ रहे हैं। अस्पताल में इमरजेंसी से सामान्य वार्ड तक जाने के रास्ते की स्थिति इतनी खराब है कि मरीजों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 
करीब 80 मीटर लंबे इस रास्ते पर कोई शेड नहीं है। ऊपर से 45 डिग्री की चिलचिलाती धूप में मरीजों को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर खुले आसमान के नीचे वार्ड तक ले जाना होता है। रास्ता इतना उबड़-खाबड़ है कि कई बार मरीज गिरने से बाल-बाल बचते हैं। किसी भी प्रकार की छाया या सुरक्षा का प्रबंध नहीं है। अस्पताल प्रशासन बार-बार शिकायतों के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
पूर्व सीएमएस से भी कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन उन्होंने बजट की कमी का हवाला देकर इस समस्या को नजरअंदाज कर दिया। अब वर्तमान सीएमएस डॉ. पुष्पेंद्र से मरीजों और तीमारदारों को उम्मीद है कि वे इस जरूरी मुद्दे पर संज्ञान लेंगे।
इस अव्यवस्था के चलते न केवल मरीज बल्कि अस्पताल की छवि भी प्रभावित हो रही है। आपात स्थिति में आने वाले रोगी जब अस्पताल के अंदर पहुंचते हैं, तो उन्हें राहत मिलने के बजाय और भी ज्यादा कष्ट सहना पड़ता है। न तो रास्ता समतल है, न ही छाया का कोई प्रबंध। बरसात के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है।
वर्तमान में अस्पताल की यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति शासन की गंभीरता पर भी सवाल खड़े करती है। अगर मरीजों के लिए शेड और समतल रास्ते जैसी बुनियादी सुविधा भी नहीं दी जा रही है, तो ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर प्रश्न उठना स्वाभाविक है।
यह जरूरी है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस ओर शीघ्र ध्यान दें और इस रास्ते की मरम्मत के साथ-साथ टीन शेड जैसी सुविधा तुरंत उपलब्ध कराएं। मरीजों की सुरक्षा और सम्मान से बड़ा कोई बजट नहीं हो सकता





