रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ,उत्तर प्रदेश कड़क टाइम्स
गोंडा | 02 सितम्बर 2025
गोंडा जिले में सड़क सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए जिला प्रशासन, परिवहन विभाग और पुलिस विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। “नो हेलमेट, नो पेट्रोल” अभियान की शुरुआत कर दी गई है। इस अभियान के तहत अब गोंडा में कोई भी दोपहिया वाहन चालक या उसका सहयात्री बिना हेलमेट पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं भरवा पाएगा।
क्या है “No Helmet, No Petrol” अभियान?
प्रदेश भर में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश एवं जिलाधिकारी गोंडा ने इस अभियान की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य लोगों को हेलमेट की अहमियत समझाना और दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
1 सितम्बर 2025 से 30 सितम्बर 2025 तक यह अभियान जिले के सभी पेट्रोल पंपों पर सख्ती से लागू रहेगा। प्रशासन का कहना है कि यह केवल नियम नहीं, बल्कि लोगों की जान बचाने का प्रयास है।
पेट्रोल पंप मालिकों को मिले कड़े निर्देश
जिलाधिकारी गोंडा ने सभी पेट्रोल पंप मालिकों को निर्देशित किया है कि:
- बिना हेलमेट आने वाले वाहन चालकों को किसी भी स्थिति में पेट्रोल न दिया जाए।
- पंप परिसर में बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगाकर लोगों को जागरूक किया जाए।
- नियमों का पालन न करने पर पंप मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम समय-समय पर पेट्रोल पंपों का निरीक्षण करेगी।
क्यों जरूरी है यह अभियान?
देशभर में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौतें दोपहिया वाहन चालकों की होती हैं। हेलमेट न पहनने से सिर पर गंभीर चोट लगती है और अक्सर हादसा जानलेवा साबित होता है।
हेलमेट पहनने के फायदे:
- सिर को चोट से बचाता है।
- अचानक दुर्घटना में जीवन रक्षक का काम करता है।
- कानून का पालन करने से जुर्माने से बचाव होता है।
जिलाधिकारी गोंडा ने कहा —
“हेलमेट पहनना केवल कानूनी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आपकी सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। हर वाहन चालक और सहयात्री को हेलमेट जरूर पहनना चाहिए।”
जनता से अपील
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि:
- पेट्रोल पंप पर जाने से पहले हमेशा हेलमेट पहनें।
- अपने बच्चों और परिवार को भी हेलमेट पहनने की आदत डालें।
- “नो हेलमेट, नो पेट्रोल” अभियान को सपोर्ट करें।
“आपकी सुरक्षा, आपका अधिकार है — हेलमेट पहनिए, जीवन बचाइए।”
लोगों की प्रतिक्रियाएं
इस अभियान पर जनता और सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई है। कई लोग मानते हैं कि यह कदम युवाओं को हेलमेट पहनने के लिए मजबूर करेगा।
एक कॉलेज छात्र ने कहा —
“अक्सर लोग स्टाइल दिखाने के लिए हेलमेट नहीं पहनते। लेकिन अब बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं मिलेगा, तो सबको पहनना ही पड़ेगा। यह अच्छा कदम है।”
एक पंप मालिक ने बताया —
“शुरुआत में थोड़ी परेशानी होगी, लेकिन यह लोगों की सुरक्षा के लिए है। हम पूरा सहयोग देंगे।”
प्रदेश स्तर पर असर
गोंडा जिले से शुरू हुआ यह अभियान आगे पूरे उत्तर प्रदेश में लागू हो सकता है। सरकार की प्राथमिकता सड़क हादसों को कम करना और हेलमेट की आदत को बढ़ावा देना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि —
“अगर हर कोई हेलमेट पहने तो सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या 40 प्रतिशत तक घट सकती है।”
निष्कर्ष
नो हेलमेट, नो पेट्रोल अभियान गोंडा में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने का ऐतिहासिक कदम है। संदेश साफ है —
“बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं, बिना हेलमेट सुरक्षा नहीं।”
अब यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह खुद भी हेलमेट पहने और दूसरों को भी जागरूक करे। यह केवल सरकार का नहीं, बल्कि हम सबका मिशन है।







