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मिशन शक्ति 5.0: गोंडा में ‘शक्ति दीदी’ बनीं गांव की रक्षक, महिलाओं को मिली सुरक्षा और सम्मान की नई राह

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रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश, Kadak Times
तारीख: 27 जून 2025


गोंडा।
महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता को समर्पित उत्तर प्रदेश सरकार की “मिशन शक्ति अभियान 5.0” अब ज़मीनी स्तर पर असर दिखाने लगा है। इस अभियान के तहत जिले के सभी थानों में नियुक्त महिला बीट अधिकारियों—जिन्हें अब “शक्ति दीदी” के नाम से पहचाना जा रहा है—ने गांवों में चौपाल लगाकर न सिर्फ महिलाओं और किशोरियों की समस्याएं सुनीं, बल्कि उन्हें सरकारी सहायता और अधिकारों की जानकारी भी दी।

पुलिस अधीक्षक श्री विनीत जायसवाल के निर्देशन में और अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी श्री मनोज कुमार रावत एवं पश्चिमी श्री राधेश्याम राय की देखरेख में यह अभियान प्रत्येक गांव तक पहुंच रहा है।


चौपाल बनी संवाद का सेतु, महिलाओं को मिला बोलने का मंच

गांवों में आयोजित इन चौपालों में महिलाओं को यह भरोसा मिला कि उन्हें अपनी शिकायत के लिए बार-बार थाने नहीं जाना पड़ेगा। बीट अधिकारी (महिला पुलिसकर्मी) स्वयं गांव आकर चौपाल लगाती हैं और महिलाओं की समस्याओं पर चर्चा कर मौके पर ही समाधान का प्रयास करती हैं।

यह पहल खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों की उन महिलाओं के लिए राहत लेकर आई है, जो अब तक अपनी बात कहने से डरती थीं। अब उन्हें एक पहचान मिल रही है और शक्ति दीदी उनके लिए सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी हैं।


मनचलों को मिला Red Card, महिलाओं से लिया फीडबैक

महिला बीट अधिकारियों ने अपने क्षेत्रों में सक्रिय होकर मनचलों व असामाजिक तत्वों को रेड कार्ड जारी किए, जिससे यह साफ संदेश गया कि महिलाओं की सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं महिलाओं और बालिकाओं से फीडबैक फॉर्म भरवाकर उनकी राय और अनुभव भी दर्ज किए गए।

इस कदम ने पुलिस और पब्लिक के बीच संवाद और विश्वास की एक नई शुरुआत की है। अब महिलाएं खुलकर अपनी बात रख रही हैं और कानून से जुड़ाव महसूस कर रही हैं।


बच्चों को Good Touch – Bad Touch की समझ

चौपालों में बच्चों के लिए खास सेशन का आयोजन भी किया गया, जिसमें उन्हें गुड टच और बैड टच के बीच फर्क बताया गया। इसके साथ ही उन्हें चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी दी गई, ताकि ज़रूरत के समय वे सहायता प्राप्त कर सकें।

बच्चों को यह भी सिखाया गया कि अजनबियों से सावधान रहें, किसी के बहकावे में न आएं और किसी भी असामान्य व्यवहार को तुरंत अपने माता-पिता या स्कूल टीचर को बताएं।


महिलाओं को बताए गए जरूरी हेल्पलाइन नंबर

अभियान के दौरान महिलाओं और किशोरियों को इन सरकारी सहायता नंबरों की जानकारी दी गई:

इन नंबरों के ज़रिए महिलाएं किसी भी प्रकार की परेशानी या उत्पीड़न की स्थिति में सीधे मदद ले सकती हैं।


साइबर क्राइम और सोशल मीडिया से सुरक्षा

कार्यक्रम में सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहे उत्पीड़न, फेक प्रोफाइल, अश्लील मैसेजिंग, ब्लैकमेलिंग आदि पर भी चर्चा की गई। महिला बीट अधिकारियों ने लड़कियों को जागरूक किया कि ऐसे मामलों में डरने की जगह तत्काल साइबर सेल या 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।


निष्कर्ष: एक नई शुरुआत, जहां पुलिस डर की नहीं, भरोसे की पहचान बन रही है

गोंडा में मिशन शक्ति अभियान 5.0 सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन है। शक्ति दीदी की पहल से महिलाएं अब खुद को अकेला नहीं समझतीं, बल्कि उन्हें लगता है कि पुलिस अब सिर्फ वर्दी में नहीं, बल्कि उनके गांव की चौपाल में उनके साथ बैठती है और उनकी बात सुनती है।

यह अभियान साबित कर रहा है कि जब सरकारी योजना में संवेदना और सहभागिता जुड़ती है, तब बदलाव ज़रूर होता है।


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