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कोर्ट में हर मामले की प्रभावी पैरवी करें अभियोजन अधिकारी: मंडलायुक्त का निर्देश

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कोर्ट में हर मामले की प्रभावी पैरवी करें अभियोजन अधिकारी: मंडलायुक्त का निर्देश

रिपोर्टर: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश

गोंडा (देवीपाटन मंडल), 31 मई 2025, शनिवार
देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने अभियोजन अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि न्यायिक प्रक्रिया को मजबूती देने के लिए सभी वादों में समयबद्ध और प्रभावशाली पैरवी जरूरी है। शनिवार को आयुक्त सभागार में आयोजित मंडलीय समीक्षा बैठक में उन्होंने अभियोजन कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए यह बात कही।

आयुक्त ने कहा कि कोर्ट में लंबित मामलों में अभियोजन की भूमिका बेहद अहम है। यदि गवाह समय पर प्रस्तुत नहीं होते या साक्ष्य अधूरे रहते हैं, तो न्याय में देरी होती है और इससे आम जनता का भरोसा कमजोर होता है। इसलिए अभियोजन अधिकारियों को हर केस की तैयारी पुख्ता करनी चाहिए और कोर्ट में तथ्यों के साथ अपनी बात दमदारी से रखनी चाहिए।


गंभीर अपराधों में करें प्राथमिकता से कार्रवाई

आयुक्त ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि गैंगस्टर एक्ट, पॉक्सो एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, महिला अपराध, हत्या, बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में अभियोजन को और अधिक सक्रिय होना होगा। उन्होंने कहा कि इन मामलों में गवाही और साक्ष्य की भूमिका निर्णायक होती है, इसलिए अभियोजन अधिकारी पुलिस विभाग से समन्वय स्थापित करें और कोर्ट में समय पर दस्तावेज और गवाह प्रस्तुत करें।

उन्होंने आगे कहा कि जो केस वर्षों से लंबित हैं, उन पर फोकस करते हुए समयबद्ध निर्णय सुनिश्चित किया जाए। इससे अपराधियों को कड़ी सजा मिल सकेगी और आम जनता में कानून का भय और विश्वास दोनों बने रहेंगे।


कार्रवाई का नियमित मूल्यांकन आवश्यक

बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि अभियोजन अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों का समय-समय पर मूल्यांकन किया जाएगा। कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसके अलावा हर जनपद में मॉनिटरिंग सेल बनाए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया, जो केसों की स्थिति पर निगरानी रखेगा।


सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों तक पहुंचे अभियोजन की कार्यवाही

आयुक्त ने सुझाव दिया कि अभियोजन विभाग अपनी प्रमुख कार्यवाहियों को सोशल मीडिया, प्रेस रिलीज़ और लोकल न्यूज पोर्टल्स के माध्यम से जनता तक पहुंचाए। इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहेगी, बल्कि अभियोजन विभाग के कार्यों की जानकारी भी आम जनता को मिलेगी।


प्रमुख निर्देशों का सार:

  1. प्रत्येक अभियोजन अधिकारी सभी वादों में नियमित और प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराएं।
  2. गंभीर अपराधों में साक्ष्य और गवाहों की समय पर प्रस्तुति सुनिश्चित करें।
  3. लंबित मामलों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
  4. समन्वय प्रणाली को मज़बूत बनाते हुए पुलिस और अभियोजन के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया जाए।
  5. जनपद स्तर पर समीक्षा तंत्र का गठन किया जाए ताकि हर केस पर निगरानी बनी रहे।

निष्कर्ष:

आयुक्त द्वारा दिए गए निर्देश यह स्पष्ट करते हैं कि देवीपाटन मंडल में अब अभियोजन कार्यों में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। सभी अभियोजन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर केस की सुनवाई समयबद्ध हो और साक्ष्य तथा गवाहों की प्रस्तुति में कोई कमी न रह जाए। इससे न केवल अपराधियों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी, बल्कि कानून व्यवस्था की नींव और अधिक मजबूत होगी।


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