रायबरेली में ऐतिहासिक नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर | 2000 से अधिक मरीजों की जांच, जनता ने जताया आभार

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Report: Mayalakshmi Mishra | Raebareli, Uttar Pradesh | Kadak Times

रायबरेली, 3 अगस्त 2025
रायबरेली जनपद में एक बार फिर सेवा और समर्पण की एक मिसाल पेश की गई। गर्मी की भीषण दोपहर में जब लोग घर से बाहर निकलने से भी कतराते हैं, तब लखनऊ से आए डॉक्टर बंधुओं ने अपने कीमती समय को सेवा में समर्पित करते हुए नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में 2000 से अधिक मरीजों की जांच की।

यह शिविर राना बेनी माधव बख्श सिंह स्मारक समिति के सौजन्य से आयोजित हुआ। आयोजन इतना भव्य और सुव्यवस्थित था कि स्थानीय जनता से लेकर दूर-दराज से आए लोगों तक ने इसकी सराहना की।

सेवा का भाव ही असली पूजा है

इस आयोजन में न केवल डॉक्टरों ने अपनी भूमिका निभाई बल्कि हर स्तर पर सहयोग करने वाले स्थानीय युवा, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ ने भी कंधे से कंधा मिलाकर पूरी जिम्मेदारी निभाई।

डॉक्टरों की टीम द्वारा लीवर, हड्डी (Bone), फेफड़े (Lungs) और सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं की जांच की गई। CHC स्टाफ ने हर मरीज़ को दवाएं वितरित कीं और उन्हें आवश्यक परामर्श दिया।

आयोजन के मुख्य सहयोगी और आयोजक

राकेश सिंह राना, सदस्य जिला पंचायत, ने इस सेवा भाव को अपना कर्तव्य बताया। उन्होंने कहा –

“हम सभी एक परिवार की तरह हैं, यदि सेवा में कोई कमी रह गई हो तो मुझे अपना बेटा या भाई मानकर माफ कर दें। मैं अकेला कुछ नहीं हूं, यह सब आपके साथ और सहयोग से संभव हुआ है।”

साथ ही उन्होंने अजय पाल सिंह (मुन्ना भैया) सहित सभी बड़े भाइयों, इष्ट-मित्रों, और रायबरेली से आए मेहमानों का भी हृदय से धन्यवाद प्रकट किया।

ये थे शिविर के मुख्य आकर्षण

  • 2000+ लोगों की नि:शुल्क जांच
  • लीवर, फेफड़ों, हड्डियों और अन्य बीमारियों की विशेष जाँच
  • महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए विशेष हेल्थ चेकअप
  • दवा वितरण केंद्र की त्वरित सेवा
  • साफ-सफाई, पीने के पानी और छाया की समुचित व्यवस्था

जनता का भरोसा और बढ़ा

इस शिविर में आए अधिकांश लोगों ने बताया कि उन्हें पहली बार इतना व्यवस्थित और सेवा भाव से भरा आयोजन देखने को मिला। एक बुजुर्ग महिला ने कहा,

“इतनी गर्मी में भी डॉक्टर और भाई लोग जिस तरह हमारी चिंता कर रहे थे, वो भगवान की सेवा जैसा था।”


निष्कर्ष

यह नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर न केवल एक मेडिकल सेवा था, बल्कि यह एक संदेश था – “जहां भावना शुद्ध हो, वहाँ व्यवस्था अपने आप बनती है।” रायबरेली ने इस उदाहरण से सिद्ध कर दिया कि यदि जनप्रतिनिधि और समाज साथ आएं, तो कोई भी सेवा असंभव नहीं।


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