
रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश | कड़क टाइम्स
ऊंचाहार (रायबरेली): प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 20वीं किस्त के जारी होने का जश्न शनिवार को ऊंचाहार विकास खंड मुख्यालय में खास तरीके से मनाया गया। कार्यक्रम में सैकड़ों किसानों ने न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन देखा, बल्कि सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी भी हासिल की।
इस आयोजन का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी मोर्चा के प्रांतीय मंत्री अभिलाष कौशल ने किया। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का हर कदम देश के किसानों और गरीबों के कल्याण को समर्पित है। किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं भारतीय कृषि व्यवस्था को सशक्त बना रही हैं और किसानों को आत्मनिर्भरता की राह पर ले जा रही हैं।
कार्यक्रम में छाया रहा जोश, किसानों ने जताया भरोसा
सुबह से ही ऊंचाहार ब्लॉक मुख्यालय पर किसानों की भीड़ जुटने लगी थी। जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी का LIVE प्रसारण शुरू हुआ, वहां मौजूद किसानों ने ताली बजाकर और जयघोष के साथ स्वागत किया। मोदी ने अपने संबोधन में देश के किसानों को ₹2000 की 20वीं किस्त खाते में ट्रांसफर किए जाने की घोषणा की, जिससे किसानों के चेहरों पर राहत और उम्मीद की रेखाएं साफ नजर आईं।
अभिलाष कौशल ने अपने उद्बोधन में कहा:
“किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, राष्ट्र निर्माता भी हैं। प्रधानमंत्री मोदी का हर प्रयास किसानों की आय बढ़ाने, कृषि को आधुनिक बनाने और गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में है।”
योजनाएं बनीं खेती का भरोसेमंद Trading Tool
इस आयोजन के ज़रिए सरकार की कई योजनाओं को किसानों तक पहुंचाया गया, जिनमें शामिल थीं:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN): जिसके अंतर्गत हर वर्ष ₹6,000 सीधे किसानों के खातों में भेजे जाते हैं।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: जिससे प्राकृतिक आपदा के समय नुकसान की भरपाई होती है।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC): सस्ता ऋण और त्वरित फाइनेंशियल सहायता प्रदान करता है।
- मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना: खेत की मिट्टी के पोषण को समझकर उर्वरक का सही उपयोग सुनिश्चित करती है।
प्रमुख अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
इस खास आयोजन में प्रशासन और विभाग के कई महत्वपूर्ण अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे, जिनमें शामिल थे:
- राम लखन (एडीओ कृषि)
- शिवचरण वर्मा (ब्लॉक तकनीकी प्रबंधक)
- बृजेश कुमार (बीज भंडार प्रभारी)
- शैलेंद्र कुमार (तकनीकी सहायक)
- शिवप्रसाद चौरसिया (प्राविधिक सहायक)
- उदय प्रकाश त्रिपाठी (कंप्यूटर ऑपरेटर)
- पवन सिंह (मंडल अध्यक्ष)
- गुड्डन यादव (मंडल उपाध्यक्ष)
- शाहिद (समाजसेवी)
- अशोक कुमार श्रीवास्तव (पूर्व प्रधान)
- धर्मराज तिवारी (क्षेत्र पंचायत सदस्य)
साथ ही दर्जनों ग्राम प्रधानों, क्षेत्रीय नेताओं और लगभग हज़ार से अधिक किसानों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
किसानों की जुबानी
कार्यक्रम के अंत में जब कुछ किसानों से बात की गई, तो उनकी बातों में सरकार के प्रति भरोसा और योजनाओं के प्रति संतोष झलक रहा था।
ग्राम बैसौली के किसान रामप्रवेश यादव ने कहा,
“पहले हमें खेती के लिए महाजन से कर्ज लेना पड़ता था, अब ये ₹2000 की किस्त हमारे लिए बड़ी राहत बन गई है।”
ग्राम पंचायत देवगांव की महिला किसान मीरा देवी ने कहा,
“सरकार से सीधे पैसा मिलना भरोसे को बढ़ाता है। अब हम खुद तय करते हैं कि खेत में क्या बोना है और कैसे तैयारी करनी है।”
निष्कर्ष: किसान और सरकार के रिश्ते को किया मजबूत
ऊंचाहार में आयोजित यह कार्यक्रम सिर्फ एक सरकारी योजना का प्रचार नहीं था, बल्कि यह उस बदलते परिदृश्य का प्रतीक था जिसमें सरकार और किसान के बीच सीधा संवाद और विश्वास की डील हो रही है। योजनाएं अब केवल कागजों में नहीं, बल्कि Trading Assets की तरह काम कर रही हैं, जिनसे किसान की आजीविका को मजबूती मिल रही है।
इस तरह के आयोजनों से यह संदेश स्पष्ट होता है कि भारत का भविष्य खेती में ही नहीं, बल्कि किसान की ताकत में है। और जब किसान सशक्त होगा, तभी भारत आत्मनिर्भर बनेगा।