
रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, कड़क टाइम्स
रायबरेली।
महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सहायता के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे वन स्टॉप सेंटर (One Stop Center) की व्यवस्था को और अधिक सशक्त व प्रभावी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायबरेली के अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश श्री राजकुमार सिंह के दिशा-निर्देशन में अपर जिला जज/सचिव श्री अनुपम शौर्य द्वारा रायबरेली स्थित वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया गया।
इस औचक निरीक्षण की खबर फैलते ही महिलाओं से जुड़ी संस्थाओं और कानून व्यवस्था में रुचि रखने वाले लोगों के बीच महिला सशक्तिकरण, वन स्टॉप सेंटर रिव्यू, और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एक्टिविटी जैसे शब्दों में गूगल सर्च में अचानक उछाल देखा गया।
निरीक्षण के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री जयपाल वर्मा, वन स्टॉप सेंटर की मैनेजर आस्था ज्योति, काउंसलर श्रद्धा सिंह, केसवर्कर अर्चना सिन्हा एवं पराविधिक स्वयं सेवक पवन कुमार श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।
महिला सहायता सेवाओं की ग्राउंड रिपोर्ट
निरीक्षण के दौरान अपर जिला जज/सचिव ने वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी ली। सेन्टर मैनेजर आस्था ज्योति ने उन्हें अवगत कराया कि यहां पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा, ठहरने की सुविधा, मानसिक परामर्श (Counseling), स्वास्थ्य सेवा, तथा कानूनी सहायता जैसे ज़रूरी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
निरीक्षण में यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी महिला को न्याय से वंचित न किया जाए और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए।
प्रार्थना पत्र पर हो त्वरित कार्रवाई
निरीक्षण के दौरान अपर जिला जज/सचिव ने यह स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि किसी महिला या बालिका द्वारा कोई समस्या संबंधित प्रार्थना पत्र के रूप में दी जाती है, तो उसे बिना किसी देरी के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय को भेजा जाए, जिससे त्वरित विधिक सहायता प्रदान की जा सके।
नवांगतुक महिलाओं के लिए विशेष निर्देश
निरीक्षण में यह भी निर्देशित किया गया कि जो भी नवांगतुक महिलाएं या बालिकाएं वन स्टॉप सेंटर पर आती हैं, उन्हें न केवल विधिक अधिकारों की जानकारी दी जाए, बल्कि चिकित्सकीय परीक्षण, मानसिक स्वास्थ्य सेवा, और दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुएं जैसे कि कपड़े, सेनेटरी पैड्स, दवाएं आदि भी नियमानुसार उपलब्ध कराई जाएं।
Counseling और Case Support में हो सुधार
निरीक्षण के दौरान मौजूद काउंसलर श्रद्धा सिंह और केसवर्कर अर्चना सिन्हा से संवाद करते हुए अपर जिला जज/सचिव ने सलाह दी कि केसवर्क की प्रक्रिया को और पारदर्शी और पीड़िता-केंद्रित बनाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हर केस का Documentation पूरी गंभीरता से किया जाए, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की लीगल जरूरत पर सही साक्ष्य प्रस्तुत किया जा सके।
महिला सुरक्षा को लेकर सिस्टम अलर्ट
यह निरीक्षण इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अब प्रशासन महिला सुरक्षा को लेकर और ज्यादा सेंसिटिव और प्रो-एक्टिव हो चुका है। रायबरेली जैसे जिले में जहां ग्रामीण और अर्ध-शहरी आबादी की महिलाएं अक्सर हिंसा या उत्पीड़न की शिकार होती हैं, वहां इस प्रकार की संस्थाएं उनका एक मात्र सहारा बनती हैं।
सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना निरीक्षण
निरीक्षण की खबर सामने आते ही #OneStopCenter, #WomenSafety, #RaebareliNews, और #LegalAwareness जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे। लोग यह जानकर संतुष्ट हैं कि ज़मीनी स्तर पर सुधार की प्रक्रिया सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि अब कार्रवाई वास्तव में धरातल पर नजर आ रही है।
भविष्य की राह और चुनौतियाँ
रायबरेली वन स्टॉप सेंटर में तमाम सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन अभी भी संसाधनों की सीमाएं बनी हुई हैं। मानव संसाधन की कमी, समय पर मिलने वाली सरकारी फंडिंग, और संवेदनशील मामलों में तेजी से न्याय दिलाने की चुनौती अब भी बनी हुई है।
अपर जिला जज/सचिव ने यह आश्वासन दिया कि आने वाले समय में वन स्टॉप सेंटर को और बेहतर बनाने के लिए शासन स्तर पर सिफारिशें की जाएंगी और महिलाओं के हक में हर संभव प्रयास किया जाएगा।
निष्कर्ष:
रायबरेली में महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया यह कदम निश्चित ही एक प्रेरणा है। न्यायपालिका और प्रशासन जब एक साथ काम करते हैं, तो समाज में बदलाव की बयार आनी तय होती है। यह निरीक्षण केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं था, बल्कि यह एक सशक्त संदेश था कि “महिलाएं अब अकेली नहीं हैं, सिस्टम उनके साथ है।”