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रायबरेली में जर्जर सड़क को लेकर नगर पालिका सभासदों का हल्ला बोल, ‘सभासद एकता जिंदाबाद’ के नारों से गूंजा इलाका

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रायबरेली में जर्जर सड़क को लेकर नगर पालिका सभासदों का हल्ला बोल, ‘सभासद एकता जिंदाबाद’ के नारों से गूंजा इलाका

संवाददाता – संदीप मिश्रा, रायबरेली


रायबरेली जनपद में रतापुर से गल्ला मंडी तक जाने वाली सड़क की दुर्दशा अब एक बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। वर्षों से मरम्मत का इंतजार कर रही इस सड़क को लेकर नगर पालिका के दर्जनों सभासदों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। खराब सड़कों और लापरवाह नगर निकाय प्रशासन के खिलाफ सभासदों ने मोर्चा खोलते हुए सार्वजनिक रूप से विरोध दर्ज कराया और चेतावनी दी कि यदि सड़क निर्माण कार्य शीघ्र शुरू नहीं हुआ तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।


📌 जनता की परेशानी बनी टूटी-फूटी सड़क

रतापुर से गल्ला मंडी तक की सड़क कई सालों से खस्ताहाल स्थिति में है। राहगीरों और स्थानीय व्यापारियों के लिए यह मार्ग किसी मुसीबत से कम नहीं। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे, पानी भराव और टूटी पटरियों के कारण रोज दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। स्कूली बच्चों, मरीजों और बुजुर्गों को खासकर भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।


🚨 सभासदों का आरोप: नजरअंदाज हो रहे हैं विकास कार्य

नगर पालिका से जुड़े सभासदों का आरोप है कि प्रशासन क्षेत्रीय विकास कार्यों के प्रति बेहद उदासीन रवैया अपना रहा है। उनका कहना है कि कई बार आवेदन और ज्ञापन देने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और राजनीतिक दबाव के कारण परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं।


🗣️ “सभासद एकता जिंदाबाद” के नारे और बैनर

प्रदर्शन के दौरान सभासदों ने हाथों में तख्तियां और बैनर थामे थे जिन पर लिखा था – “जनता की सड़क कब बनेगी?”, “हमारा वार्ड भी भारत का हिस्सा है”, “सभासद एकता जिंदाबाद।” यह विरोध प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन सभासदों के तेवर तीखे दिखे।


📜 जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

प्रदर्शन के बाद सभासदों का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा और ज्ञापन सौंपा। इसमें प्रशासन से मांग की गई कि सड़क निर्माण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाए और टेंडर प्रक्रिया की निगरानी सुनिश्चित हो।


📢 स्थानीय जनता ने भी दिया समर्थन

सभासदों के इस आंदोलन को आम जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। व्यापारियों, रिक्शा चालकों, स्कूल संचालकों और आम नागरिकों ने सड़क की दुर्दशा पर अपनी चिंता जताई और कहा कि प्रशासन को अब कोई बहाना नहीं बनाना चाहिए।


🔍 पहले भी उठ चुके हैं विकास से जुड़े सवाल

इससे पहले भी रायबरेली के विभिन्न इलाकों में सभासदों ने भ्रष्टाचार, सफाई व्यवस्था और जल निकासी जैसी समस्याओं को लेकर नगर पालिका के खिलाफ आवाज उठाई है। गल्ला मंडी रोड का मुद्दा भी उन्हीं में से एक है जो लंबे समय से नजरअंदाज होता आ रहा है।


💬 सभासदों के बयान

सभासद प्रतिनिधि राकेश यादव ने कहा, “ये सड़क सिर्फ सीमेंट और तारकोल का मामला नहीं है, यह हमारे क्षेत्र की प्रतिष्ठा और जनता की सुविधा से जुड़ा विषय है। हम अब चुप नहीं बैठेंगे।”

एक अन्य सभासद सीमा चौधरी ने बताया, “इस सड़क की हालत ऐसी है कि एंबुलेंस तक घुस नहीं पाती। बच्चों को स्कूल भेजना खतरे से खाली नहीं। हमने एकजुट होकर संघर्ष का रास्ता चुना है।”


📈 अब जनता को है एक्शन की उम्मीद

लंबे समय से समस्याएं झेल रहे स्थानीय नागरिक अब इस आंदोलन से कुछ उम्मीद लगाए बैठे हैं। लोग चाहते हैं कि सिर्फ आश्वासन नहीं, जमीन पर काम दिखाई दे।


निष्कर्ष: बदलाव की मांग अब आंदोलन में बदल चुकी है

सड़क निर्माण जैसे मुद्दे अक्सर राजनीतिक बहस का विषय बनते हैं लेकिन जमीन पर इसका सीधा असर जनता की ज़िंदगी पर पड़ता है। रायबरेली में उठी यह आवाज़ सिर्फ एक सड़क के लिए नहीं, बल्कि सिस्टम की जवाबदेही तय करने के लिए है। सभासदों का यह कदम आने वाले समय में और इलाकों में बदलाव की नींव बन सकता है, बशर्ते प्रशासन वक्त रहते चेत जाए।


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