Report – Sandeep Mishra, Raebareli Uttar Pradesh, Kadak Times
रायबरेली में भारत विकास परिषद के संस्कृति सप्ताह का तीसरा दिन, शिक्षाप्रद कहानी प्रतियोगिता में बच्चों ने बिखेरा हुनर
रायबरेली।
भारत विकास परिषद रायबरेली द्वारा आयोजित संस्कृति सप्ताह के अंतर्गत तीसरे दिन शिक्षाप्रद कहानी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। प्रतियोगिता का मुख्य विषय प्रेरणादायक कहानियाँ रहा। इस मौके पर बच्चों ने नैतिक मूल्यों, सामाजिक सरोकारों और जीवन के महत्वपूर्ण संदेशों से जुड़ी कहानियाँ प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ परिषद अध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव ने भारत माता और स्वामी विवेकानंद के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर किया। उन्होंने परिषद द्वारा संचालित संस्कार और सेवा गतिविधियों की जानकारी साझा की और नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
कहानियाँ बच्चों के जीवन की धरोहर – मदन लाल निगम
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष मदन लाल निगम ने विजेताओं को पुरस्कृत किया और कहा –
“कहानियाँ बच्चों को जीवनभर प्रेरित करती हैं। हमें अपने बच्चों को ऐसी कहानियाँ जरूर सुनानी चाहिए, जिनसे वे जीवनभर सीख ले सकें। तकनीक के इस दौर में जब बच्चों का झुकाव मोबाइल और इंटरनेट की ओर बढ़ रहा है, तब शिक्षाप्रद कहानियाँ उनके व्यक्तित्व निर्माण में अहम भूमिका निभाती हैं।”
विजेताओं की घोषणा
प्रतियोगिता को जूनियर और सीनियर वर्ग में विभाजित किया गया।
जूनियर वर्ग के विजेता
- प्रथम स्थान – वैष्णवी शुक्ला (राइजिंग चाइल्ड स्कूल)
- द्वितीय स्थान – अनुभव (हेमकुंड पब्लिक स्कूल)
- तृतीय स्थान – आद्विक शुक्ला (सेंट जेम्स स्कूल)
सीनियर वर्ग के विजेता
- प्रथम स्थान – आदित्य (टी.एन. मेमोरियल हायर सेकेंडरी स्कूल)
- द्वितीय स्थान – शौर्य प्रताप सिंह (राइजिंग चाइल्ड स्कूल) एवं आस्था सिंह (सेंट जेम्स स्कूल) – संयुक्त विजेता
- तृतीय स्थान – आद्विका सिंह (दयावती मोदी पब्लिक स्कूल)
निर्णायक मंडल और निष्पक्ष मूल्यांकन
प्रतियोगिता का मूल्यांकन वरिष्ठ पत्रकार शिव मनोहर पांडेय, राजेश मिश्रा और सुनीता सिंह ने किया। निर्णायकों ने प्रतिभागियों के उत्साह और रचनात्मकता की सराहना की।
आयोजक और संयोजक
महिला संयोजक वाणी पांडेय ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया।
सप्ताह संयोजिका विभा श्रीवास्तव ने सप्ताहभर चलने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा साझा की।
सह संयोजक उमेश अग्रवाल ने कहा कि परिषद भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हमेशा तत्पर है।
कार्यक्रम संयोजिका कंचन श्रीवास्तव ने प्रतियोगिता के नियम बताए।
कार्यक्रम का संचालन प्रभात श्रीवास्तव और ऊषा त्रिवेदी ने संयुक्त रूप से किया।
पूर्व महिला अध्यक्ष सीमा श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर परिषद के पूर्व क्षेत्रीय संरक्षक डॉ. आर.बी. श्रीवास्तव, प्रांतीय उपाध्यक्ष नवल किशोर बाजपेयी, पूर्व अध्यक्ष राकेश कक्कड़, गजानन खुबेले, राकेश मिश्रा, नीलिमा श्रीवास्तव, नागेंद्र बहादुर श्रीवास्तव, देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, सुरेश चंद्र शुक्ला, पवन श्रीवास्तव, डॉ. अमिता खुबेले, डॉ. चम्पा श्रीवास्तव, राजा राम मौर्य, विजय सिंह, नीलम शर्मा, विनोद दुबे, शशिकांत राय, शिव कुमार गुप्ता, अंजू बाला मौर्य और संध्या रॉय सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में सचिव अजय त्रिवेदी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
क्यों जरूरी हैं बच्चों के लिए प्रेरणादायक कहानियाँ?
आज के डिजिटल युग में कहानियों का महत्व और भी बढ़ गया है।
- कहानियाँ imagination और रचनात्मकता को बढ़ाती हैं।
- बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास करती हैं।
- भाषा, अभिव्यक्ति और आत्मविश्वास को मजबूत करती हैं।
- कठिन परिस्थितियों से निपटने की decision-making ability देती हैं।
संस्कृति सप्ताह की खासियत
भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित यह संस्कृति सप्ताह सिर्फ प्रतियोगिताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों और युवाओं में संस्कार, सेवा और संस्कृति के बीज बोने का अभियान है। आने वाले दिनों में भजन, नृत्य, वाद-विवाद और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।







