
मिशन शक्ति अभियान 5.0: गोंडा में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की ओर सशक्त कदम
रिपोर्टर: आशीष श्रीवास्तव, नवाबगंज, गोंडा
दिनांक: 27 मई 2025
गोंडा जिले में महिला सुरक्षा और सम्मान को नई दिशा देने के लिए चलाया जा रहा Mission Shakti Abhiyan 5.0 अब एक सशक्त जनांदोलन बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की इस महत्त्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत अब गांव-गांव तक महिला जागरूकता की किरण पहुँच रही है।
जिला पुलिस अधीक्षक श्री विनीत जायसवाल के निर्देशन में चल रहे इस अभियान के तहत महिला बीट अधिकारी — जिन्हें अब लोग सम्मानपूर्वक शक्ति दीदी के नाम से पुकारते हैं — गांवों में जाकर चौपालों के माध्यम से महिलाओं और बच्चियों से सीधे संवाद कर रही हैं। इस पहल का उद्देश्य न सिर्फ उनकी समस्याएं सुनना है, बल्कि मौके पर ही उनका समाधान भी सुनिश्चित करना है।
गांवों में चौपाल: संवाद से समाधान तक का सफर
गोंडा जनपद के हर थाने में तैनात महिला बीट अधिकारी इन दिनों अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे गांवों में पहुंचकर महिलाओं के साथ मिल बैठ रही हैं, उनकी परेशानियां सुन रही हैं और उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी दे रही हैं। साथ ही उन्हें विभिन्न महिला हेल्पलाइन नंबर जैसे:
- 1090 (वुमेन पावर लाइन),
- 181 (महिला हेल्पलाइन),
- 1098 (चाइल्डलाइन),
- 1930 (साइबर क्राइम हेल्पलाइन),
- 108 व 102 (एम्बुलेंस सेवा),
- 1076 (सीएम हेल्पलाइन)
के उपयोग और लाभ के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
रेड कार्ड की चेतावनी और मनचलों को सख्त संदेश
आज दिनांक 27 मई 2025 को सभी थाना क्षेत्रों की महिला बीट अधिकारियों ने क्षेत्र में भ्रमण कर मनचलों को रेड कार्ड थमाए। यह केवल प्रतीक नहीं, बल्कि एक कड़ा संदेश था कि अब महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
साथ ही महिलाओं और किशोरियों से Feedback Forms भरवाकर उनकी प्रतिक्रियाएं जानी गईं, जिससे यह समझा जा सके कि किन क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर सुधार की आवश्यकता है।
बच्चों की सुरक्षा भी अभियान का हिस्सा
चौपालों में न सिर्फ महिलाएं, बल्कि छोटे बच्चे भी शामिल हुए। उन्हें गुड टच और बैड टच की विस्तृत जानकारी दी गई। बच्चों को बताया गया कि किसी अजनबी से खाने-पीने की चीजें न लें, अनजान व्यक्ति की बातों में न आएं और अगर किसी भी तरह की परेशानी हो तो 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
स्कूल जाने वाले बच्चों से यह भी पूछा गया कि उन्हें रास्ते में कोई परेशानी तो नहीं होती। बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित किया गया और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया गया।
महिलाओं को मिला आत्मबल और जानकारी
महिला चौपालों में शक्ति दीदी ने महिलाओं को यह बताया कि अब उन्हें चुप रहने की जरूरत नहीं है। वे अपनी आवाज़ खुद बनें। चाहे छेड़छाड़ हो, शोषण हो या फिर सोशल मीडिया उत्पीड़न — अब हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा।
महिलाओं को यह भी जानकारी दी गई कि अगर वे किसी योजना जैसे:
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना,
- उज्ज्वला योजना,
- जननी सुरक्षा योजना
का लाभ लेना चाहें, तो किस प्रक्रिया से आवेदन किया जा सकता है।
साइबर क्राइम से कैसे रहें सुरक्षित
आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा एक अहम मुद्दा है। शक्ति दीदी ने महिलाओं और किशोरियों को यह बताया कि सोशल मीडिया पर होने वाली हरकतों के प्रति सतर्क रहें। यदि कोई परेशान करे या गलत मैसेज भेजे तो 1930 साइबर हेल्पलाइन पर तुरंत सूचना दें। उन्हें यह भी सिखाया गया कि साइबर शोषण को कैसे पहचाना जाए और उसका सामना कैसे किया जाए।
समाज में बदलाव की बयार
इस अभियान से ग्रामीण समाज में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। अब महिलाएं खुलकर अपनी बातें रख रही हैं। वे शक्ति दीदी को भरोसेमंद साथी मानकर अपनी समस्याएं साझा करती हैं।
रामपुर गाँव की सरिता देवी कहती हैं, “पहले हम अपनी बात कहने में डरते थे। अब चौपाल में सब कुछ खुलकर कहते हैं। शक्ति दीदी सुनती हैं और कार्रवाई भी होती है।”
नारी सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक पहल
Mission Shakti Abhiyan 5.0 केवल जागरूकता का माध्यम नहीं, बल्कि women empowerment in Uttar Pradesh की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बन चुका है। यह महिलाओं को सुरक्षित, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बना रहा है।
गोंडा जनपद में इस योजना को जिस तरह से लागू किया जा रहा है, वह पूरे राज्य के लिए प्रेरणास्रोत है। यहां महिलाएं अब खुद को असहाय नहीं, बल्कि ताकतवर और जागरूक महसूस कर रही हैं।
निष्कर्ष
गोंडा में चल रहा Mission Shakti Abhiyan 5.0 एक नई सोच, नई दिशा और नए आत्मबल का प्रतीक बन चुका है। शक्ति दीदी और एंटी रोमियो स्क्वॉड की टीम जिस समर्पण से गांव-गांव जाकर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा कर रही है, वह निश्चित रूप से प्रदेश की कानून व्यवस्था और सामाजिक विकास को मजबूती प्रदान कर रहा है।
सरकार की यह योजना दर्शाती है कि “बेटी अब बोझ नहीं, बराबरी की भागीदार है।” और शक्ति दीदी के माध्यम से यह संदेश हर घर, हर गांव तक पहुंच रहा है।