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नगर निगम की बेकाबू मशीन ने 5 साल के मासूम को कुचला, सिस्टम की लापरवाही ने फिर छीनी एक जिंदगी की खुशियाँ!

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रिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा रायबरेली, उत्तर प्रदेश,  कड़क टाइम्स

लखनऊ। ठाकुरगंज थाना क्षेत्र की प्रेरणास्थल चौकी के अंदर आने वाले बसंतकुंज सेक्टर–I में सोमवार दोपहर ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को हिला दिया और नगर निगम की कामकाज शैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। यहां नगर निगम की LSA कंपनी द्वारा चलाई जा रही रोड सफाई मशीन ने सड़क पर खेल रहे एक लगभग 5 साल के छोटे बच्चे को ऐसी तेज टक्कर मारी कि उसका पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। घटना को देखकर स्थानीय लोग सदमे में पड़ गए क्योंकि हादसा बेहद दर्दनाक और असहनीय था।

हैरानी की बात यह है कि जिस सफाई मशीन से यह दुर्घटना हुई वह न सिर्फ जर्जर हालत में थी, बल्कि उस पर एक सामान्य वाहन की तरह नंबर प्लेट भी नहीं लगी थी। ऐसा लग रहा था मानो यह मशीन किसी भी नियम-कानून के दायरे में आती ही न हो। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मशीन रोज़ाना कॉलोनी के अंदर से निकलती थी, लेकिन इसकी स्पीड और संचालन को लेकर कभी भी गंभीरता नहीं बरती गई।

दुर्घटना के बाद ड्राइवर बच्चे को टक्कर मारकर बिना पीछे देखे भाग निकला। लोगों का कहना है कि उसके फरार होने का तरीका ऐसा था जैसे उसे पूरा भरोसा हो कि इस शहर में ऐसे मामलों में न तो सख्त कार्रवाई होती है और न ही किसी अधिकारी से कोई जवाब मांगा जाएगा। ड्राइवर के भागते ही वहां अफरा-तफरी मच गई, लोग घायल मासूम को उठाकर अस्पताल ले जाने में जुट गए।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन लोगों के अनुसार पुलिस की भूमिका सिर्फ औपचारिकता निभाने तक की ही दिखाई दी। किसी ने यह तक कहा कि शायद ‘बिना नंबर की गाड़ी पकड़ना और उसके मालिक तक पहुंचना’ उतना आसान काम नहीं, और इसलिए पुलिस भी जल्दी कुछ करने के मूड में नहीं दिखी। इस लापरवाही ने लोगों को और गुस्सा दिला दिया।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि घटना के घंटों बाद भी नगर निगम का कोई अधिकारी मौके पर दिखाई नहीं दिया। मानो इस पूरी घटना का उनसे कोई लेना-देना ही न हो। लोगों का कहना है कि कई बार इस मशीन की तेज़ रफ़्तार और असुरक्षित संचालन को लेकर शिकायतें की गई थीं, लेकिन न तो कंपनी पर कोई कार्रवाई की गई और न ही वाहन के काग़ज़ात की जांच की गई।

अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि शहर में जिस मशीन को सफाई का काम करना चाहिए, वह इतनी बड़ी दुर्घटना का कारण कैसे बन गई? बिना नंबर और बिना सही चेकिंग के ऐसी मशीनें कॉलोनी के बीचों-बीच क्यों दौड़ रही हैं? किस विभाग ने इन्हें मंजूरी दी? क्या शहर की सड़कों पर चल रहे इन सरकारी वाहनों के लिए कोई नियम-कायदा नहीं?

लखनऊ स्मार्ट सिटी बनने का दावा करता है, लेकिन सड़क सुरक्षा और नागरिकों के जीवन की सुरक्षा पर नगर निगम और संबंधित विभागों की गंभीरता बार-बार संदेह के घेरे में आ रही है। एक मासूम बच्चे की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई, और यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की असंवेदनशीलता का दुखद सबूत है।

इलाके के लोग अब नगर निगम, LSA कंपनी और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं—

ड्राइवर की गिरफ्तारी, मशीन का पूरा दस्तावेज़ चेक, बिना नंबर वाहनों पर तुरंत रोक, और कॉलोनी के अंदर भारी वर्किंग मशीनों के प्रवेश पर कड़ाई।


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