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महिलाओं से छिनैती करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, तमंचा-बाइक बरामद

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रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश

गोंडा, उत्तर प्रदेश। अपराध की दुनिया में एक बार फिर हलचल मच गई है। गोंडा पुलिस ने नवाबगंज थाना क्षेत्र के कटी तिराहे पर दो कुख्यात अपराधियों को दबोच लिया। पुलिस और बदमाशों के बीच हुई इस मुठभेड़ में एक अपराधी के पैर में गोली लगी, जबकि दूसरा भी गिरफ्त में आ गया। पुलिस ने इनके कब्जे से चोरी की मोटरसाइकिल, एक अवैध हथियार, तीन मोबाइल फोन और नकदी बरामद की है। यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है और पुलिस की सक्रियता व सख्त नीति को दर्शाती है।


मुठभेड़ का विवरण

यह घटना बीती रात करीब 9 बजे की है, जब गोंडा पुलिस की विशेष कार्य बल (SOG), मोतीगंज और नवाबगंज थानों की संयुक्त टीम इलाके में गश्त कर रही थी। तभी पुलिस को सूचना मिली कि दो संदिग्ध युवक बिना नंबर प्लेट की Apache मोटरसाइकिल पर क्षेत्र में घूम रहे हैं।

जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिसमें एक आरोपी अंकित सिंह के दाहिने पैर में गोली लगी। उसे तुरंत इलाज के लिए भेजा गया और बाद में गोंडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उसका साथी शिवम यादव भी दबोच लिया गया।

बरामदगी में पुलिस को मिली –


अपराधियों का इतिहास

गोंडा के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि अंकित सिंह और शिवम यादव एक संगठित गिरोह का हिस्सा थे, जो लंबे समय से गोंडा और आसपास के इलाकों में छिनैती और लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।

ये अपराधी अक्सर महिलाओं को निशाना बनाते थे और उनके मोबाइल, पर्स व कीमती सामान छीन लेते थे।

इसके अलावा, दोनों आरोपी नवाबगंज और करनैलगंज थानाक्षेत्र में भी कई मामलों में शामिल रहे हैं। पुलिस अब इनके आपराधिक रिकॉर्ड की गहन जांच कर रही है, ताकि इनके गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके।


पुलिस की कार्रवाई और रणनीति

यह मुठभेड़ गोंडा पुलिस की सतर्कता और अपराध के खिलाफ उनकी Zero Tolerance Policy का परिणाम है। हाल के महीनों में जिले में छिनैती और चोरी की वारदातें बढ़ी थीं, जिसके बाद पुलिस ने अपनी रणनीति को और मजबूत किया।

SOG और थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने इन अपराधियों को पकड़कर कानून व्यवस्था को लेकर अपराधियों को सख्त संदेश दिया है। इस कार्रवाई की स्थानीय लोग भी जमकर सराहना कर रहे हैं।


अपराध का बदलता स्वरूप

गोंडा में हाल के वर्षों में अपराधियों का तरीका बदला है। अब वे संगठित होकर काम कर रहे हैं और तेज रफ्तार मोटरसाइकिल का उपयोग करके वारदात को अंजाम देते हैं। ऐसे अपराधी खासतौर पर महिलाओं और बुजुर्गों को टारगेट करते हैं।

लेकिन गोंडा पुलिस की यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि चाहे रणनीति कितनी भी शातिर क्यों न हो, अपराधी कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते।


पुलिस के सामने चुनौतियां

इस मुठभेड़ ने पुलिस की चुनौतियों को भी उजागर किया है।

  1. अपराधियों का संगठित होना और हथियारों का इस्तेमाल करना।
  2. जनता का पुलिस पर विश्वास बनाए रखना

पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने कहा –
“हमारा लक्ष्य गोंडा को अपराध मुक्त बनाना है। टीमें लगातार काम कर रही हैं। हम न केवल अपराधियों को पकड़ रहे हैं बल्कि उनके नेटवर्क को भी तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।”


जनता की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद लोगों में उत्साह और राहत दोनों देखने को मिली। सोशल मीडिया पर लोग पुलिस की तारीफ करते हुए लिख रहे हैं कि सही समय पर सही कदम उठाया गया। वहीं कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि अपराध क्यों बढ़ रहे हैं और क्या मौजूदा रणनीति लंबे समय तक असरदार रहेगी।

फिलहाल, इस कार्रवाई ने पुलिस के प्रति जनता का भरोसा मज़बूत किया है।


निष्कर्ष

गोंडा में हुई इस मुठभेड़ ने दो शातिर अपराधियों को पकड़कर यह साबित कर दिया कि पुलिस पूरी तरह सजग और सख्त है। चोरी की बाइक, अवैध हथियार और मोबाइल फोन की बरामदगी से साफ है कि यह गिरोह संगठित अपराध में शामिल था।

यह घटना न सिर्फ गोंडा बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। पुलिस की इस कार्रवाई ने अपराधियों को साफ संदेश दे दिया है –
👉 कानून से बचना नामुमकिन है


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